पाकिस्तानी टूल प्रमिला जयपाल भी तालियां बजाती दिखी मोदी के भाषण पर

AmericaWatch Video Pramila Jayapal Giving Standing Ovation To Pm Modi Address To Us Congress

अमेरिका में विरोधी प्रमिला जयपाल भी हो गईं मोदी की फैन! देखें खड़े होकर बजाने लगीं तालियां

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प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में तालियां बजातीं प्रमिला जयपाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूएस कांग्रेस के संबोधन के दौरान सीनेटर प्रमिला जयपाल को तालियां बजाते हुए देखा गया। प्रमिला जयपाल ने अमेरिका के 75 सांसदों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जो बाइडन को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक में भारत में मानवाधिकारों के कथित हनन का मुद्दा उठाया जाए।

हाइलाइट्स
प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में प्रमिला जयपाल ने जमकर बजाई तालियां
पहले प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बाइडन को लिखा था पत्र
भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद हैं प्रमिला जयपाल

वॉशिंगटन 23 जून: अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य प्रमिला जयपाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में खड़े होकर तालियां बजाते हुए देखा गया है। प्रमिला जयपाल वही नेता हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे का विरोध किया था। वे उन 75 अमेरिकी सांसदों में शामिल थीं, जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिखकर भारत में मानवाधिकार और लोकतंत्र को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा करने का आग्रह किया था। इससे पहले भी प्रमिला जयपाल भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जहर उगल चुकी हैं।

 

 

लेकिन, उन्हें शुक्रवार देर रात प्रधानमंत्री मोदी से यूएस कांग्रेस के संयुक्त सत्र के संबोधन के दौरान तालियां बजाते हुए देखा गया। उनका यह वीडियो भी सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।

 

प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में तालियों से गूंज उठा यूएस कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार देर रात दूसरी बार यूएस कांग्रेस को संबोधित किया। ऐसा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के तीसरे नेता बन गए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान यूएस कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान यूएस कांग्रेस का हॉल कई बार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा। जब भाषण खत्म हुआ तो सभी अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने खड़े होकर प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में तालियां बजाईं।

प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लिखा था पत्र

इन सबसे एक चेहरा जो सबकी नजरों में आया, वह प्रमिला जयपाल का था। प्रमिला उन 75 सीनेटरों में शामिल थीं, जिन्होंने पहले प्रधानमंत्री मोदी के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन को एक पत्र लिखा था। उन्हें भी प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन समाप्त होने पर खड़े होकर अभिनंदन करते और मुस्कुराते हुए देखा गया। राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बैठक से पहले अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल और सीनेटर क्रिस वान होलेन ने 70 से अधिक सदस्यों के हस्ताक्षर वाला पत्र भेजा था। इसमें राष्ट्रपति बाइडन से भारत में मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के महत्व पर चर्चा करने का आग्रह किया गया था।

कौन हैं प्रमिला जयपाल

प्रमिला जयपाल भारतीय मूल की अमेरिकी राजनेता हैं। वह 2017 से वॉशिंगटन के 7वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से अमेरिकी प्रतिनिधि हैं। प्रमिला जयपाल का जन्म 21 सितंबर 1965 को तमिलनाडु में हुआ था। हालांकि, उन्होंने अपना बचपन इंडोनेशिया और सिंगापुर में बिताया है। प्रमिला ने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री हासिल की है। वह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में चुनी जाने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला भी हैं।

प्रमिला जयपाल भी निकली पाक की ‘एजेंट’… मोदी का विरोध करने को 70 सांसदों से लिखवाई चिट्ठी, सच जानिए

अभिजात शेखर आजाद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा का आज दूसरा दिन है और व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस में आज राजकीय डिनर कार्यक्रम में भाग लेंगे, जिसका आयोजन राष्ट्रपति बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने किया है।

एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अमेरिका ने रेड कार्पेट बिछा रखा है, तो दूसरी तरफ अमेरिका के कुछ ऐसे सांसद भी है, जो भारत विरोध में पगला चुकी हैं और ऐसी ही एक सांसद हैं, भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल। कहने को तो प्रमिला जयपाल भारतीय मूल की हैं, लेकिन उनकी हरकतें देखकर भारत विरोधियों जैसी हैं। दरअसल, प्रमिला जयपाल ने अमेरिका के 70 सांसदों और नेताओं से उस चिट्ठी पर हस्ताक्षर करवाएं हैं, जिसमें मानवाधिकार, प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछने का आग्रह जो बाइडेन से किया गया है।

लेकिन, अब खुलासा हुआ है, कि प्रमिला जयपाल भी असल में उसी टूलकिट का हिस्सा हैं, जिसे भारत विरोधियों ने कई सालों से लगातार भारत की छवि को धूमिल करने के लिए इस्तेमाल किया है और उसके बदले में उन्हें कई तरह के फायदे होते हैं।

