गैस सिलेंडर कंधे पर, आटोरिक्शा खींचा रस्से से, कांग्रेस नाराज़ हैं मंहगाई से
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल, रस्से से खींचा ऑटो, कंधे पर उठाया सिलिंडर
Protest Against Inflation महंगाई को लेकर आक्रामक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आक्रामक रुख को और धार मिली है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से गांधी पार्क तक ऑटो रिक्शे को रस्से से खींचकर ले गए।
देहरादून 06 मार्च। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने डीजल और पेट्रोल के दामों लगातार वृद्धि व बढ़ती महंगाई के खिलाफ अनोखे अंदाज में विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने ऑटो रिक्शा को रस्सी बांधकर खींचा। साथ ही सिलिंडर को कंधे पर उठाकर प्रदर्शन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री रावत कांग्रेस मुख्यालय राजपुर रोड से एक ऑटो रिक्शा को रस्सी से बांध गांधी पार्क तक खींचकर ले गए। वहीं, गांधी पार्क के बाहर संपन्न हुई सभा को कंधे पर सिलिंडर रख संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन माह में जहां गैस सिलेंडर का दाम ढ़ाई सौ रुपये तक बढ़ें हैं।
वहीं, पेट्रोल-डीजल के दामों में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है और खद्य पदार्थों के दाम भी आसमान को छू रहे हैं। पिछले छह साल में केंद्र सरकार ने अकेले पेट्रोलियम पदार्थों से 21 लाख करोड़ रुपये अर्जित किए हैं। उन्होंने कहा कि आखिर वो धन कहां चला गया किसी को मालूम नहीं है।
बढ़ती बेरोजगारी और चौपट होते उद्योग-धंधों से हमारी आर्थिक स्थिति खराब हुई है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि जब तक डीजल, पेट्रोल और गैस के दाम कम नहीं हो जाते तब तक हमें चैन से नहीं बैठना है और गांव-गांव तक जनता को जागरूक करने का काम करना होगा। जनता के ऊपर महंगाई का बोझ डाला जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लड़ाई कांग्रेस की लड़ाई नहीं है। ये आम जनता की लडाई है, क्योंकि उनके लिए जीवन यापन करना ही दूभर हो गया है। हमारी माता-बहनों के लिए घर चलाना लगातार कठिन होता जा रहा है। वहीं, हमारे बेरोजगार नौजवान दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। उन्होने यह भी कहा कि कुछ पूंजीपतियों की तिजोरीयों को भरने के लिये केंद्र सरकार अपनी नीतियों को उनके पक्ष में बना रही है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जनता की समस्याओं की उपेक्षा की जा रही है। पंचायती राज संस्थाओं को कम आंका जा रहा है। हालांकि कार्यक्रम पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एकांगी रूप से घोषित किया था, लेकिन सैकड़ों कांग्रेस, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, किसान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बढ़चढ़ कर भागीदारी की।