Agra Conversion : आयशा गैंग कैसे करता था हिंदू लड़कियों का शिकार, देहरादून की ‘मरियम’ ने खोला राज
कामिर कुरैशी
आगरा धर्मांतरण केस में देहरादून की एक युवती ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. ‘मरियम’ नाम की इस लड़की ने बताया कि कैसे शातिर आयशा और उसके गैंग ने पहले सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती…
आगरा 26 जुलाई 2025 : आगरा धर्मांतरण मामले में पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने देहरादून से एक और युवती ढूंढी है, जिसने पूछताछ में चौंका दिया हैं. युवती ने बताया कि सबसे पहले अब्बू तालिब ने उससे फेसबुक पर संपर्क किया. वह मजहबी बातें करता और धीरे-धीरे भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाकर प्रेमजाल में फंसा लिया. तब उसे इस्लामिक जानकारी देकर मतांतरण की ओर ले जाया गया. तालिब ने ही युवती को आयशा से मिलवाया, जिसने बाद में उसे अब्दुल रहमान से मिलवाया.
पूछताछ में पता चला कि आयशा और रहमान ने युवती को लग्जरी लाइफ और ‘सेफ प्लेस’ में रहने को लालचाया. बदले में उसको मतांतरण कर मुस्लिम बनने की शर्त रखी गई. मतांतरण के बाद उसका नाम ‘मरियम’ रख उसे इस्लामिक नामों की एक लिस्ट भी दी गई. गिरोह के सदस्य लड़कियों के इस्तेमाल को सेकेंड हैंड कीपैड फोन और फर्जी सिम कार्ड खरीदते थे, जिनकी कीमत चार-पांच हजार रुपये तक होती थी. ये फोन उन्हें मतांतरण बाद मिलते थे ताकि उन्हें ट्रैक और कंट्रोल किया जा सके।
शातिर आयशा की भूमिका महत्वपूर्ण
पूरे नेटवर्क में आयशा की भूमिका बेहद चतुर बताई जाती है. वह तकनीकी साक्ष्य मिटाने में दक्ष थी और लड़कियों को भी फोन नष्ट करने के तरीके सिखाती थी. पुलिस पूरे गिरोह की गहन जांच कर रही है. मिली युवती के बयान के आधार पर भविष्य में कई और महत्वपूर्ण पकड़ संभव हैं.
मरियम ने पुलिस और मीडिया से क्या कहा? तालिब ने फेसबुक पर किया था संपर्क
मरियम के अनुसार तालिब ने उससे फेसबुक से संपर्क किया. शुरु में वह उसे इस्लाम की जानकारी देने लगा. उत्सुकतावश उसने भी इस्लाम की जानकारी ली. धीरे-धीरे दोनों की बातचीत बढ़ी और तालिब ने उस पर शादी को दबाव बनाना शुरू किया.
सशर्त देते थे मदद का झांसा
साल 2019 से उसका तालिब से नियमित संपर्क रहा. तब तालिब ने अपनी बहनों सुमैया और सफिया से भी बात कराई. फिर आयशा और अब्दुल रहमान से संपर्क करवाया. आयशा ने उससे उसकी पारिवारिक स्थिति की जानकारी ली और भरोसा दिलाया कि वह उसे एक “सेफ प्लेस” ले जा सकती हैं. बदले में शर्त रखी कि उसे इस्लाम अपनाना होगा और किसी की दूसरी, तीसरी या चौथी पत्नी बनना पड़ेगा. तभी उसकी आर्थिक मदद और सुरक्षित ठिकाने की व्यवस्था होगी. वरना कोई इन्वेस्टमेंट नहीं किया जाएगा.
बनना होगा दूसरी या तीसरी वाइफ
मरियम ने बताया कि उसे अयान जावेद, अब्दुल रहमान उर्फ़ रूपेन्द्र प्रताप और दिल्ली के अब्दुल रहमान के संपर्क देकर कहा गया कि वह इन में से किसी की पहली बीवी नहीं बन सकती, दूसरी या तीसरी बन सकती है. झारखंड के अयान ने उससे कहा कि उसे एक स्थान खुद पहुंचना होगा, जहां से उसे कैब देहरादून छोड़ेगी. वहां से उसका एक दोस्त उसे दिल्ली ले जाएगा, और फिर 10-12 घंटे की यात्रा के बाद किसी “सेफ जगह” पर छोड़ दिया जाएगा.
तुड़वा दिया सिम और फोन
मरियम ने इस सब के लिए मना कर दिया तो अब्दुल रहमान (उर्फ़ रूपेन्द्र प्रताप) ने कहा कि “मैं तुम्हें वहां से निकाल सकता हूं लेकिन इसको तुम्हें मेरी तीसरी या चौथी बीवी बनना पड़ेगा. वरना बिना किसी लाभ मैं तुम्हें मदद नहीं कर सकता.” जब मरियम ने इससे इंकार किया, तो इन लोगों ने उसका फोन और सिम तुड़वाया.
अब्दुल रहमान कर रहा था शादी को मजबूर
दिल्ली के अब्दुल रहमान ने भी उसे शादी को मजबूर किया और कहा, “मैं एक महीने तक तुम्हारी मदद कर सकता हूं लेकिन उसके बाद तुम्हें मेरे साथ दिल्ली रहना होगा, वरना मैं कोई सहायता नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मैं पैसे खर्च कर रहा हूँ. “बाद में जब उसने बाहर निकलने से मना कर दिया, तो उससे कहा गया कि “तुम नहीं निकली, लेकिन कोई और लड़की निकल गई. हमने तुम्हारे लिए इकट्ठा किए पैसे अब उस लड़की पर खर्च हो चुके हैं और वो अब हमारे साथ रह रही है।”
मैं हिजरत करना चाहती हूं…
मरियम का आरोप है कि अब्दुल रहमान (रूपेन्द्र), दिल्ली के अब्दुल रहमान और अबू तालिब ने उस पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया. रूपेन्द्र ने उसे एक लिस्ट भेजी थी जिसमें इस्लाम के कई नियम और नाम शामिल थे. उसका नाम ‘मरियम’ रखा गया. दिल्ली के अब्दुल रहमान ने उससे एक वॉइस नोट भी मांगा, जिसमें उसे बोलना था कि “मैं हिजरत करना चाहती हूं और एक रिवर्टेड मुस्लिम हूँ” उन्होंने दावा किया कि अमीर लोगों को यह सुनाकर वे फंड इकट्ठा करेंगे.
