विघ्नसंतोषियों को मिला मौका:रात तीन बजे भगदड़ में 30 की जान गई,90 घायल
Stampede In Maha Kumbh Despite Proper Management! Questions Are Being Raised On Yogi Governments Claims
महाप्रबंध के बाद भी महाकुंभ में भगदड़! योगी सरकार के दावों पर उठाये सवाल
प्रयागराज में 13 जनवरी को महाकुंभ मेला शुरू हुआ, लेकिन 28 जनवरी रात भगदड़ मच गई, जिसमें कुछ श्रद्धालुओं की जान गई और कुछ घायल हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। प्रमुख स्नान दिनों में भारी भीड़ का अनुमान था, जिसके लिए व्यापक व्यवस्था की गई थी।
मुख्य बिंदु
28 जनवरी को महाकुंभ में भगदड़, 30 श्रद्धालुओं की मौत की खबर
मुख्यमंत्री योगी ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की
व्यापक प्रबंधों में कैसे मची भगदड़, व्यवस्था पर उठे सवाल
महाकुंभ में भगदड़ के बाद योगी आदित्यनाथ की अपील।
नई दिल्ली 29 जनवरी 2025 : संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी को शुरू हुआ महाकुंभ मेला ठीकठाक चल रहा था, लेकिन 28 जनवरी रात भगदड़ मच गई। घटना में 30 श्रद्धालुओं के स्वर्गवासी होने जबकि कुछ के घायल होने की खबर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं के साथ-साथ संतों-महंतों से भी अपील की है कि वो अफवाहों पर ध्यान न दें। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि श्रद्धालु संगम नोज पर ही स्नान करने की जिद्द न पालें ताकि किसी तरह की दुर्घटना की आशंका पैदा नहीं हो। उधर, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने मेले में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बदइंतजामी को ही भगदड़ के लिए जिम्मेदारी ठहराया है। आइए जानते हैं कि महाकुंभ में मेले को व्यवस्थित रखने के लिए किस तरह का प्रबंधन किया गया है।
AllahabadPrayagraj Mahakumbh Stampede 30 People Killed In Incident 90 Injured Administration Revealed
Mahakumbh Stampede
महाकुंभ मेला भगदड़ कांड में मृतकों की संख्या से आखिरकार पर्दा हट गया। दिन पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने इस घटना को लेकर कोई जानकारी नही दी। सुबह से ही मृतकों की संख्या को लेकर कई कयास लगाए जाते रहे। आखिरकार प्रशासन ने इसका खुलासा किया।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला के दौरान मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई। वहीं, इस दर्दनाक हादसे में 90 लोग घायल हुए थे। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। डीआईजी प्रयागराज मेला ने कहा कि मृतकों में से 25 की पहचान हो गई है। मौनी अमावस्या को लेकर मंगलवार सुबह से ही संगम नगरी में लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था। मंगलवार-बुधवार की आधी रात के बाद करीब 1 से 2 बजे के बीच अचानक संगम नोज पर भगदड़ मच गई। इसमें कई लोगों की मौत की जानकारी सामने आई। वहीं, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के घायल होने का मामला सामने आया। मौत के आंकड़ों को लेकर कई तरह के कयास सुबह से ही लगाया जा रहे थे। अलग-अलग सूत्रों से लोगों की मौत के आंकड़े बताए जाते रहे। हालांकि, प्रशासन ने इस मामले में चुप्पी साधे रखी।
प्रयागराज मेला प्रशासन की ओर से मौनी अमावस्या की भीड़ को नियंत्रित करने ओर अखाड़ों के स्नान की प्रक्रिया को खत्म कराने के बाद हादसे को लेकर आधिकारिक तौर पर जानकारी दी गई। देर शाम डीएम की ओर से प्रेस कांफ्रेंस में मौत का आंकड़ा जारी किया। प्रयागराज मेला प्रबंधन की ओर से हादसे में मृतकों और घायलों के संबंध में जानकारी दी गई है। पीएम मोदी ने पहले ही घटना में मृत परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की थी। हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना में गंभीर रूप से लोगों के घायल होने की बात कही थी।
डीआईजी ने दी जानकारी
