शाबाश सविता पूनिया, भारतीय लड़कियों, दिल जीत लिया,मैडल भी
शाबाश सविता पूनिया, शाबाश बेटियों… हॉकी फेडरेशन- आयोजकों-रैफरी की गलती पर आंसू न बहाओ, आपने हमारे लिए मेडल जीत लिया है
Hockey Controversy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के सेमीफाइनल मैच के पेनल्टी शूटआउट को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पेनल्टी शूटआउट के दौरान ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण को सफलतापूर्वक रोकने के बावजूद उन्हें दोबारा मौका दिया गया, जिसका खामियाजा भारतीय टीम को हार के रूप में भुगतना पड़ा।
बर्मिंगमः 8 सेकंड की उल्टी गिनती शुरू। रोज़ी मेलोन बना सविता पूनिया। अभी तक ऐंगल कवर किया हुआ है। ऐंगल कवर किया हुआ है… सविता ने गोल बचा लिया है ।( कॉमेंटेटर जोश में चिल्लाते हैं)। भारत के पास अब मौका है लीड लेने का। अगर अगली बार स्कोर कर दिया तो… सविता ने एक अवसर प्रदान कर दिया है… यही तो क्लास है सविता पूनिया की… अब मौका है भारत के पास। पेनल्टी शूटआउट लेने भारत की तेजतर्रार फॉरवर्ड लालरेम्सियामीआ चुकी हैं। धड़कनें तेज हैं। एक गोल भारत को फाइनल के बिल्कुल पास पहुंचाने वाला है। लेकिन यह क्या?… Clock has not started…अंपायर पेनल्टी शूटआउट लेने को तैयार लालरेम्सियामी को रोकते हुए बोलती है। धड़कने थम जाती हैं। कॉमेंटेटर की आवाज अब हैरत, निराशा और गुस्से से भरी हुई है… Clock has not started.. तो रीटेक होगा.. इसमें भारत की क्या गलती है?… UNBELIEVABLE… कॉमनवेल्थ गेम्स है यह। कैसे हो सकता है?
कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए महिला हॉकी के सेमीफाइनल मैच के आखिरी पलों में भारत के साथ यही ‘धोखा’ हुआ। कॉमनवेल्थ गेम्स में हॉकी के आयोजकों की एक गलती के कारण भारतीय टीम को इसका खामियाजा हार के रूप में भुगतना पड़ा। भारत की लड़कियां यह मैच पेनल्टी शूटआउट में 0-3 गोल से हार गईं। इसने मैच के बाद कप्तान सविता पूनिया को आंसुओं में भिगो दिया। टीवी पर आधी रात के बाद जागकर मैच देख रहे भारतीयों का दिल भी इस एक गलत फैसले ने तोड़ दिया। लेकिन सविता पूनिया ने दिल जीत लिया है। भारत की ये बेटियां भले ही गोल्ड और सिल्वर मेडल की रेस से बाहर हैं और ब्रॉन्ज का ही मौका उसके पास है, लेकिन अपने इस शानदार खेल से वे ‘मेडल’ जीत चुकी हैं। मैच के बाद #SavitaPunia #Cheating ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा है। इसमें सविता की तारीफ के कसीदें हैं, तो दूसरी तरफ इस गलत फैसले के लिए अंपायरों के लिए गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल के इनाम भी हैं।
सविता पूनिया OG
इस रोमांचक मैच में आखिर हुआ क्या
मैच के दौरान भारतीय रक्षापंक्ति ने जबरदस्त खेल दिखाया, लेकिन टीम का भाग्य उसके साथ नहीं था। दरअसल पेनल्टी शूटआउट में ऑस्ट्रेलिया की एम्ब्रोसिया मालोन के शॉट को गोलकीपर सविता पूनिया ने अपनी चपलता से रोक कर टीम के लिए बेहतरीन मौका बनाया, लेकिन इस दौरान घड़ी के समय को शुरू ही नहीं किया गया, जिसके कारण अंपायर ने विरोधी टीम को दूसरा मौका दे दिया। इसमें टीम इंडिया की कोई गलती नहीं थी। यहां पूरी तरह से आयोजकों और हॉकी फेडरेशन की जवाबदेही बनती थी, लेकिन बावजूद फैसला ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में रहा और दूसरे मौके में एम्ब्रोसिया मालोन इसे गोल में बदल टीम की जीत सुनिश्चित कर दी। इस तरह सेमीफाइनल में 0-3 से मिली हार के बाद गोल्ड और सिल्वर मेडल की रेस से बाहर हो गई है। वहीं भारतीय टीम का ब्रॉन्ज मेडल को न्यूजीलैंड से सामना होगा।
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मैच के बाद निराशा में डूबीं भारतीय खिलाड़ी
हार से हताश हैं सविता पूनिया
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विवादास्पद मैच में भारत को मिली हार के बाद कप्तान सविता पूनिया काफी हताश हो गईं। हालांकि मुकाबले के बाद उन्होंने कहा कि, ‘इस हार से उबरने में हमें थोड़ा समय लगेगा। यह एक करीबी मैच था। हमने कड़ी मेहनत की थी लेकिन अब हमारे पास ब्रॉन्ज मेडल के लिए आखिरी मौका है।’
उन्होंने कहा, ‘एक कप्तान और एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर मेरी यह जिम्मेदारी बनती है कि मैं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर करूं। मैं अब इस हार को भुलाकर चाहती हूं कि टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले के लिए तैयारी करें। ब्रॉन्ज मेडल के लिए यह मैच हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’
टीम इंडिया के कोच जताई नाराजगी
