अमरीकी गुट की योजना-रूस को दाने-दाने को मोहताज करना
अमेरिका और पश्चिमी देश आखिर ऐसा क्या कर रहे हैं कि रूस दाने-दाने को मोहताज हो सकता है, जानिए 5-प्वाइंट में
रूसी मुद्रा रूबल का डॉलर की तुलना में रिकॉर्ड अवमूल्यन हुआ है. (AP)
Effects on Russian economy from Western sanctions: यूक्रेन पर रूसी हमले (Russian attack on Ukraine) के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने भारी आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस को इसका खामियाजा लंबे समय तक भुगतना होगा. जानकार बताते हैं कि वैश्विक महत्त्व की अर्थव्यवस्था रूस (Russia) के खिलाफ ऐसे आर्थिक प्रतिबंध पहले कभी नहीं देखे गए. यह एक तरह से आर्थिक-युद्ध (Economic War) है, जिसका लक्ष्य रूस को दाने-दाने के लिए मोहताज कर देना है.
नई दिल्ली. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद (Russia-Ukraine War) अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देश भी आक्रामक हो गए हैं. हालांकि यह आक्रामकता सैन्य हमलों की शक्ल में नहीं, आर्थिक प्रतिबंधों की सूरत में सामने आई है. रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों (Economic Sanctions) की सख्ती का सिलसिला थम नहीं रहा है, बल्कि बीते 6-7 दिनों से लगातार नए प्रतिबंध घोषित किए जा रहे हैं. जानकार बताते हैं कि वैश्विक महत्त्व की अर्थव्यवस्था रूस (Russia) के खिलाफ ऐसे आर्थिक प्रतिबंध पहले कभी नहीं देखे गए. यह एक तरह आर्थिक-युद्ध (Economic War) है, जिसका लक्ष्य रूस को दाने-दाने के लिए मोहताज कर देना है. इस बारे में फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ली मायरे (French Finance Minister Bruno Le Maire) कहते भी हैं, ‘हम ऐसे इंतजाम करेंगे कि रूस की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ढह जाए.’ ऐसे में, इस मामले से जुड़े पहलुओं को जानने की दिलचस्पी हो सकती है. लिहाजा, इसे समझने की कोशिश करते हैं. बस 5-प्वाइंट (5-Points Explainer) में.
रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों की शुरुआती स्थिति में ही आलम ये है कि रूसी मुद्रा रूबल का डॉलर की तुलना में रिकॉर्ड अवमूल्यन हुआ है. इसकी कीमत 28 फरवरी को ही करीब 25% गिरकर 1:104 हो चुकी थी. मतलब 104 रूबल की हैसियत 1 डॉलर के बराबर. इसके बाद से भी इसकी कीमत गिरने का सिलसिला थमा नहीं है. इसकी वजह से तमाम निवेशकों ने अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए. नतीजा ये हुआ कि रूसी स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) में सोमवार को काम रोक देना पड़ा. शेयर बाजार मंगलवार को भी बंद ही रहने वाला है. यही नहीं, रूस के केंद्रीय बैंक (Russian Central Bank) ने कर्ज पर ब्याज दरें दोगुनी तक बढ़ा दी हैं. ये वहां 20% तक हो चुकी हैं. रूस का सबसे बड़ा बैंक तक ढहने की कगार पर पहुंच चुका है.
रूस के सभी बैंकों का बहिष्कार, आरक्षित मुद्रा भंडार भी जब्त
इसी शनिवार को अमेरिका, यूरोपीय संघ और कनाडा ने घोषणा की है कि वे रूस के बैंकों को वैश्विक वित्तीय संदेश सेवा (SWIFT) से बाहर करने वाले हैं. यूरोपीय संघ के अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने कहा, ‘हम रूस के केंद्रीय बैंक की तमाम पूंजी और संपत्तियों पर चोट करेेंगेें. उन्हें जब्त (Freezing) करेेंगें ताकि उनसे राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के युद्ध को वित्तीय मदद न मिल सके.’
