जन्म शताब्दी वर्ष: भाषायी पत्रकारिता के संरक्षक थे बालेश्वर अग्रवाल
बालेश्वर अग्रवाल समस्त भारतीय भाषायी पत्रकारिता के पुनरावतार थे – रामबहादुर राय
देश के वरिष्ठतम पत्रकारों में एक स्वर्गीय बालेश्वर प्रसाद अग्रवाल जी का जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित एक बेबिनार में देश के सैकडों वरिष्ठ लेखकों एवं पत्रकारों के बीच हिन्दुस्थान समाचार मीडिया ग्रुप के समूह संपादक एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय ने कहा कि स्वर्गीय बालेश्वर प्रसाद अग्रवाल जी हिन्दी और समस्त भारतीय भाषा की पत्रकारिता के पुनरावतार थे।
बेबिनार में देशभर के सैकड़ों मूर्धन्य पत्रकारों, लेखकों, राजनीतिज्ञों और स्वर्गीय बालेश्वर अग्रवाल से जुड़े अनेकों गणमान्य लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य लोगों में पूर्व राजनयिक श्री बीरेन्द गुप्ता, वरिष्ठ संपादक आलोक मेहता, वरिष्ठ पत्रकार श्री राहुल देव, प्रोफेसर. गोपाल अरोरा, मराठी स्तम्भकार, श्याम परांडे, आदित्य राज पाल, अजय सिंह, अमरेश सक्सेना, विजय जौली, गौरसन्स के चेयरमैन बी० एल0 गौड़, वरिष्ठ पत्रकार तरूण विजय, जितेन्द्र तिवारी आदि प्रमुख थे।
श्री राय ने कहा कि वैसे तो बालेश्वर अग्रवाल बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के मेकेनिकल इंजीनियर थे, लेकिन यह कहना उचित नहीं होगा कि बालेश्वर जी ने मात्र 1956 से 1982 तक ही हिन्दुस्थान समाचार का संचालन किया और उसी काल में पत्रकारिता से जुडे थे । बालेश्वर इंजीनियर बनने से पहले भी पत्रकार थे और आखिरी समय तक लिखते-पढ़ते रहकर उन्होंने अपनी जिन्दगी व्यतीत की। बालेश्वर अग्रवाल के समावेशी व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए पद्मश्री राम बहादुर राय ने कहा कि हिन्दुस्थान समाचार की स्थापना 1948 में एक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के रूप में हुई थी, तब इसका मुख्यालय मुम्बई में था। लेकिन, 1956 में जब बालेश्वर अग्रवाल जी को हिन्दुस्थान समाचार चलाने का दायित्व दिया गया, तो वे इसका मुख्यालय दिल्ली ले आये और इसे एक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की बजाय एक को-आपरेटिव सोसाइटी के रूप में परिणत कर दिया। हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी में काम करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों और पत्रकारों को इसका शेयर होल्डर भी बना दिया। बालेश्वर प्रसाद अग्रवाल कभी भी हिन्दुस्थान समाचार के अध्यक्ष स्वयॅ नहीं हुए। उन्होंने जिनको भी हिन्दुस्थान समाचार का अध्यक्ष बनाया, वे लगभग सभी कांग्रेस से संबंधित प्रभावशाली नेता और विद्वान व्यक्ति थे। उन्होने अपने सहयोगियों में घोर कांग्रेसी,घोर कम्युनिष्ट और समाजवादी विचारधारा के लोगों को भी जोडा था। किन्तु, उन्होंने सभी सहयोगियों को उचित सम्मान दिया और सबसे पर्याप्त काम भी लिया।
इस अवसर पर हिन्दुस्थान समाचार समूह के समूह अध्यक्ष और पूर्व सांसद आर0 के0 सिन्हा ने कहा कि बालेश्वर जी की इस शताब्दी वर्ष में स्वर्गीय बालेश्वर प्रसाद अग्रवाल जी की जीवनी और उनके कार्यो से संबंधित पुस्तकें भी प्रकाशित की जायेगी।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति अच्युतानन्द मिश्र ने कहा कि उन्होंने भी स्वर्गीय बालेश्वर प्रसाद अग्रवाल से बहुत कुछ सीखा है और उनके साथ लखनउ ब्यूरों प्रमुख के रूप में काम भी किया है। उन्होंने कहा कि बालेश्वर जी ने भारतीय पत्रकारिता को अरबिन्द घोष, नन्द किशोर त्रिखा, राजनाथ सिंह “सूर्य”, और शिवकुमार गोयल सरीखे पत्रकार दिये।
उन्होंने ॲतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद् के पदाधिकारियों से अनुरोध किया कि वे दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित प्रवासी भवन का नाम “बालेश्वर अग्रवाल प्रवासी भवन” रखें और वहां पर बालेश्वर जी के नाम पर एक संग्रहालय भी बनवाये।
इस अवसर पर स्वर्गीय विदेश मॅत्री स्वर्गीया सुषमा स्वराज के मारीशस के विश्व हिन्दी सचिवालय में “बालेश्वर अग्रवाल ग्रन्थागार और प्रलेखन विभाग” के उद्घाटन का वीडियों का भी प्रदर्शन किया गया।