चार धामों में 708 करोड़ के चालू और प्रस्तावित कामों को दी गति: धामी
देहरादून 05 अक्तूबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के बाद देहरादून वापस आकर प्रेसवार्ता की। मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में प्रेस कॉनफ़्रेन्स को संबोधित करते हुए उन्होंने चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कोविड गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए चार धाम के लिए जारी की एसओपी का पूरा पालन करें। यात्रा पर निकलने से पहले अपने सभी जरूरी दस्तावेज और कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को साथ अवश्य लाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय ने चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन निर्धारित सीमा हो हटा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि यात्रा भी चलती रहे और यात्रियों की सुरक्षा भी रहे, इसके लिए कोविड गाइड लाइन में यात्रा को सकुशल संपन्न कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा को लेकर जो भी दिक्कतें हैं उन्हें जल्द दूर करने हेतु निर्देश दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 30 अक्टूबर तक श्री शंकराचार्य जी की समाधि का काम पूरा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ धाम के लिए 409 करोड़ के कार्य प्रस्तावित हैं जिनमें 225 करोड़ का कार्य पूरा हो गया है, जबकि फेज 2 में 114 करोड़ का कार्य निर्माणाधीन है। इसी तरह से बदरीनाथ धाम के लिए 245 करोड़ के कार्य प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने जानकारी देते हुए बताया कि चारों धामों हेतु पुनर्निर्माण एवं सौंदर्यीकरण हेतु 708 करोड़ रुपए के कार्य गतिमान और प्रस्तावित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय ने चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन निर्धारित सीमा हो हटा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि यात्रा भी चलती रहे और यात्रियों की सुरक्षा भी रहे, इसके लिए कोविड गाइड लाइन में यात्रा को सकुशल संपन्न कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा को लेकर जो भी दिक्कतें हैं उन्हें जल्द दूर करने हेतु निर्देश दे दिए हैं।
•चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले का मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वागत किया। कहा तीर्थ यात्री सरलतापूर्वक उत्तराखंड चारधाम के दर्शन हेतु पहुंच सकेंगे।
•चारधाम यात्रा हेतु धर्मस्व विभाग ने एसओपी जारी की।
• उत्तराखंड राज्य से बाहर के तीर्थयात्रियों को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण अनिवार्य।
• देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर ई पास बनाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
• कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूरी।
• देवस्थानम बोर्ड ने भी जारी किये संशोधित चारधाम यात्रा एसओपी- आदेश
• देवस्थानम बोर्ड द्वारा श्री बदरीनाथ धाम एवं श्री केदारनाथ धाम में निशुल्क मैनुअल दर्शन टोकन मिलेंगे जिससे तीर्थयात्री निर्धारित समय पर दर्शन कर सकेंगे।
•निशुल्क दर्शन टोकनों से यात्रियों की संख्या नियंत्रित होगी तथा सरल सुगम दर्शन हो सकेंगे।
उच्च न्यायालय नैनीताल ने आज चारधाम तीर्थयात्रियों को राहत देते हुए दर्शन हेतु यात्रियों की निर्धारित की गयी संख्या की बाध्यता को हटा दिया है। अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं रहेगी।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर तीर्थयात्री सीधे देहरादून स्मार्टसिटी पोर्टल पर पंजीकरण कर चार धाम यात्रा कर सकते है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है कहा कि तीर्थयात्री सरलता से अब चारधाम दर्शन हेतु पहुंच सकेंगे।पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रसन्नता जताई।
देवस्थानम बोर्ड पदाधिकारियों सदस्यों ने कहा कि चारधाम यात्रा अब निर्बाध चलेगी।
उत्तराखंड धर्मस्व- तीर्थाटन विभाग के सचिव हरिचंद्र सेमवाल की ओर से उत्तराखंड धर्मस्व विभाग के अनुसचिव प्रेम सिंह राणा के द्वारा जारी मानक प्रचालन विधि ( एसओपी) में बताया गया कि उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में अब चारधाम यात्रा हेतु निर्धारित संख्या के मानक को अब हटा दिया गया है। पहले श्री बदरीनाथ धाम हेतु 1000 श्री केदारनाथ हेतु 800 श्री गंगोत्री हेतु 600 तथा श्री यमुनोत्री धाम हेतु 400 तीर्थ यात्रियों को दर्शन का प्रावधान किया गया था।
अब उत्तराखंड से बाहर प्रदेशों के तीर्थ यात्री htpp:// smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण करा सकते है। जबकि उत्तराखंड के लोगों को पंजीकरण की छूट रहेगी।
श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की आईटीपीसीआर अथवा संबंधित टेस्ट जैसे ट्रू नेट /सीबी नाट/ रेट आदि टेस्ट जरूरी होंगे अथवा वैक्सीन की दोनों डोज लगाई गयी हो। एक टीका लगने पर भी आईटीपीसीआर या अन्य कोविड टेस्ट रिपोर्ट आवश्यक होगी। इसके अलावा कोविड के लक्षण पाये जाने पर कोरोना प्रोटोकाल के तहत केयर सेंटर में भर्ती कराया जायेगा।
मंदिरों/ देवस्थानमों में दर्शनहेतु 6फीट की सामाजिक दूरी का पालन,जरूरी होगा। एसओपी के अन्य प्रावधान यथावत रहेंगे।
दूसरी ओर आयुक्त गढ़वाल एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने भी शासन की एसओपी के आलोक में संशोधित एसओपी / आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा जारी एसओपी का पालन सुनिश्चित किया जायेगा।
चारो धामों में से श्री बदरीनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री मे़ं तीर्थयात्री दर्शन हेतु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश नहीं करेंगे जबकि केदारनाथ धाम में श्रद्धालु गर्भ गृह में प्रवेश कर केवल परिक्रमा / प्रदक्षिणा कर सकेंगे,इस दौरान जलाभिषेक,टीका, लेपन,मूर्ति,पुस्तक स्पर्श निषिद्ध रहेगा।
श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ देवस्थानम में दर्शन हेतु तीर्थयात्रियों को अब निशुल्क मैनुअल टोकन मिलेंगे ताकि तीर्थयात्रियों को दर्शन हेतु निर्धारित समय दिया जा सकेगा इससे तीर्थयात्रियों को लंबे समय तक धर्मदर्शन की लाईन में नहीं लगना पड़ेगा जिसे यात्रियों की संख्या को नियंत्रित कर सरल सुगम दर्शनब्यवस्था बन सकेगी। धर्माचार्यों द्वारा श्रृद्धालुओं की पूजाएं संपन्न करायी जायेगी लेकिन सभा मंडप में बैठने की छूट नहीं रहेगी।
श्री केदारनाथ धाम में श्रद्धालु अब गर्भ गृह में प्रवेश कर सकेंगे लेकिन कोरोना प्रोटोकाल के अनुसार जलाभिषेक नहीं होगा भगवान केदारनाथ के ज्योर्तिलिंग का लेपन भी नही होगा मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जायेगा।
श्रद्धालु केवल गर्भ गृह में एक बार परिक्रमा कर सकेंगे। जबकि बदरीनाथ में सोशियल डिस्टेंसिंग में दर्शन होंगे।
देवस्थामों में कोरोना बचाव मानको का पालन दर्शन हेतु सामाजिक दूरी, मास्क लगाना,सेनिटाईजेशन, थर्मल स्कैनर का प्रयोग जरूरी होगा।
सामूहिक भजन कीर्तन आयोजन सामाजिक दूरी के साथ आयोजित होंगे, मंदिर में प्रसाद चढाने की ब्यवस्था पर कोरोना के दृष्टिगत रोक लगायी गयी है।