सोनिया,राहुल, पित्रोदा पर नया मुकदमा,कांग्रेस बेखबर

नेशनल हेराल्‍ड केस: सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ 58 दिन पहले नई FIR, सैम पित्रोदा का भी नाम, डी के शिवकुमार को नोटिस

 

नेशनल हेराल्ड केस: दिल्ली पुलिस ने कर्नाटक के डिप्टी CM डी.के. शिवकुमार को भेजा नोटिस, मांगी ट्रांजैक्शन डिटेल्स
दिल्ली पुलिस की EOW ने नेशनल हेराल्ड केस जांच में कर्नाटक उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को नोटिस भेजकर उनके वित्तीय और लेन-देन से जुड़े विवरण मांगे हैं. यह मामला सोनिया गांधी, राहुल गांधी और यंग इंडियन को लेकर हुई FIR पर आधारित है।

शिवकुमार से लेन-देन संबंधी विवरण भी मांगा गया है (फोटो-ITG)
दिल्ली पुलिस ने नेशनल हेराल्ड केस की जांच में कर्नाटक  उपमुख्यमंत्री  डी के शिवकुमार को नोटिस भेजा है. पुलिस ने उनसे नेशनल हेराल्ड केस की जांच में फाइनेंशियल और ट्रांजैक्शनल विवरण मांगे हैं. इस बात की जानकारी खुद दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी.

इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) के नोटिस में कथन है कि शिवकुमार के पास इस साल 3 अक्टूबर को कांग्रेस लीडर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ रजिस्टर्ड नेशनल हेराल्ड केस से जुड़ी ज़रूरी जानकारी है.

29 नवंबर को जारी नोटिस में, EOW ने शिवकुमार से 19 दिसंबर तक उपस्थित होने या मांगी जानकारी देने को कहा है. इन्वेस्टिगेटर्स ने उनके पर्सनल बैकग्राउंड, कांग्रेस पार्टी से संबंध और उनके या उनसे जुड़ी एंटिटीज़ से यंग इंडियन को ट्रांसफर फंड्स का पूरा विवरण मांगा है.कर्नाटक उपमुख्यमंत्री के निकट सूत्रों के अनुसार उन्हें BJP से मिलकर न चलने को लक्षित किया जा रहा है, और इससे पता चलता है कि वह कांग्रेस के लिए आक्रामण झेलने वाले विशेष नेताओं में से हैं. शिवकुमार कांग्रेस नेताओं में सबसे ज़्यादा सताए गए हैं, लेकिन BJP उन्हें तोड़ने में सफल नहीं होगी.नोटिस में कथन है, ‘आपको यह बताया जाता है कि EOW, दिल्ली पुलिस ऊपर बताए गए केस की FIR की जांच कर रही है और माना जा रहा है कि आपके पास केस के बारे में ज़रूरी जानकारी है.’

EOW के सवालों में शिवकुमार के बैंक ट्रांसफर का उद्देश्य, फंड्स का स्रोत, उनके और यंग इंडियन या AICC (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी) के अधिकारियों में किसी भी बातचीत के विवरण, पेमेंट किसके कहे किए गए थे, और क्या उन्हें फंड के इस्तेमाल के बारे में पता था, ये सब शामिल हैं.

EOW ने इनकम टैक्स रिकॉर्ड,फाइनेंशियल स्टेटमेंट और पेमेंट के संबंध में जारी कोई भी डोनेशन सर्टिफिकेट मांगा है.

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी की 2013 की एक निजी शिकायत से शुरू हुआ  नेशनल हेराल्ड केस उन आरोपों पर आधारित है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 988 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति यंग इंडियन ने 2010 में AICC के एक ट्रांज़ैक्शन से 50 लाख रुपये में खरीदी थी.

एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की शिकायत के आधार पर लिखी EOW की FIR  में AJL की संपत्ति यंग इंडियन को ट्रांसफर करने के संबंध में  आपराधिक षड्यंत्र , धोखाधड़ी और क्रिमिनल ब्रीच ऑफ़ ट्रस्ट का आरोप है. यंग इंडियन एक ऐसी कंपनी है जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कुल मिलाकर 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

National Herald Case: नेशनल हेराल्‍ड केस का राजनीतिक महत्व है. इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी आरोपित हैं. ED इससे जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामला जांच रहा है. अब दिल्‍ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इसी मामले में नई एफआईआर कराई है. ऐसे में भविष्य में गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

नेशनल हेराल्‍ड केस में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ नई एफआईआर हुई है.