प्रयागराज मेला प्रशासन की ओर से डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भगदड़ की पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना के तुरंत बाद पुलिस-प्रशासन की टीम एक्टिव हो गई। घायलों को इलाज के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि भगदड़ में 90 लोग घायल हो गए। इसमें से 30 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि बैरिकेड टूटने के कारण यह भीषण हादसा हुआ। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अमृत स्नान की भीड़ को देखते हुए वीवीआईपी प्रोटोकॉल को स्थगित किया गया था।
घटना के कारणों का जिक्र करते हुए डीआईजी ने कहा कि संगम नोज पर भारी भीड़ देर रात जमा हो गई थी। वहां अखाड़ों के शाही स्नान के लिए बैरिकेड लगाए गए थे। उस पर दबाव पड़ने के कारण बैरिकेड टूट गया। इस वजह से लोग गिरे और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। वहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु देर रात पॉलिथीन बिछाकर लेटे हुए थे। उनके ऊपर से भीड़ निकल गई।
भीड़ में दबाकर लोगों की मौत हुई। मृतकों में 25 की पहचान कर ली गई है। डीआईजी ने कहा कि जल्द ही मृतकों के बारे में पूरी जानकारी दे दी जाएगी। वहीं 60 घायलों का अस्पताल में अभी इलाज चल रहा है। प्रशासन की ओर से घायलों के इलाज के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीएम योगी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी-मुख्यम़ंत्री योगी का आया बयान
मौनी अमावस्या अमृत स्नान शुरू होने से पहले ही संगम नोज पर घटी घटना ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। संगम नगरी में 5 करोड़ से अधिक लोग मौजूद थे। वहीं, प्रयागराज आने वाली सड़कों पर भी करोड़ों लोग वाहनों में सवार होकर संगम नगरी पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में प्रयागराज मेला प्रबंधन ने सबसे पहले मौनी अमावस्या अमृत स्नान की प्रक्रिया को पूरी करने का निर्णय लिया। मौत के आंकड़ों से श्रद्धालुओं के बीच पैनिक उत्पन्न न हो, इसको लेकर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया।
मुख्यमंत्री ने रखी नजर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे मामले पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए थे। लगातार अधिकारियों से घटना पर अपडेट ले रहे थे। लखनऊ में हाई लेवल मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मीडिया के सामने आए तो उन्होंने भगदड़ की घटना की पुष्टि करते हुए इसमें श्रद्धालुओं के घायल होने की जानकारी दी। कई श्रद्धालुओं के गंभीर रूप से घायल होने की बात कही। हालांकि, उनकी ओर से मौत के आंकड़ों पर कोई बयान नहीं आया।
दिल्ली की रैली में प्रधानमंत्री ने किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ दुर्घटना पर सोशल मीडिया एक पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि भगदड़ की घटना दुखद है। घटना में मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। घायलों के इलाज को लेकर यूपी सरकार से संपर्क में होने की बात कही। दिल्ली की एक चुनावी रैली में भी उन्होंने इस बात को दोहराया। इसके बाद भगदड़ में मौत की घटना की पुष्टि हुई। दरअसल, पीएम मोदी ने पोस्ट में हादसे में मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताने की बात कही थी। इसके बाद घटना में मृतकों की संख्या को लेकर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया।
छह दिन विशेष स्नान
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 45 दिन चलने वाले महाकुंभ मेले में प्रति दिन औसतन 1 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया है। पौष पूर्णिमा (13 जनवरी), मकर संक्रांति (14 जनवरी), मौनी अमावस्या (29 जनवरी), बसंत पंचमी (03 फरवरी), माघी पूर्णिमा (12 फरवरी), महा शिवरात्रि (26 फरवरी) जैसे प्रमुख दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होने का अनुमान लगाया गया। इन दिनों में भी सबसे ज्यादा भीड़ 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होने की बात सबको पता थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि करीब 6 करोड़ श्रद्धालु मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ मेले में शामिल हो सकते हैं, लेकिन सरकार ने 10 करोड़ लोगों के प्रबंधन की व्यवस्था की है।