जानकार बताते हैं कि रूस ने आर्थिक प्रतिबंधों की ऐसी किसी स्थिति के लिए पहले से तैयारी कर रखी थी. इसके लिए उसके केंद्रीय बैंक में लगभग 630 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार आरक्षित है. बड़ी मात्रा में सोने जैसी महंगी धातु भी आरक्षित भंडार में है. मगर यह तैयारी बेअसर साबित हो रही है. अमेरिका और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर रूसी हमले के शुरुआती दिनों में ही यह भी सुनिश्चित किया है कि उन देशों की किसी भी मुद्रा में रूस व्यापारिक लेन-देन न कर सके.
रूस की करीब 1 लाख करोड़ डॉलर की संपत्ति ठंडे में लग गई
फ्रांसीसी वित्त मंत्री के मुताबिक, ‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वैश्विक अर्थतंत्र से रूस को पूरी तरह काट दिया जाए. अगर रूस अपने आक्रामक रास्ते पर चलता रहता है, तो कुछ ही दुनिया में ऐसा होता हुआ भी देखेगी.’
वे बताते हैं कि रूस के 2 बड़े बैंक (SBRCY and VTB) अब डॉलर या पश्चिमी देशों की किसी मुद्रा में लेन-देन नहीं कर पा रहे हैं. प्रतिबंध लगाने वालों में जापान, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा भी शामिल हैं. यहां तक कि स्विट्जरलैंड भी, जो अपनी बैंकिंग गोपनीयता और तटस्थता को जाना जाता है. उनके अनुसार, इन प्रयासों से अब तक रूस की करीब 1 लाख करोड़ डॉलर की पूंजी और संपत्ति फ्रीज की जा चुकी है. सामान्य शब्दों में कहें तो इतनी बड़ी मात्रा में रूस के अर्थ और वित्त को ठंडे में लगा दिया गया है.
अमेरिका ने आधुनिक तकनीक तक भी रूस की पहुंच प्रतिबंधित की
इस बार अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ अपने प्रतिबंधों के क्रम में आधुनिक तकनीक तक भी उसकी पहुंच को प्रतिबंधित किया है. कंप्यूटर चिप (Computer Chip) जैसी बेहद अहम चीज की आपूर्ति भी रूस के लिए वैश्विक स्तर पर रोक दी गई है. इन कंप्यूटर चिप का इस्तेमाल कार, स्मार्टफोन, मिसाइल, उपग्रह आदि तमाम चीजों में होता है. इन चिप और सेमी कंडक्टर (Semi-Conductor) की डिजाइन से जुड़े दुनिया में सबसे अधिक पेटेंट अमेरिकी कंपनियों के पास हैं. यानी कंप्यूटर चिप बनाने वाली दुनिया की तमाम कंपनियां इस मामले में अमेरिकी कंपनियों पर निर्भर हैं. और इन अमेरिकी कंपनियों ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि चिप, सेमीकंडक्टर आदि की आपूर्ति रूस के लिए न हो सके. इससे रूस की मुश्किलें अधिक बढ़ गईं हैं. उसके कई रक्षा और संचार उपकरणों का संचालन तक इस स्थिति के कारण बाधित हो सकता है.
रूसी विमानों के लिए हवाई रास्ते बंद, अरबपतियों की संपत्ति जब्त
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने मंगलवार को ‘स्टेट ऑफ द यूनियन स्पीच’ (संसद सत्र से पहले राष्ट्रपति का अभिभाषण) दी. इसमें बताया कि रूसी उड़ानों के लिए अमेरिकी हवाई क्षेत्र (US Air S[ace) बंद कर दिया गया है. अमेरिका के सहयोगी देश भी ऐसा कर रहे हैं. इतना ही नहीं, अमेरिका और उसके सहयोगी देशों में जहां कहीं भी रूसी अरबपतियों की संपत्तियां हैं, वे भी जब्त की जा रही हैं. उनके जहाजों, आलीशान अपार्टमेंट, निजी जेट विमानों को ढूंढ-ढूंढकर जब्त किया जा रहा है. ताकि रूसी अरबपति किसी भी तरह से अपने देश की सरकार और उसके आक्रामक मंसूबों में वित्तीय मदद न कर सकें.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘जब वर्तमान समय का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें यूक्रेन पर पुतिन के हमले को रूस के कमजोर होने और उसके मुकाबले बाकी दुनिया के मजबूत होने का कारण बताया जाएगा.’ जो बाइडेन की यह चेतावनी भविष्य में गौर करने के काबिल होगी.