बिना सोचे-समझे वरूण गांधी पर हमला?
बिना पूरी बात जाने कॉन्ग्रेस और मीडिया ने शुरू कर दी वरुण गाँधी की आलोचना: जानिए कौन था उन्हें कॉल करने वाला व्यक्ति
बातचीत का एक ऑडियो सुर्ख़ियों में आने के बाद कॉन्ग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गाँधी पर हमला करना शुरू कर दिया। सामने आए इस ऑडियो में भाजपा सांसद को साफ़ तौर पर ऐसा कहते हुए सुना जा सकता है कि रात के 9:30 बजे किसी को कॉल करने का सही समय नहीं होता है और वह उस व्यक्ति की बात सुबह सुनेंगे।
श्री. @varungandhi80,
क्या @narendramodi जी आपको रात ९:३० बजे फोन करते तो आप उन्हें भी इसी प्रकार का उत्तर देते ?
माना आप किसी के बाप के नौकर नहीं है पर पिलभित के जनता के लोक प्रतिनिधि तो है, लोगों ने आपको वोट देकर चुना है और आपका १००% कर्तव्य है कि आप उनसे विनम्रता से पेश आए । pic.twitter.com/aLUFGhOmZV
— Sumedh Gaikwad (@sumedhbgaikwad) October 19, 2020
कॉल करने वाले व्यक्ति ने बातचीत की शुरुआत में कहा कि वह पीलीभीत का रहने वाला है। इसके जवाब में पीलीभीत सांसद वरुण गाँधी ने कहा कि अगर उसे कोई ज़रूरी काम है तो वह सुबह कॉल कर सकता है। बातचीत के बीच में एक मौके पर उन्होंने कहा, “मैं आपके बाप का नौकर नहीं हूँ कि रात के 10 बजे आप से बात करूँ। अगर आपको आधी रात गए या रात के 10 बजे कोई काम है तो माफ़ करिए। मैं आप से इस वक्त बात नहीं कर सकता हूँ। यह कोई समय नहीं होता है किसी को कॉल करने का, आप शरीफ इंसानों की तरह सुबह कॉल कर सकते हैं।”
घटना के बाद वरुण गाँधी की संसदीय सचिव इशिता यादव ने इस पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कॉल करने वाला व्यक्ति कम उम्र के लड़कों को नकली शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्होंने बताया, “वरुण गाँधी इस तरह के घटिया लोगों की मदद नहीं करने वाले हैं। इसके बदले उन्होंने पीलीभीत के लोगों की सुरक्षा करने का विकल्प चुना।” इशिता यादव की तरफ से यह प्रतिक्रिया तब आई जब वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह ने इस मामले में दखल देने का प्रयास किया।
इशिता यादव ने यह भी बताया कि बातचीत की यह ऑडियो क्लिप एडिट की गई है। द वीक द्वारा प्रकाशित ख़बर में इस बात का खुलासा किया गया था कि कॉल करने वाला व्यक्ति सर्वेश पीलीभीत स्थित सनघड़ी इलाके के शिवाजी कॉलोनी का रहने वाला है। पुलिस ने उसके पास से देसी शराब की 20 बोतलें बरामद की थीं और 20 हज़ार के 2 बेल बांड भरने के बाद उसे रिहा किया गया।
वरुण गाँधी द्वारा कॉल करने वाले इस व्यक्ति को समय नहीं देने का निर्णय सैद्धांतिक रूप से भी गलत नहीं था। स्वाभाविक सी बात है कि सर्वेश नाम के व्यक्ति ने वरुण गाँधी को पुलिस से बचाने में मदद के लिए कॉल किया था। मीडिया ने भले इस मुद्दे पर विवाद खड़ा करने का प्रयास किया लेकिन यह बात पूरी तरह मान्य है कि एक संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधि ऐसे विचित्र समय किसी से भी बात नहीं कर सकता है। ऑडियो में साफ़ सुना जा सकता है कि वरुण गाँधी उस व्यक्ति से कहते हैं कि वह सुबह परेशानी सुनने के लिए तैयार हैं।
ऐसे में एक सांसद से इस तरह की आशा करना कि वह पूरे दिन आपकी बात सुनने के लिए उपलब्ध रहे,यह तार्किक नहीं है। राजनेता, सांसद या मंत्री, सभी आखिरकार इंसान होते हैं। उनके लिए किसी व्यक्ति से किसी भी समय बात कर पाना सहज नहीं होता होगा। यह बात सभी को समझनी चाहिए।