मौनी अमावस्या पर सबसे ज्यादा भीड़
अनुमान के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन देश-दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे। भारी भीड़ के कारण बुधवार की रात ही स्नान होने लगा। प्रयागराज में जिस जगह गंगा-यमुना और विलुप्त सरस्वती नदी का संगम हुआ है, वहीं साधु-संत स्नान करते हैं। इस वजह से इसे प्रयागराज का पवित्रतम घाट माना जाता है। इसी घाट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और रात करीब डेढ़ बजे संगम नोज पर भगदड़ मच गई। अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपील की कि श्रद्धालु जिस घाट पर जगह मिले, उधर ही जाएं ना कि किसी एक घाट पर ही स्नान करने की होड़ में जुट जाएं।
मौनी अमावस्या के लिए विशेष तैयारी भी
प्रयाराज महाकुंभ के लिए करीब हेक्टेयर में मेला क्षेत्र बनाया गया है। मौनी अमावस्या को भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाकर ही नदी किनारों पर जगह बढ़ाई गई थी ताकि हर घंटे दो लाख श्रद्धालु स्नान कर सकें। पहले यह क्षमता 50 हजार श्रद्धालुओं की ही थी। भीड़ इतनी ज्यादा आई कि सुबह तक ही तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में स्नान कर लिया।
जिला घोषित हुआ महाकुंभ क्षेत्र, सुरक्षा के भारी इंतजाम
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेला परिसर को राज्य का 76वां जिला ही घोषित कर दिया। करीब 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र में बसे महाकुंभ नगरी को 25 सेक्टर में बांटा गया है। इनमें 56 थाने और 144 चौकियां बनाई गई हैं और सुरक्षा बलों के करीब 40 हजार जवान तैनात हैं। हर थाने में साइबर डेस्क है। इतना ही नहीं, दो साइबर थाने भी अलग से बनाए गए हैं। महाकुंभ के एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया था, ‘सिविल पुलिस, पीएसी, एनएसजी, एसटीएफ, होमगार्ड, डिफेंस और एनजीओ को मिलाकर मेले में 50 हजार से ज्यादा लोग सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे।’ महाकुंभ सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है जिनमें एनएसजी कमांडो और यूपी पुलिस के जवानों की तैनाती है।
जवानों के साथ-साथ ड्रोन और AI कैमरे भी तैनात
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेले में एआई युक्त कैमरे लगे हैं जो लोगों की गिनती करते हैं। अगर किसी इलाके में 2 हजार लोगों के खड़े होने की जगह है तो 1,800 लोग होते ही संबंधित अफसर को जानकारी हो जाएगी। इसके अलावा, 100 फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस रिकॉर्ड में पहले से संदिग्धों को आसानी से चिह्नित किया जा सकेगा। 2,700 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं, ड्रोन से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी हो रही है। पानी के अंदर की सुरक्षा के लिए पहली बार नदी के अंदर 8 किलोमीटर तक डीप बैरिकेडिंग की गई है। मेले में अगर कोई खो जाए तो मदद के लिए हाईटेक 10 खोया-पाया केंद्र हैं।
सुरक्षा ही नहीं, सुविधा भी
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। मेला क्षेत्र में लगभग 1.50 लाख टेंट, तीन हजार रसोई, 1.45 लाख शौचालय, 300 मोबाइल शौचालय और 100 से अधिक पार्किंग स्थल बने हैं। इनके अलावा, प्रयागराज के बुनियादी ढांचे के विकास और सौंदर्यीकरण में लगभग 7,000 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। 14 रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज के साथ-साथ 61 सड़कें बनाई गई हैं। इनके अलावा, 40 चौराहों का सौंदर्यीकरण और रेलवे लाइन विस्तार का निर्माण हुआ है। वहीं, 30 पांटून पुल बने। इनमें 15 पुल संगम के बिल्कुल करीब बनाए गए हैं। 41 घाटों पर करीब 10 हजार चेंजिंग रूम हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी गाटों पर 300 से अधिक गोताखोर तैनात हैं।
