मधुमेह:चीनी छोडने से क्या होगा?

10 दिनों तक चीनी बिल्कुल न लेने पर शरीर पर पड़ता है यह असर

अब कई लोग ये समझने लगे हैं कि ज़्यादा चीनी शरीर को नुक़सानदेह है
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अध्ययन के अनुसार भारत में 56 प्रतिशत शहरी परिवार माह में तीन या अधिक बार केक,बिस्किट,चॉकलेट, आइसक्रीम जैसी चीज़ें खाते हैं.इनमें 18 प्रतिशत परिवार रोज़ ऐसी चीज़ें खाते हैं.

ध्यान दें, अध्ययन प्रतिभागियों में से 55 प्रतिशत ने कहा कि वे चीनी वाली चीज़ें खाना पूरी तरह से बंद नहीं कर सकते, लेकिन ऐसी चीज़ें ज़रूर चाहते हैं जिनमें शुगर यानी चीनी की मात्रा घटे.

हमारी दिलचस्पी यह जानने में है कि हम जो खा रहे हैं,उसमें शुगर की कितनी है.बहुत से लोग समझने लगे हैं कि ‘ज़्यादा शुगर’ शरीर को हानिकारक है.चीनी कम करना चाहते हैं,तो ज़रूरी है कि कुछ दिन सभी तरह की मीठी चीज़ें खाना छोड़े.इसमें व्हाइट शुगर हो या ब्राउन शुगर एक जैसी हैं.

बहुत लोग इंटरनेट पर पोस्ट करते हैं कि 10 दिन चीनी छोडने से  उनके “चेहरे पर चमक” आई और “वज़न कम” हुआ.

ये रहे ‘चीनी पूरी तरह छोडने’ से जुड़े 6 सवालों के जवाब

1. हम चीनी क्यों छोडें?

ज़्यादा ऐडेड शुगर हानिकारक है

सवाल के जवाब से पहले दो तरह के शुगर के बारे में जानें.
पहला,ऐडेड शुगर,मतलब किसी भी तरह का शुगर या स्वीटनर जिसे खाने या पीने की चीज़ों में मिलाया जाता है.व्हाइट शुगर, ब्राउन शुगर,शहद,गुड़,बिस्किट,केक और सॉफ़्ट ड्रिंक, सभी इस श्रेणी में हैं. यहां तक कि प्राकृतिक शहद भी ऐडेड शुगर श्रेणी में ही है.
कई अध्ययन चेताते हैं कि ऐडेड शुगर का अधिक सेवन हानिकारक है.

दूसरी श्रेणी शुगर दूध,फलों और सब्ज़ियों में प्राकृतिक है. डॉक्टरों के अनुसार शुगर की ये श्रेणी स्वास्थ्य अनुकूल है.
2023 में ‘लैंसेट’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारत में 10.1 करोड़ लोग डायबिटीक है.अध्ययन में ये भी है कि डायबिटीज़ के सर्वाधिक मामले गोवा (26.4%), पुडुचेरी (26.3%) और केरल (25.5%) में हैं.

चेन्नई के मधुमेह विशेषज्ञ डॉक्टर सिंथिया दिनेश कहते हैं, “केवल डायबिटीज़ ही नहीं, बहुत ज़्यादा ऐडेड शुगर हमारे शरीर को कई अर्थों में हानिकारक है.”

उनकी चेतावनी हैं कि इससे टाइप-2 डायबिटीज़ और इंसुलिन प्रतिरोध, मोटापा (ख़ासकर कमर की चौड़ाई बढ़ना), नॉन-एल्कोहलिक फ़ैटी लिवर डिज़ीज़, दिल की बीमारी और दांतों की सड़न का ख़तरा है.

2. क्या हमारे शरीर को वाक़ई शुगर चाहिए?
चीनी से परहेज़ ज़रूरी
यूएस नेशनल इंस्टिट्यूट्स ऑफ़ हेल्थ के मुताबिक़ हमारे शरीर को ग्लूकोज़ की ज़रूरत होती है.ग्लूकोज़ एक तरह का शुगर है, जो दिमाग़ के फ़ंक्शन को ज़रूरी होता है. यह पूरे शरीर की एनर्जी का महत्वपूर्ण स्रोत है.

लेकिन आपको आहार में अलग से ग्लूकोज़ शामिल करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि शरीर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फ़ैट जैसे फ़ूड मॉलिक्यूल्स को तोड़कर ज़रूरी ग्लूकोज़ पा लेता है.

3. क्या हमें फलों में मौजूद शुगर से भी बचना चाहिए?

फलों और सब्ज़ियों में प्राकृतिक रूप से शुगर होता है
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक आर्टिकल में है, कि “शुगर उन सभी खाने की चीज़ों में प्राकृतिक  होती है जिनमें कार्बोहाइड्रेट है, जैसे फल और सब्ज़ियां, अनाज और डेयरी प्रोडक्ट्स. जिन खाद्य चीज़ों में शुगर प्राकृतिक है, उनके सेवन से हानि नहीं है.”