नेशनल हेराल्‍ड केस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर नया मुकदमा हुआ है. नेशनल हेराल्‍ड केस में पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग की छानबीन प्रचलित है. अब इसमें दिल्‍ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने नई FIR की है. ऐसे में नेशनल हेराल्‍ड केस मामले में भविष्य में गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. EOW ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा उनके 6 अन्‍य सहयोगियों पर मुकदमा लिखा है. इनमें कुछ व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठानों (business entities) के नाम भी हैं. आरोप है कि एसोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड (AJL) धोखे से कब्जाने को आपराधिक षड्यंत्र रचा गया था, जिनमें ये सभी थे. यह अधिग्रहण यंग इंडियन से किया गया था, जिसमें गांधी परिवार की 76 प्रतिशत हिस्‍सेदारी (shareholding) है.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 3 अक्टूबर 2025 को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्‍य के खिलाफ नई एफआईआर की .’टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्‍ली पुलिस EOW ने यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मुख्यालय जांच इकाई (Headquarters Investigative Unit) की शिकायत पर लिखा है. शिकायत में 2008 से 2024 तक नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच से जुड़े विस्तृत विवरण हैं. PMLA की धारा 66(2) में जानकारी देने का मतलब ED किसी दूसरी एजेंसी से कह सकती है कि वह मुकदमा लिख उसकी जांच शुरू करे. वही केस फिर ED की अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच को जरूरी ‘मुख्य अपराध’ (predicate offence) बन जाता है. मतलब कि इस आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी अपने स्‍तर पर छानबीन शुरू कर सकती है.
नेशनल हेराल्‍ड मामले में ED की प्रचलित मनी लॉन्ड्रिंग जांच पूर्व BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत की 2014 में पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की स्वीकार्यता पर आधारित है. इस मामले में ED ने 9 अप्रैल को गांधी परिवार और अन्य आरोपितों के खिलाफ PMLA में एक अभियोजन शिकायत मतलब चार्जशीट दायर की थी, जिसे राउज एवेन्यू स्थित विशेष MP/MLA अदालत में पेश किया गया है. अदालत ने अभी इस पर संज्ञान नहीं लिया है.
चौंकाता यह है कि नेशनल हेराल्‍ड मामले में सोनिया और राहुल के खिलाफ दिल्‍ली पुलिस की ओर से नई  एफआईआर का कांग्रेस पार्टी को पता ही नहीं. कांग्रेस लगातार आरोप गलत बताती रही जैसे कि ईडी सरकार के इशारे पर राजनीतिक बदला ले रही है. पार्टी ने कहा कि उसे नई एफआईआर की कोई सूचना नहीं है. दिल्ली पुलिस की लिखी FIR में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा तीन अन्य  नाम भी हैं, जिनमें इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस प्रमुख सैम पित्रोदा भी है. FIR में तीन कंपनियों एजेएल, यंग इंडियन और डॉटेक्स मर्चेंडाइज़ प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी हैं. आरोप है कि कोलकाता स्थित यह शेल कंपनी यंग इंडियन को 1 करोड़ रुपये देती है, जिससे गांधी परिवार ने कांग्रेस को 50 लाख रुपये देकर AJL कब्जाया.

दिल्‍ली पुलिस EOW का अगला कदम क्‍या होगा?

सूत्रों के अनुसार पुलिस जल्द ही एजेएल (AJL) शेयरधारकों को पूछताछ को बुला सकती है, ताकि यह पता लग सके कि कांग्रेस ने कंपनी को ‘यंग इंडियन’ को सौंपने से पहले उनसे सलाह या उनकी मंजूरी ली या नहीं. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्‍वामित्‍व की यंग इंडियन कंपनी (जिसकी कोई ज्ञात कारोबारी गतिविधि नहीं है) को साल 2017-18 में 18 करोड़ रुपये दान मिला, जो 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय था. तभी, एजेएल (जो तब  गांधी परिवार के नियंत्रण में आ चुकी थी) को 38 करोड़ रुपये अग्रिम किराया मिला और 2017-18 से 2020-21 के बीच उसके अख़बारों में प्रकाशित विज्ञापनों से 29.5 करोड़ रुपये आय हुई. ईडी की शिकायत के आधार पर एफआईआर में आरोप है कि सभी लेन-देन फर्जी थे और दोनों संस्थाओं के अन्य जगहों पर दिए बयानों से भिन्न हैं. एफआईआर में शिकायत है कि ‘अपराध से कमाई’ (proceeds of crime) कुल 988 करोड़ रुपये है.