पेनल्टी शूटआउट में विवादित फैसले के कारण भारतीय टीम की कोच जेनेके शॉपमैन ने भी अपनी नाराजगी जताई है। कोच का मानना है कि शूटआउट विवाद के बाद खिलाड़ियों के मनोबल पर इसका असर पड़ेगा। इस गलती के लिए आयोजकों के पास कोई बहाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही हूं कि जब यह गलती सामने आई तो ऑस्ट्रेलिया ने भी इसकी शिकायत नहीं की। हर कोई दूसरे मौके के लिए सहमत था। यहां तक की अंपायर भी नहीं इस चीज को नहीं समझ पाए।’
टीम के कोच ने कहा, ‘यह बहुत ही मुश्किल है, मुझे लगता है कि 1-0 से बढ़त के साथ और गति के साथ आगे बढ़ते हुए, मेरे पास 5 खिलाड़ी थे जो वापसी करा सकते थे लेकिन इस घटना उनका ध्यान भी प्रभावित हुआ। इस पर कोई बहाना नहीं बनाया जा सकता है। यह हमारे लिए बिल्कुल भी मददगार नहीं था।’
ऐसा रहा मैच का हाल
आखिरी मिनटों में वंदना कटारिया के गोल के दम पर शानदार वापसी करने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम रोमांचक सेमीफाइनल में शूटआउट में ऑस्ट्रेलिया से 0-3 से हार मिली। मैच के दसवें मिनट में ही रेबेका ग्रेइनेर के गोल के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने बढ़त बना ली थी लेकिन इसके बाद गोलकीपर कप्तान सविता पूनिया की अगुवाई में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारतीय रक्षापंक्ति ने ऑस्ट्रेलिया को बांधे रखा।
तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम के लिये बराबरी का गोल 49वें मिनट में सुशीला के पास पर वंदना कटारिया ने किया। विवादित पेनल्टी शूटआउट में भारत के लिये नेहा, नवनीत कौर और लालरेम्सियामी गोल नहीं कर सकीं जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिये एम्ब्रोसिया मालोन, एमी लॉटन और कैटलीन नोब्स के शॉट निशाने पर लगे। भारत को पहले क्वार्टर में छह पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका। इसके बाद भारतीय रक्षापंक्ति ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलियाई स्ट्राइकरों को कोई मौका नहीं दिया।
CWG 2022: FIH ने भारतीय महिला हॉकी टीम से हुए अन्याय पर मांगी माफी, कहा- पूरी घटना की करेंगे समीक्षा
CWG 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (CWG 2022) में महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) के सेमीफाइनल मैच के दौरान भारतीय टीम के साथ हुए अन्याय पर FIH ने माफी मांगी है। दरअसल इस मुकाबले के दौरान पेनल्टी शूटआउट के दौरान रेफरी की गलती के चलते ऑस्ट्रेलियाई टीम (Australia Women Team) को पहला गोल करने के लिए दो मौके मिले थे। इस कारण से भारतीय टीम को हार झेलनी पड़ी। हालांकि, इसके बाद इस पूरे मामले पर जमकर बवाल हुआ और अब FIH ने सामने से आकर इस पूरे मामले पर माफी मांगी है। वहीं इस पूरी घटना की समीक्षा करने की बात कही है।
बता दें कि, पेनल्टी शूटआउट के दौरान अपने पहले प्रयास से चूकने वाली ऑस्ट्रेलिया की रोजी मेलोन को एक और मौका दिया गया था। इसके पीछे कारण स्कोरबोर्ड पर आठ सेकंड की उलटी गिनती शुरु नहीं हुई थी। मेलोन दूसरा मौका मिलने पर सफल रहीं और टीम को बढ़त दिला दी। आखिर में इसका परिणाम हुआ कि भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल टूट गया और वो पेनल्टी शूटआउट में 3-0 से हार गईंं।
बता दें कि नियमित समय तक तो दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर थीं। इस तकनीकी अधिकारियों के फैसले पर वहां मौजूद दर्शकों ने भी खासी नाराजगी जताई। वहीं टीम इंडिया की कोच शोपमैन और बाकी खिलाड़ी रेफरी से बहस करती रहीं लेकिन रेफरी ने उनकी नहीं सुनीी।
FIH ने एक बयान में कहा, “ऑस्ट्रेलिया और भारत (महिला) के बीच बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल मैच में, पेनल्टी शूटआउट गलती से बहुत जल्दी शुरू हो गया था (घड़ी अभी संचालित होने के लिए तैयार नहीं थी), जिसके लिए हम माफी मांगते हैं।” साथ ही बयान में कहा गया, “ऐसी स्थितियों के लिए प्रक्रिया यह है कि पेनल्टी शूटआउट को फिर से लेना होगा, जो किया गया था। भविष्य में इसी तरह के किसी भी मुद्दे से बचने के लिए एफआईएच द्वारा इस घटना की पूरी तरह से समीक्षा की जाएगी।”
वहीं भारतीय टीम की कोच शोपमैन ने मैच के बाद कहा कि मैं इसे एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर रही हूं। लेकिन आप जानते हैं कि जब आपका गोलकीपर एक बचाव करता है तो इससे टीम का मनोबल बढ़ता है। और यही मनोबल हर निर्णय को बदल देता है। इस फैसले से टीम बेहद परेशान है, मुझे यकीन है कि उसके बाद टीम का ध्यान थोड़ा हट गया था और ये कोई बहाना नहीं है बस एक तथ्य है। शोपमैन ने आगे कहा, ” मैं इसलिए गुस्से में हूं क्योंकि अंपायर भी इसे नहीं समझते हैं, ऑस्ट्रेलियाई शिकायत नहीं कर रहे थे, क्योंकि वे जानते थे कि उन्होंने गोल मिस किया है। और जब उन्हें आसानी से दूसरा मौका मिल गया तो वो इसे क्यों छोड़ते?”
CWG 2022: India women’s hockey coach Janneke Schopman
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