अंबानी को धमकी मामले में कार के मालिक का शव मिला समुद्र में,मुंह पर बंधे मिले पांच रूमाल
एंटीलिया केस में बड़ा मोड़:जिसकी कार में विस्फोटक रखा था, उस व्यापारी का शव मिला; पुलिस ने खुदकुशी का दावा किया पर मुंह पर बंधे थे 5 रूमाल
मुंबई 05 मार्च।रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार मिलने के केस में शुक्रवार को बड़ा मोड़ आ गया। एंटीलिया से 200 मीटर दूर खड़ी जिस कार में जिलेटिन की 20 छड़ें मिली थीं, वो कार कुछ दिन पहले ठाणे के व्यापारी मनसुख हीरन के पास थी। क्लासिक मोटर्स की फ्रेंचाइजी चलाने वाले मनसुख गुरुवार से लापता थे और शुक्रवार को ठाणे के कलवा क्रीक के पास उनका शव मिला।
पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने क्रीक में कूदकर खुदकुशी की, लेकिन जांच के दौरान उनके मुंह पर 5 रूमाल बंधे मिले हैं। ऐसे में इस दावे पर सवाल उठ रहा है। मनसुख का शव मिलने के बाद उनके परिवार ने भी खुदकुशी के एंगल पर शक जाहिर किया है। मनसुख के मामले में कई पहलू सामने आ रहे हैं। 8 जरूरी प्वाइंट से समझिए पूरा मामला…
1. शव की बरामदगी और पुलिस का दावा
मनसुख की बॉडी कलवा क्रीक से निकाली गई। मुंबई के DCP ने कहा कि मनसुख ने खुदकुशी की है।
2. क्राइम ब्रांच अफसर और मनसुख का कनेक्शन
जब मनसुख की बॉडी बरामद हुई, उससे करीब एक घंटे पहले महाराष्ट्र विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुलासा किया कि जब एंटीलिया के बाहर गाड़ी मिली तो वहां जो अधिकारी सबसे पहले पहुंचा, वो सचिन वझे थे। मुंबई क्राइम ब्रांच के बाकी अधिकारी सचिन वझे के बाद पहुंचे थे।
जांच के दौरान पता चला कि गाड़ी मनसुख के पास थी। उनके मोबाइल के कॉल डिटेल का रिकॉर्ड निकाला गया तो पता चला कि पिछले साल जून और जुलाई में मनसुख और सचिन वझे के बीच बातचीत हुई। फडणवीस ने विधानसभा में इस बातचीत पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मनसुख ने गाड़ी चोरी होने की बात कही थी और सचिन वझे सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंचे थे। यह संयोग भी हो सकता है, लेकिन यह घटनाक्रम सवाल खड़े करता है। फडणवीस ने NIA जांच की मांग की।
3. सवालों पर महाराष्ट्र सरकार ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला दिया
फडणवीस ने जब यह मामला विधानसभा में उठाया तो महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि मनसुख की बॉडी पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं, इसलिए इस केस को NIA को नहीं सौंपा जाएगा। देशमुख बोले कि मुंबई पुलिस सक्षम है और हमें उसकी क्षमता पर विश्वास करना चाहिए।
4. सचिन वझे पर सवाल उठे, पर उन्होंने कहा- कार चोरी से पहले नहीं मिला
पुलिस अफसर सचिन वझे ने आरोपों पर कहा, ‘मैं मनसुख को जानता था। कई बार उनसे मुलाकात हुई थी। मनसुख ने ठाणे और मुंबई पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ पुलिस अफसर और जर्नलिस्ट उन्हें परेशान कर रहे हैं। पर मैं कार चोरी होने के बाद या उससे पहले उनसे नहीं मिला था। एंटीलिया के बाहर कार मिलने पर, वहां जाने वाला मैं पहला शख्स नहीं था। गामदेवी की सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सबसे पहले पहुंची थीं। इसके बाद ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के दो अधिकारी और फिर DCP पहुंचे थे।’
बता दें कि सचिन वझे मनसुख के पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद थे। भाजपा ने उनकी मौजूदगी पर भी सवाल उठाया है।
5. मुंह पर 5 रूमाल बंधे थे, इससे मर्डर का एंगल आ गया
जिस वक्त मनसुख की बॉडी क्रीक से निकाली गई, वो कीचड़ में लथपथ थी। उनकी शर्ट पूरी तरह फट चुकी थी और जींस सलामत थी। जब जांच टीम ने उनकी बॉडी को निकाला तो उनके मुंह पर 5 रूमाल बंधे मिलेे। रूमाल बंधे मिलने के बाद आशंका जाहिर की जा रही है कि यह खुदकुशी नहीं, बल्कि मर्डर भी हो सकता है।
6. परिवार ने मर्डर एंगल पर फैक्ट्स बताए
मनसुख की पत्नी विमला हीरन ने खुदकुशी के एंगल को पूरी तरह नकार दिया है। उन्होंने कहा कि मनसुख जिंदादिल इंसान थे, वे खुदकुशी के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। खुदकुशी की बात अफवाह है और इसकी जांच होनी चाहिए। इसके बाद विमला ने बताया कि गुरुवार को मनसुख को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था, पर उसके बाद वह लौटे नहीं। कांदिवली से किसी तावडे का कॉल आया और उसके बाद उनका फोन बंद हो गया। मनसुख ने इसी अधिकारी से मिलने की बात कही थी।
परिवार के मुताबिक, मनसुख के मोबाइल की आखिरी लोकेशन पालघर के विरार में मिली है, जबकि बॉडी ठाणे के कलवा क्रीक में मिली। दोनों लोकेशन के बीच में काफी अंतर है। जब परिवार मनसुख की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचा, तभी एक शव बरामद होने की सूचना पुलिस को मिली। शिनाख्त में बॉडी मनसुख की निकली।
7. मनसुख कार के मालिक नहीं थे
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में बताया कि एंटीलिया के बाहर जो कार मिली, उसके मालिक का नाम सैम है। उन्होंने इसके इंटीरियर के मेंटेनेंस के लिए कार मनसुख हीरेन को दी थी। जब सैम ने इसके लिए पेमेंट नहीं किया तो हीरेन ने कार अपने पास रख ली थी। मनसुख ने पुलिस को बताया था कि 17 फरवरी की शाम को वे ठाणे से घर जा रहे थे, तभी रास्ते में गाड़ी बंद हो गई। मनसुख को जल्दी थी, इसलिए गाड़ी ऐरोली ब्रिज के पास सड़क के किनारे खड़ी कर दी। अगले दिन वे कार लेने गए तो वह नहीं मिली। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से भी की थी।
8. विवादों में रहे वझे 12 साल बाद उद्धव सरकार में बहाल हुए
मुंबई में ख्वाजा यूनुस की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में सचिन वझे ने साल 2008 में इस्तीफा दे दिया था। वझे को यूनुस की मौत के मामले में 2004 में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद वे सस्पेंड कर दिए गए थे। वझे पर यूनुस की हिरासत में मौत से जुड़े तथ्य छिपाने का आरोप था।
हालांकि, उद्धव सरकार बनने के बाद वझे को करीब 12 साल बाद 7 जून 2020 को फिर बहाल कर दिया गया। उन्हें मुंबई पुलिस के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) का हेड बनाया गया। वझे अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 63 एनकाउंटर में शामिल रहे। वझे वही सज्जन हैं, जिन्होंने अर्नब गोस्वामी को उनके घर से अरेस्ट किया था।