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नेशनल हेराल्‍ड केस में नया मोड है. सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ नई एफआईआर हुई  है.
National Herald Case FAQ  : नेशनल हेराल्ड केस जांच को दस साल से ज्यादा हो चुके. जांच मुख्यत: कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर केंद्रित है. राजनीतिक बहस ने कानूनी तथ्य ढंक दिये हैं, जिससे लोगों को मामला समझना मुश्किल हो गया है. ऐसे में जानना जरूरी है कि नेशनल हेराल्‍ड केस आखिरकार है क्‍या? सैकड़ों करोड़ रुपये की हेराफेरी का यह हाईप्रोफाइल मामला सामने कैसे आया? गांधी परिवार का नाम इससे क्‍यों जुड़ा? सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने वास्‍तव में किसी तरह अनियमितता की या फिर उन पर राजनीति प्रेरित आरोप लगाया गया? ऐसे कई सवाल हैं, जो सामान्‍य लोगों के दिल-दिमाग में चलते रहते हैं. नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेताओं पर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप हैं. ईडी (ED) की चार्जशीट के अनुसार, सोनिया गांधी और राहुल गांधी मुख्य आरोपित हैं. आरोप है कि कांग्रेस ने योजना बनाकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) कब्जाया, जो ऐतिहासिक नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशक है.
ED पहले से ही नेशनल हेराल्‍ड केस जांच रहा है, तो अब इस मामले में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ किसने FIR दर्ज की है?
नेशनल हेराल्‍ड मामले में दिल्‍ली पुलिस की आर्थिक अपराधा शाखा (EOW) ने एफआईआर लिखी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईओडब्‍ल्‍यू ने 3 अक्‍टूबर 2025 को मुकदमा किया था.

दिल्ली पुलिस की तीन  अक्टूबर की एफआईआर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शिकायत पर आधारित है. शिकायत में 2008 से 2024 तक नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच से जुड़ी विस्तृत जानकारियां हैं.

नेशनल हेराल्ड केस क्या है?

BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 2013 में कोर्ट में शिकायत दी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड अखबार संचालक कंपनी (AJL) गलत तरीके से कब्जा ली.यह 1938 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का शुरु किया अंग्रेजी अखबार था जिसकी प्रकाशक कंपनी AJL थी.

सोनिया-राहुल पर क्‍या है आरोप?

कांग्रेस ने AJL को 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जिसे AJL वापस नहीं कर पाया. इसके बाद यह कर्ज यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) को ट्रांसफर हो गया, जो  सोनिया तथा राहुल गांधी के नियंत्रण वाली गैर लाभकारी कंपनी है. YIL ने केवल 50 लाख रुपये में AJL के 99% शेयर हथिया लिए, जबकि AJL की संपत्तियों की कीमत 2000 से 5000 करोड़ रुपये के बीच बताते है.

Young Indian कंपनी क्या है,इसका रोल क्या है? इस का स्वामित्व किसका है?

Young Indian (YIL) 2010 में बनी एक गैर-लाभकारी कंपनी है. कांग्रेस ने AJL पर अपने 90 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली Young Indian को दे दी. बाद में AJL का बड़ा हिस्सा Young Indian के पास चला गया. सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों के पास 38-38% शेयर हैं, यानी कुल 76%। बाकी 24% शेयर कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थे.

विवाद क्या है?

आरोप है कि Young Indian ने सिर्फ 50 लाख रुपये देकर कांग्रेस का 90 करोड़ का कर्ज ले लिया और बदले में AJL की 2000 करोड रुपये की जमीनें और संपत्तियां अपने नाम कर लीं.

सुब्रमण्यम स्वामी ने क्‍या-क्‍या आरोप लगाए हैं?

कांग्रेस के दान में मिले पैसे से AJL को गलत तरीके से लोन दिया गया. फिर उसे सिर्फ 50 लाख में Young Indian को सौंप दिया गया. इससे AJL की संपत्तियां Young Indian के पास चली गईं. यह धोखाधड़ी और फंड के दुरुपयोग का मामला है.

ED की मौजूदा जांच किस बारे में है?

ED देख रही है कि Young Indian और AJL के बीच वित्तीय लेन-देन में कहीं मनी लॉन्ड्रिंग तो नहीं हुई। इसी से सोनिया और राहुल से पूछताछ जरूरी  है.

कांग्रेस नई FIR में क्‍या बोली ?

कांग्रेस के अनुसार ED की कार्रवाई बदले की राजनीति है । यह अजीब केस है जिसमें पैसा शामिल ही नहीं, फिर भी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा. दिल्‍ली पुलिस की एफआईआर पर कांग्रेस का कहना है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है.  पार्टी के अनुसार आरोप राजनीतिप्रेरित हैं.

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