सभी प्रावधान यथावत रहेंगें और… वक्फ सुधारों को सुको से अनुमोदन का क्या है अर्थ?

 सभी प्रावधान यथावत रहेंगें और… वक्फ सुधारों को सुप्रीम कोर्ट से अनुमोदन का क्या है अर्थ

Supreme Court On Waqf Board: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को बनाये रखा। इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन सुधार स्वीकार हुए । अधिनियम पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा। अपंजीकृत दावों की अब कोई कानूनी वैधता नहीं होगी।

नई दिल्ली 01 अक्टूबर 2025 : सुप्रीम कोर्ट ने  ऐतिहासिक फैसले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को बनाये रखते हुए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बहुप्रतीक्षित सुधार अनुमोदित कर दिये हैं। अदालत ने कहा है कि यह अधिनियम न केवल संविधान के सिद्धांतों के अनुरूप है, बल्कि वक्फ संस्थाओं के कानूनी, सामाजिक और आर्थिक ढांचा भी मजबूत करता है।

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सभी प्रावधान यथावत: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वक्फ संशोधन अधिनियम के सभी प्रावधान यथावत रहेंगे और डिजिटलीकरण, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने वाले सुधार पूरी तरह से लागू करने योग्य हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि विधिसम्मत प्रक्रिया के बिना किसी को भी वक्फ संपत्ति से हटाया नहीं जा सकता।

अपंजीकृत दावों की वैधता नहीं: 
सुप्रीम कोर्ट ने ‘उपयोगकर्ता से वक्फ’ की अस्पष्ट अवधारणा निरस्त करने का फैसला बनाये रखा है। अनिवार्य वक्फ पंजीकरण की आवश्यकता को भी वैध ठहराया गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अपंजीकृत दावों की अब कोई कानूनी वैधता नहीं होगी।

महिलाओं के अधिकार: फैसले का एक महत्वपूर्ण पक्ष वक्फ दावों पर सीमा अधिनियम (या लिमिटेशन एक्ट) लागू होना है, जो अनिश्चितकालीन, लंबे मुकदमै समाप्त करता है। न्यायालय ने वक्फ-अल-औलाद प्रावधानों को बनाये रखते हुए महिलाओं के अधिकारों का महत्व भी स्वीकार किया है।

वक्फ दावों की सीमा: सुप्रीम कोर्ट ने जनजातीय भूमि और विरासत स्थलों को स्पष्ट सुरक्षा देते हुए यह निर्णय दिया कि वक्फ के दावे संवैधानिक या सांस्कृतिक सुरक्षा उपायों से ऊपर नहीं हो सकते। इससे भारत की विरासत के संरक्षण और वक्फ संपत्तियों के उचित उपयोग में संतुलन तय होता है।

स्वाभाविक तौर पर संवैधानिक:
अदालत ने इस अधिनियम की सभी 48 धाराएं बनाये रखी हैं और केवल तीन पर शर्तें लगाई हैं। उसने दोहराया है कि वे संसदीय कानून जो संयुक्त संसदीय समिति की कठोर समीक्षा से बनाए जाते हैं, उन्हें स्वाभाविक तौर पर संवैधानिक माना जाता है।

नए युग का सूत्रपात: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने फैसले को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए इसका स्वागत किया है। अब उसका फोकस राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम (NAWDCO) संचालन पर है, ताकि नए कानून से सुनिश्चित सुरक्षा उपायों से वक्फ संपत्तियों का व्यवस्थित विकास किया जा सके। कुल मिलाकर, यह कदम एक नए युग के सूत्रपात का प्रतीक है, जहां वक्फ संपत्तियां वास्तव में अल्पसंख्यक समुदायों के सशक्तीकरण का माध्यम बन सकेंगी।

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