इसके अलावा, “वानस्पतिक खाद्य में फ़ाइबर, आवश्यक खनिज और एंटी ऑक्सीडेंट भी अच्छी मात्रा में हैं. डेयरी उत्पाद में प्रोटीन और कैल्शियम होता है.” लेख के अनुसार , “मानव शरीर यें चीज़ें धीरे-धीरे पचाता है, इसलिए इनका शुगर हमारी कोशिकाओं को बिना उतार-चढ़ाव लगातार ऊर्जा देती है. अधिक फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज खाने से मधुमेह और हृदय रोगों का ख़तरा भी घटता है.”

उदाहरण को,आप संतरा खाते हैं, तो आपको नैचुरल शुगर के साथ-साथ बहुत सारे पोषक तत्व और फ़ाइबर भी मिलते हैं.

4. चीनी नकारने पर क्या होता है?
चीनी छोड़ने से स्वास्थ्य को कई लाभ हैं
डॉक्टर सिंथिया कहते हैं, “ऐडेड शुगर घटाने के कई लाभ हैं. उदाहरण को, कम कैलोरी लेने से दांतों के स्वास्थ्य में सुधार और वज़न घटना. लेकिन ऐडेड शुगर छोडने पर शुरुआत में कुछ लोगों को सिरदर्द, थकान या मूड स्विंग जैसे कुछ लक्षण दिख सकते हैं.”

वहीं चेन्नई की न्यूट्रिशनिस्ट तारिणी कृष्णन कहती हैं, “कुछ लोगों को ऐसा अनुभव इसलिए होता है क्योंकि उनके आहार में बहुत अधिक शुगर शामिल किया हुआ था. उदाहरण को, मैंने ऐसे लोग देखे हैं जो एक कप कॉफ़ी में 4 से 6 चम्मच व्हाइट शुगर मिलाते हैं. उन्हें ऐसी दिक़्क़तें हो सकती हैं, नहीं तो ऐडेड शुगर छोडने से ज़्यादातर लोगों को कोई समस्या नहीं होती है.”

5. शुगर छोड़ने के लाभ  कितने दिनों में दिखते हैं?

अधिक फल,सब्ज़ियां और साबुत अनाज खाने से मधुमेह और दिल की बीमारियों का ख़तरा भी कम होता है
अमेरिका में मोटापे से जूझते बच्चों में एक अध्ययन (2015) में पाया गया कि 10 दिनों तक ऐडेड शुगर पूरी तरह छोडने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर लेवल बदला देखा गया, हालांकि शरीर के वज़न में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं हुआ.

डॉक्टर सिंथिया कहते हैं, “ऐडेड शुगर छोड़ने से  पांच से छह दिनों में हमारा पाचन तंत्र सुधरने लगता है. सात से आठ दिनों में मूड में सकारात्मक बदलाव होने लगता है. नौ से दस दिनों में त्वचा में निखरने लगती है.डायबिटिक लोगों को तीन से पांच दिनों में ब्लड शुगर लेवल में अच्छे बदलाव दिखने लगते हैं.

सिंथिया कहते हैं, “शारीरिक  वज़न में बदलाव देखने को कम से कम एक महीने ऐडेड शुगर छोडना चाहिए. इसके साथ ही, हेल्दी डाइट लेनी चाहिए. लेकिन बेहतर होगा कि आप किसी डाइटिशियन की सलाह से ही इसका पालन करें.”

6. रोज़ाना कितना शुगर लेना सुरक्षित है?
वयस्कों को रोज़ 30 ग्राम से अधिक ऐडेड शुगर का सेवन नहीं करना चाहिए

डायबिटिक मरीज़ों के लिए ऐडेड शुगर से पूरी तरह परहेज़ करना बेहतर होगा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ ऐडेड शुगर आपकी डेली कैलोरी के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. इसे डेली कैलोरी के 5 प्रतिशत तक कम करने से ज़्यादा फ़ायदा मिल सकता है.

यूके नेशनल हेल्थ सर्विस की सलाह है-

वयस्कों को रोज़ाना 30 ग्राम से अधिक ऐडेड शुगर का सेवन नहीं करना चाहिए.
7 से 10 साल की उम्र के बच्चों को रोज़ाना 24 ग्राम से अधिक ऐडेड शुगर का सेवन नहीं करना चाहिए.
4 से 6 साल की उम्र के बच्चों को रोज़ाना 19 ग्राम से अधिक ऐडेड शुगर का सेवन नहीं करना चाहिए.
2 से 3 साल की उम्र के बच्चों को रोज़ाना 14 ग्राम से अधिक ऐडेड शुगर का सेवन नहीं करना चाहिए.
सिंथिया दिनेश कहते हैं, “25 ग्राम ऐडेड शुगर ठीक मात्रा है, जो 6 चम्मच चीनी बराबर है. इसके अलावा, आपको ऐडेड शुगर वाले बिस्किट, केक, सॉफ़्ट ड्रिंक नहीं लेना चाहिए.”

सिंथिया कहते हैं कि डायबिटिक मरीज़ों का ऐडेड शुगर से पूरी तरह छोडना बेहतर है. वो कहते हैं, “सीमित मात्रा में सेब, अमरूद, दूध, गाजर खा सकते हैं और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीज़ों को प्राथमिकता दे सकते हैं.”

न्यूट्रिशनिस्ट तारिणी कृष्णन कहती हैं, “ऐडेड शुगर कम करने या इससे परहेज़ सिर्फ़ 10 दिन या 30 दिनों को नहीं, बल्कि इसे जीवन भर फॉलो किया जाना चाहिए.”

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