प्रधानमंत्री मोदी हुए ऐक्टिव
इतनी व्यापक व्यवस्था के बावजूद भगदड़ मची तो यूपी ही नहीं, केंद्र सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चार बार बात की।
व्यवस्था पर सवाल
दूसरी तरफ, विपक्ष कमियां गिनाने में लगा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि यह भगदड़ अव्यवस्था के कारण मची।
वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दावा किया कि महाकुंभ में ‘इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना जिम्मेदार है।’
महाकुंभ से अर्थव्यवस्था को गति
शांत और सुरक्षित महाकुंभ मेले के आयोजन पर करीब 7,500 करोड़ रुपया खर्च होने की बात की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ का बजट 5,060 करोड़ रुपये तय किया जबकि केंद्र सरकार ने 2,100 करोड़ रुपये दिए हैं। अनुमान है कि महाकुंभ से 2 लाख करोड़ रुपये की आय का अनुमान है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की धार्मिक अर्थव्यवस्था 3.02 लाख करोड़ रुपये है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 2.3 % है।
महाकुंभ की वजह से न केवल इन क्षेत्रों बल्कि प्रयागराज और यूपी की अर्थव्यवस्था भी चमकने लगी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, उत्तर प्रदेश को 45 दिवसीय मेगा इवेंट से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होने की संभावना है। हालांकि, कुछ अनुमानों के अनुसार, महाकुंभ में आने वाले प्रति व्यक्ति खर्च 10,000 रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे कुल 4 लाख करोड़ रुपये तक की आर्थिक गतिविधि पहुंच सकती है। इससे राज्य की जीडीपी में 1 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है।
बैरिकेडिंग तोड़ भागी भीड़, मची भगदड़, कमिश्नर ने पहले ही दे दी दुर्घटना की चेतावनी
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान में बुरी तरह से भगदड़ (Mahakumbh Stampede) मच गई. इसका कारण भारी भीड़ का संगम घाट की ओर पहुंचना था. जिससे संगम घाट पर दबाव बढ़ने लगा. अनियंत्रित भीड़ देख दुर्घटना की आशंका आयुक्त विजय विश्वास पंत को शायद पहले ही हो गई थी, इसीलिए वह लगातार अनाउंसमेंट कर श्रद्धालुओं से घाटों पर न सोने और जल्द स्नान करके वापस जाने की अपील कर रहे थे.
“सोये नहीं, उठें और स्नान करें, भगदड़ मच सकती है”
घाट पर मौजूद कमिश्नर विजय विश्वास पंत का अनाउंसमेंट करते एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह श्रद्धालुओं से कहते नजर आ रहे हैं कि यहां सोते रहने से कोई फायदा नहीं है. क्यों कि जो सोबत है, वो खोबत है.. इसीलिए उठो और स्नान करो, सुरक्षित रहो. वह कह रहे हैं कि और भी लोग आएंगे तो भगदड़ मचने की संभावना है.जो लोग पहले आ गए हैं उनको पहले स्नान करके चले जाना चाहिए. वह लगातार अपील कर रहे हैं कि जो पहले आ गए हैं वह सोये नहीं बल्कि उठें और जल्दी स्नान करें.
बैरिकेडिंग फलांगे, भागी भीड़, मची भगदड़
वहीं एक और वीडियो सामने आया है, जो भगदड़ से थोड़ी देर पहले का है. इस वीडियो में स्नान के लिए पहुंचने वाले लोग बैरिकेड फलांगकर भागते दिखाई दे रहे हैं. मेला क्षेत्र के इस वीडियो में बेकाबू भीड़ आगे भागती हुई दिखाई दे रही है. दरअसल सही व्यवस्था के लिए सड़क किनारे बैरिकेड बनाए गए थे, ताकि लोग सीधा सड़क पर चल सकें.
लेकिन आगे बढ़ने की होड़ में भीड़ ने बैरिकेड फलांगी और दौड़कर आगे भागने लगे. कुछ इसी तरह का वाक्या संगम के पास बुधवार तड़के हो गया, जब भीड़ आगे बढ़ने के चक्कर में भागने लगी और फिर भगदड़ मची और बड़ी दुर्घटना हो गई.
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