कांग्रेस दिग्गज ए के एंटनी बेटे अनिल के भाजपाई बनने पर आहत,कहा -मरते दम रहूंगा कांग्रेसी
एंटनी के बेटे भाजपा में शामिल:डॉक्यूमेंट्री विवाद में मोदी का समर्थन किया, ट्वीट डिलीट के दबाव में छोड़ी कांग्रेस; पिता बोले- उसने हर्ट किया
नई दिल्ली 06 अप्रैल। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने गुरुवार को BJP जॉइन कर ली। नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन की मौजूदगी में उन्हें पार्टी जॉइन कराई। जॉइनिंग के बाद अनिल एंटनी ने कहा- मुझे एक खास परिवार के लिए नहीं, आम लोगों के लिए काम करना है। अगले 25 सालों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के PM मोदी के लक्ष्य को पूरा करने का काम करना है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एके एंटनी ने कहा- अनिल के भाजपा में शामिल होने के फैसले ने मुझे हर्ट किया है। यह बहुत ही गलत फैसला है। भारत का आधार एकता और धार्मिक सद्भाव है। 2014 में मोदी सरकार जब सत्ता में आई, तब से धर्मनिरपेक्षता को कमजोर कर रही है। मैं मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगा।
अनिल एंटनी ने इसी साल जनवरी में कांग्रेस के पद और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह केरल कांग्रेस के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर थे। 2002 के गुजरात दंगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर BBC की डॉक्यूमेंट्री पर अनिल एंटनी ने मोदी के सपोर्ट में ट्वीट किया था, जिसे डिलीट करने का दबाव बनने पर उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी।
ट्वीट में अनिल ने कहा था- BBC का इतिहास भारत के प्रति पूर्वाग्रह का रहा
BBC की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर अनिल एंटनी ने ट्वीट किया था- भाजपा के साथ तमाम मतभेदों के बावजूद BBC और ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ के विचारों को भारतीय संस्थानों के विचारों से अधिक महत्व देना खतरनाक चलन है और इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी। जैक स्ट्रॉ ने ही इराक युद्ध की योजना बनाई थी। BBC ब्रिटेन सरकार का प्रायोजित चैनल है। उसका भारत के प्रति पूर्वाग्रह का इतिहास रहा है।
कांग्रेस नेताओं ने ट्वीट डिलीट करने को कहा था
कांग्रेस नेताओं को अनिल एंटनी का ट्वीट पसंद नहीं आया था। उन्होंने फोन करके उनको ट्वीट डिलीट करने को कहा था, लेकिन वे नहीं माने। ज्यादा दबाव बनने पर उन्होंने पार्टी के पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
अनिल एंटनी ने ट्वीट कर कहा था- मुझ पर ट्वीट को डिलीट करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। ऐसा वे लोग कर रहे थे जो फ्रीडम ऑफ स्पीच के लिए खड़े होने की बात करते हैं। मैंने ट्वीट डिलीट करने से मना कर दिया। हालांकि उन पर बन रहे दबाव के दौरान शशि थरूर ने उनका समर्थन किया था।
थरूर ने कहा था- मुझे लगता है कि वे अपने लिए बोल सकते हैं। मुझे खुशी है कि सरकार ने कह दिया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता ऐसी चीज नहीं है जिसे इतनी आसानी से एक डॉक्यूमेंट्री के जरिए प्रभावित किया जा सके। हम एक मजबूत देश हैं।