बुरे फंसे ओबामा: सीतारमण के बाद सीधे अमेरिका से मिली सीख
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बुरे फंसे बराक ओबामा! भारत ही नहीं अब अमेरिका से भी मिला करारा जवाब, दे डाली बड़ी शिक्षा
अमेरिका का पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को जॉनी मूर ने अपने शब्दों में बड़ी शिक्षा दी है। मूर ने कहा कि मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति को भारत की आलोचना करने से ज्यादा भारत की सराहना करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। बराक ओबामा की टिप्पणी पर भारत की ओर से करारा जवाब दिया गया है।
नई दिल्ली 26 जून : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत में धर्म की आजादी को लेकर दिए गए बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि उनके बयान की आलोचना और सवाल भारत से ही पूछे जा रहे हैं बल्कि अमेरिका से भी आवाज उठ रही है। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 मुस्लिम देशों पर बमबारी वाल सवाल दागकर ओबामा पर करारा हमला बोला। वहीं आज भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ओबामा जी को ये नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व में रहने वाले सभी लोगों को भी परिवार का सदस्य मानता है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आजादी पर बने अमेरिकी आयोग के पूर्व मुखिया और आयुक्त जॉनी मूर ने ओबामा की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। मूर ने ओबामा को इसके लिए फटकार लगाई और कहा है कि बेहतर होगा कि वह अपनी ऊर्जा किन्हीं और कामों में खर्च करें।
अमेरिका से ही मिल गया बराक ओबामा को करारा जवाब
जॉनी मूर ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को देश की आलोचना करने से ज्यादा भारत की तारीफ करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। जॉनी मूर ने सोमवार प्रधानमंत्री मोदी के मिस्र दौरे की सराहना की। मूर ने कहा कि दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण अरब देश के राष्ट्रपति के साथ बैठकर यह मैसेज दिया कि भविष्य उज्ज्वल है। मूर न कहा कि दुनिया के सबसे अधिक हिंदू आबादी वाले देश के नेता को विश्व के सबसे बड़े इस्लामी राष्ट्र से सम्मान मिला। संदेश साफ और स्पष्ट है। जॉनी मूर ने कहा कि अमेरिका भारत से बहुत कुछ सीख सकता है। नरेंद्र मोदी ने अमेरिका और फिर मिस्र की यात्रा की संदेश साफ है। भारत में संविधान वाला लोकतंत्र है। इतनी विविधता है, कई राजनीतक दल हैं। एक ऐसा देश जो हर एक चुनाव में अपने लोकतंत्र के लिए लड़ता है।
राजनाथ सिंह ने कहा- क्यों भूल रहे हैं बराक ओबामा कि भारत ही है सब पंथों की शरणस्थली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी पर सोमवार कहा कि ओबामा जी को ये नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व में रहने वाले सभी लोगों को भी परिवार का सदस्य मानता है। उनको अपने बारे में सोचना चाहिए कि उन्होंने कितने मुस्लिम देशों पर हमला किया। पिछले कुछ सालों में दुनिया के विभिन्न देशों में प्रधानमंत्री मोदी की बढ़ती साख का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि एक देश के प्रधानमंत्री ने उन्हें बॉस कहा, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मोदी इतने लोकप्रिय हैं कि लोग उनसे ऑटोग्राफ लेना चाहते हैं। मोदी के नेतृत्व में विश्व पटल पर भारत की प्रतिष्ठा और कद में इजाफा हुआ है। आज दुनिया के अधिकतर बड़े देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से जारी संयुक्त बयान दर्शाता है कि आज किस तरह भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका समेत पूरी दुनिया की सोच बदल दी है।
ओबामा के रहते 6 मुस्लिम देशों को बमबारी का सामना करना पड़ा
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ओबामा का बयान आश्चर्यजनक है क्योंकि जब वह शासन में थे तब छह मुस्लिम बहुल देशों को अमेरिकी बमबारी का सामना करना पड़ा था। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 13 देशों ने अपने शीर्ष सम्मान से सम्मानित किया है जिनमें से छह मुस्लिम देश हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों की ओर से अल्पसंख्यकों के प्रति व्यवहार को लेकर आधारहीन आरोप लगाने के लिए संगठित अभियान चलाया जा रहा है। सीतारमण ने कहा कि मुझे आश्चर्य हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी सभी के सामने भारत के बारे में बात कर रहे थे, तब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय मुस्लिमों को लेकर बयान दे रहे थे। उन्होंने सवाल किया क्या ओबामा के राष्ट्रपति रहते छह देशों, सीरिया, यमन, सऊदी, इराक और अन्य मुस्लिम देशों में बमबारी नहीं हुई?
अमेरिका में मोदी,और तभी ओबामा ने उसी वक्त उठाए सवाल
सीएनएन को दिए इंटरव्यू में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने कहा था कि यदि भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करता तो इस बात की प्रबल आशंका है कि एक समय आएगा जब देश बिखरने लगेगा। ओबामा ने कहा था कि यदि उनकी मोदी के साथ बातचीत होगी तो वह भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर चर्चा करेंगे। यदि उनके अधिकार संरक्षित नहीं होंगे तो क्या होगा। बराक हुसैन ओबामा ने इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका और दुनिया भर में लोकतांत्रिक संस्थाएं अजीब हो गई हैं, और यह अमेरिकी नेताओं पर निर्भर है कि वे भविष्य में उन्हें बनाए रखने के तरीके खोजें। ओबामा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम किया है और भारतीय लोकतंत्र के बारे में चिंता व्यक्त करना भी कूटनीतिक बातचीत में शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए। ओबामा ने कहा कि अगर मेरी प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत होती, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग होना शुरू कर देगा।
For senior Indian editors slyly hoping Assam CM Himanta Sarma would be in the dog house with PM Modi over Sarma’s “Hussain Obama” remark, FM Nirmala Sitharaman’s comments doubling down on Obama’s hypocrisy are a slap on the wrist. pic.twitter.com/L177sOnssC
— Minhaz Merchant (@MinhazMerchant) June 26, 2023
कमाल की बात तो यह है कि कुल मिलाकर चार सौ साल के जनतंत्र अमेरिका का ऐसा पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा उस भारत को बिन मांगी सलाह दे रहे थे जहां हजारों साल पहले गणतंत्र का इतिहास है। बराक हुसैन ओबामा अपना खुद का इतिहास भूल जाते हैं जिन्हें अमेरिकी राजनीति में आने को अपने केनियाई पूर्वजों का मुस्लिम मज़हब छोड़ कर ईसाई पंथ स्वीकार करना पड़ा था। उनके अपरिपक्व और एजेंडा लाबींग वाले बयान को लेकर वो कांग्रेस नाच रही है जिसके राजकुमार राहुल गांधी को अपरिपक्व बताने वाली राय की किताब पर उसे एतराज था। उस किताब में ओबामा ने लिखा था कि राहुल में गहराई नहीं है और वे विषयों का अध्ययन नहीं करते।