फेक न्यूज

Explained in Data : 2023 में तेलंगाना में फेक न्यूज के सबसे ज्यादा मामले आए सामने, यूपी में 198 केस हुए दर्ज
वॉट्सऐप , फेसबुक और एक्‍स पर सबसे ज्‍यादा फर्जी व भ्रामक खबरें शेयर की जाती है। जिनकी विश्‍वास न्‍यूज की ओर से लगातार पड़ताल करके सच्‍चाई जनता के सामने लाई जाती है।

नई दिल्‍ली 20 अक्टूबर2025 । डिजिटल युग में फेक और भ्रामक सूचनाओं से न सिर्फ समाज में नफरत, हिंसा बढ़ती है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी होता है। कई बार ऐसी सूचनाओं और अफवाहों के कारण लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी। अधिकांश फर्जी सूचना व अफवाहों को आग की तरह फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्‍तेमाल किया जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जहां एक-दूसरे को जोड़ने का सक्रिय माध्‍यम है, वहीं कुछ लोग फेक न्‍यूज फैलाने के लिए भी इसका इस्‍तेमाल करते हैं। वॉट्सऐप , फेसबुक और एक्‍स पर सबसे ज्‍यादा फर्जी व भ्रामक खबरें शेयर की जाती है। जिनकी विश्‍वास न्‍यूज की ओर से लगातार पड़ताल करके सच्‍चाई जनता के सामने लाई जाती है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, फॉल्स/फेक न्यूज/अफवाह फैलाए जाने से संबंधित मामलों को आईपीसी की धारा 505 और आईटी एक्‍ट में किया गया है। रिपोर्ट “क्राइम इन इंडिया” के मुताबिक, 2023 में फेक न्यूज फैलाए जाने के खिलाफ कुल 1087 मुकदमे लिखे गये । 2022 में 858 मुकदमे हुए, जबकि 2021 में ऐसे कुल 882 मुकदमे लिखे गए थे। 2020 में ऐसे कुल 1527 मुकदमे लिखे गए थे। सबसे ज्‍यादा केस तेलंगाना में 275 मुकदमे लिखे गए, जबकि उत्तर प्रदेश में 198 और बिहार में 34 मुकदमें वर्ष 2023 में लिखे गये।

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