प्रमिला जयपाल का मकसद जानिए

इन्वेस्टिगेटिंग थिंक टैंक ‘डिस इंफो लैब’ की रिपोर्ट में प्रमिला जयपाल की नीयत पर गंभीर सवाल उठाए गये हैं। ‘डिस इंफो लैब’ ने कहा है, कि इससे पहले, प्रमिला जयपाल ने 2019 में कश्मीर पर भी इसी तरह की चिंता दिखाई थी। और दिलचस्प बात ये है, कि उसी वक्त अमेरिका स्थिति एक लॉबी फर्म ‘हालैंड एंड नाइट’ को पाकिस्तान सरकार ने हायर किया था।

‘हालैंड एंड नाइट’ की ही दस्तावेजों के मुताबिक, इस फर्म में जिन लोगों से भारत का विरोध करने के लिए संपर्क किया था, उसमें प्रमिला जयपाल का भी नाम शामिल था।

प्रमिला जयपाल ने अगस्त से दिसंबर (2019) के बीच कश्मीर पर काफी अनाप-शनाप बात की, जिसमें अमेरिकी कांग्रेस को ‘पत्र’ लिखना और कश्मीर पर प्रस्ताव पारित करना (दिसंबर’19) भी शामिल था।

लेकिन, आश्चर्य की बात ये थी, कि जनवरी 2020 में प्रमिला जयपाल का कश्मीर प्रेम दिखना अचानक बंद हो गया और उससे भी दिलचस्प बात ये थी, कि दिसंबर 2020 में पाकिस्तान सरकार का ‘हालैंड एंड नाइट’ फर्म के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया। यानि, जिस प्रमिला जयपाल ने कश्मीर पर ट्वीट्स की बरसात कर दी थी, उनके ट्वीट जनवरी 2020 के बाद से दिखने बंद हो गये।

सब डॉलर का खेल है….

इस दौरान प्रमिला जयपाल के साथ इस्लामिक संगठनों से और मजबूत होते जाते हैं और प्रमिला जयपाल अपने राजनीतिक अभियानों के लिए इस्लामवादी संगठनों से भारी फंड हासिल करती हैं। साल 2014 से साल 2018 के बीच प्रमिला जयपाल ने काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन्स (CAIR) और मुस्लिम ब्रदरहुड फ्रंट से 20 हजार डॉलर प्राप्त किए, जिसका नाम 2007 में यूएस में टेरर-फंडिंग केस में आया था!

प्रमिला जयपाल एक बार फिर से फरवरी 2023 में भारत को लेकर अचानक एक्टिव हो जाती है और उन्हें अचानक भारत में जातिवादी मुद्दे याद आने लगते हैं। वो अचानक भारत में जातिवाद को लेकर काफी चिंतित हो जाती हैं और सिएटल के ‘जाति प्रतिबंध’ प्रस्ताव का समर्थन करती नजर आती हैं।

इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री मोदी के भारी विरोधी रहे अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस लेकर आते हैं और ये कतई संयोग नहीं हो सकता है, कि सोरोस फंड मैनेजमेंट से साल 2018 से 2022 के बीच प्रमिला जयपाल को 19 हजार डॉलर मिले थे।

आश्चर्य की बात नहीं है, कि प्रमिला जयपाल ने जो 70 सांसदों और सीनेटर्स से अपनी प्रोपेगेंडा चिट्ठी पर दस्तखत करवाए हैं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तान से गहरे ताल्लुकात रखने वाले इस्लामवादी संगठन, जैसे इंडियन-अमेरिकी मुस्लिम परिषद (IAMC), हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR), PolisProject जैसे संस्थानों के लिए एक उपकरण की तरह काम करता है।

भारत में भी कई पत्रकार ऐसे हैं, जो शायद इन तथ्यों को नहीं जानते और प्रमिला जयपाल जैसी सांसद, जो डॉलर के लिए किसी भी खेमे के लिए अपनी ईमानदारी बेचने के लिए तैयार रहती हैं, गाहे-बगाहे उनके प्रवक्ता की तरह बात करने लगते हैं।

प्रमिला जयपाल कौन हैं?

प्रमिला जयपाल, भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद हैं और अमेरिका की उन सांसदों और नेताओं की फेहरिस्त में आती हैं, जो अपने भारत विरोधी एजेंडे के लिए जानी जाती हैं। प्रमिला अकसर भारत के खिलाफ जहर उगलती रहती हैं। लिहाजा, भारत ने उन्हें भाव देना बिल्कुल बंद कर दिया है और पिछले दिनों प्रमिला जयपाल ने इस बात को लेकर बौखलाहट भी दिखाई थी, जब इसी साल फरवरी में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया था।

प्रमिला जयपाल भारत सरकार के कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त करने के फैसले की जमकर आलोचना करते हुए एक कैम्पेन तक चला चुकी हैं। जिसमें उन्होंने मोदी सरकार के फैसले का जोरदार तरीके से विरोध करने की कोशिश की थी, और उनका साथ अमेरिका की मुस्लिम सांसदों ने दिया था।

प्रमिला जयपाल कश्मीर घाटी में प्रतिबंधों को हटाने की मांग को लेकर अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में एक द्विदलीय प्रस्ताव भी पेश कर चुकी हैं, जो संसद में गिर गया था।

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