पुण्यानंद की टिप्पणी से ब्राह्मण नाराज़, धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन
ANGERED BY INDECENT REMARKS BY SANT PUNYANAND MAHARAJ BRAHMINS SURROUNDED ASHRAM IN HARIDWAR
कथा के दौरान फिसली पुण्यानंद महाराज की जुबान, नाराज ब्राह्मणों ने घेरा आश्रम, थाने में दी लिखित शिकायत
Controversial words of the saint कबीरदास जी कह गए हैं- ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये, औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए। अर्थात- हमेशा ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जो सामने वाले को सुनने से अच्छी लगे और उन्हें सुख की अनुभूति हो और साथ ही खुद को भी आनंद का अनुभव हो. लेकिन हरिद्वार में एक तथाकथित संत ने ऐसी अभद्र बात बोल दी कि सुनने वाले आक्रोशित हो गए और उन्होंने आश्रम को घेर लिया. ये है पूरा मामला
संत के विवादित बोल
हरिद्वार /हल्द्वानी 25 अगस्त:कनखल थाने क्षेत्र के बैरागी कैंप में स्थित आश्रम के संत पुण्यानंद महाराज के अपनी कथा के दौरान ब्राह्मणों को ‘भाडे के टट्टू’ जैसे अपशब्द कहने से शहर के ब्राह्मण समाज के लोग नाराज हो गए. ब्राह्मणों ने संत के बैरागी कैम्प स्थित आश्रम को घेर लिया. विरोध प्रदर्शन करते हुए संत का पुतला दहन किया.
संत के मुंह से निकले अभद्र वचन
इस मौके पर प्रदर्शन करने वाले युवा बेहद आक्रोशित थे. उनका कहना था कि यह कथित संत जब भी हरिद्वार आएंगे ब्राह्मण समाज के लोग उनका भरपूर विरोध करेंगे. हालांकि संत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने युवाओं को आश्रम जाने से रोका. प्रदर्शन समाप्त करने के बाद युवाओं ने शहर में तथाकथित संत के विरोध में रैली निकाली.
ब्राह्मणों ने पुण्यानंद का पुतला फूंका
हरिद्वार के बैरागी कैंप में स्थित आश्रम के तथाकथित संत पुण्यानंद ने कथा की जिसमें आरोप है कि ब्राह्मणों को ‘भाड़े का टट्टू’ टिप्पणी की. पुण्यानंद की हरकत के बारे में जब ब्राह्मण समाज को पता चला तो उनमें खासा रोष व्याप्त हो गया. हरिद्वार के सैकड़ों ब्राह्मण समाज के लोगों ने पुण्यानंद के बैरागी कैंप स्थित आश्रम के बाहर जमावड़ा कर लिया. धरना-प्रदर्शन करते हुए पुण्यानंद का पुतला दहन किया.
कनखल थाने में पुण्यानंद के खिलाफ लिखित शिकायत
इस मौके पर श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक का कहना था कि ब्राह्मणों के विषय में अभद्र टिप्पणी करने वाले पुण्यानंद के खिलाफ श्री अखंड परशुराम अखाड़े ने कनखल थाने में लिखित शिकायत दी है. अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. जब भी पुण्यानंद हरिद्वार आएंगे उनका जोरदार विरोध होगा. डॉक्टर राजेंद्र पाराशर ने कहा कि ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी करने वाले तथाकथित संत का बहिष्कार होना चाहिए.
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महामंडलेश्वर पुण्यानंद की कोलकाता भागवत कथा का वीडियो वायरल हुआ तो धर्मनगरी में ब्राह्मण समाज आक्रोशित हो उठा। समाज के तमाम युवाओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुण्य नंद गिरी के आश्रम का गेट तोड़ा । एक दिन पहले कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस को लिखित शिकायत दी थी। दूसरे दिन मामले ने तूल पकड़ लिया। पुलिस पर लिखित शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। विरोध में नगर विधायक मदन कौशिक, गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम,महामंत्री तन्मय वशिष्ठ समेत सैकड़ों लोगों ने कनखल थाने का घेराव भी किया। ब्राह्मण समाज के लोगों ने महामंडलेश्वर पुण्यानंद गिरी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की और कहा कि वह सार्वजनिक रूप से समाज से माफी मांगें। श्री गंगासभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने नाराजगी जताई। वहीं विधायक मदन कौशिक ने थानाध्यक्ष कनखल को त्वरित कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया।
संत किसी भी दशा में नहीं बोलता अमर्यादित भाषा : विकास
भाजपा जिला उपाध्यक्ष विकास ने महामंडलेश्वर पुण्यानंद गिरी का बयान निंदनीय बताया। उन्होंने एक बयान में कहा कि संत समाज किसी दशा में किसी समाज पर अमर्यादित टिप्पणी नहीं करता है। पुण्यानंद गिरी ने व्यास पीठ से ब्राह्मण समाज की निंदा को अमर्यादित शब्द प्रयोग किए। इससे उनकी महामंडलेश्वर उपाधि पर सवाल हो रहा है। ऐसे कथा वाचक को व्यास पीठ पर बैठने का भी अधिकार नहीं है।
पुण्यानंद के विरुद्ध ब्राह्मण समाज की लिखित शिकायत पर मुकदमा अंकित है। वायरल वीडियो की जांच नितेश शर्मा, थानाध्यक्ष कनखल की टीम कर रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उस पर वैधानिक कार्रवाई होगी। -अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार
कौन हैं पुण्यानंद?
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वामी पुण्यानंद पहले निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर थे. लेकिन किसी कारणवश निरंजनी अखाड़े ने उन्हें कई साल पहले ही अपने अखाड़े से बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद वह कथाओं के माध्यम से धर्म का प्रचार प्रसार करने का दावा करते हैं. स्वामी पुण्यानंद मूल रूप से नेपालवासी हैं और हरिद्वार में उनका बैरागी कैंप में आश्रम है.
कहा क्या था?
स्वामी पुण्यानंद अपनी एक कथा में भक्तों को पूजा का तरीका समझा रहे थे, इसी में उन्होंने कहा कि पूजा खुद करना, न कि ‘भाड़े का टट्टू’ यानी पंडित से कराना।
उन्होंने कहा कि टट्टू को ‘खच्चर’ भी कहते हैं। खच्चर घोड़े और गधे के संयोग से उत्पन्न होता है,इनकी आगे संतान नहीं होती। ‘खच्चर’ की विशेषता यह है कि यह शरीर से बलिष्ठ होता है,लेकिन टट्टू के मालिक को आधा काम खुद करना पड़ता है। इस पर सामान भी खुद रखना होगा,मुंह में लगाम भी खुद देनी होगी और गंतव्य तक डंडे के बल पर ले जाकर सामान भी खुद उतारना पड़ेगा। स्वामी पुण्यानंद महाराज का यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ और लोगों ने उसे देखा तो भड़क गए।
हरिद्वार जिले के बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग संत पुण्यानंद के बैरागी कैंप आश्रम पर पहुंचे और हंगामा करते हुए संत का पुतले फूंका। संत के ब्राह्मण को ‘खच्चर’ कहने पर पंडित वर्ग तमतमा गया और उन्होंने ऐलान कर दिया कि स्वामी पुण्यानंद हरिद्वार आएंगे तो उनका मुंह काला करके शहर में घूमाया जाएगा। इस दौरान पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रही और उन्होंने युवाओं को आश्रम में जाने से रोका।
श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने संत पुण्यानंद के खिलाफ कनखल थाने में लिखित शिकायत दी है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि संत के मुख से ऐसी टिप्पणी शोभा नहीं देती है। ब्राह्मण समाज इसका पुरजोर विरोध करता है। पुलिस-प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई करें अन्यथा वह अपनी लड़ाई के लिए न्यायालय की शरण लेंगे। फिलहाल पंडित समाज आक्रोशित है,जिसके चलते बैरागी कैंप आश्रम की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
उधर, हल्द्वानी में भी अखिल ब्राह्मण उत्थान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित विशाल शर्मा ने इस संबंध में परगनाधिकारी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया है और चेताया है कि पुण्यानंद के ब्राह्मण समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियों से समाज में वैमनस्य ,अशांति और असंतोष पैदा होगा। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। उन्होंने पुण्यानंद की संपत्ति की जांच की भी मांग की है।