20 साल में पहला कमाल: धामी गुड गवर्नेंस से रोडवेज 56 करोड़ के लाभ में

*उत्तराखंड रोडवेज ने धामी सरकार के गुड गवर्नेंस पर लगाई मुहर*

*-20 साल में पहली बार घाटे से उभरकर की रिकॉर्ड 56 करोड़ रुपए लाभ कमाया*

*मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में परिवहन विभाग के सचिव व निगम के प्रबंध निदेशक को किया सम्मानित*

*-पहाड़ और मैदानी रूट पर जल्द दौड़ेंगी 330 नई आधुनिक बसें*

*प्रदूषणमुक्त परिवहन को 151 बसें दिल्ली मार्ग पर*

देहरादून 23 जनवरी 2024। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी सरकार के गुड गवर्नेंस को उत्तराखंड रोडवेज (परिवहन निगम) ने धरातल पर उतारकर राज्य में नया उदाहरण प्रस्तुत किया हैं। निगम ने धामी सरकार के ढाई साल में न केवल 20 साल के घाटे को मात दी, बल्कि रिकॉर्ड 56 करोड़ रुपए का लाभ कमाकर रोडवेज की बसों को नई गति दी हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री धामी ने आज सचिवालय में परिवहन निगम के सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी एवं प्रबंध निदेशक डॉक्टर आनद श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

राज्य बनने के करीब तीन साल बाद यानी 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम उत्तरप्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। रोडवेज के हिस्से उत्तर प्रदेश से नई, पुरानी 957 बसें आईं। नए राज्य में नई व्यवस्था से रोडवेज का संचालन शुरू हुआ। लेकिन खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और उत्तर प्रदेश की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में रहा। इससे परिवहन निगम के सामने नई बसों की खरीद, संचालन और कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए। इस बीच मार्च 2020-21 में तो कोरोना संक्रमण काल ने निगम की कमर तोड़ कर रख दी। इस दौरान निगम का घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इससे निगम की हालत खराब होती गई। इसी दौरान राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कमान संभाली और सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के साथ काम करने का निर्देश दिया। चूंकि परिवहन निगम सामान्य जन से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवा थी, मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी दी । परिणामत: 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे और सभी खर्चों को पूरा कर रिकॉर्ड 29 करोड़ रुपए का लाभ कमाया। निगम की यह रफ्तार यहीं नहीं अटकी और धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी निगम ने करीब 27 करोड़ रुपए का लाभ कमाते हुए राज्य में गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण पेश कर दिखाया। अब धामी सरकार के ढाई साल में निगम ने सभी खर्चों की पूर्ति कर करीब 56 करोड़ रुपए की कमाई की है, जो उत्तराखंड के इतिहास में बड़ा रिकॉर्ड है। अब निगम की इस सफलता से राज्य के दूसरे विभाग को भी प्रेरणा मिलेंगी और वो भी नये उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।

जल्द निगम के बेड़े में जुड़ेंगी 330 नई बसें

उत्तराखंड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 1350 बसें हैं। इनका संचालन राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में किया जा रहा है। खासकर 151 सीएनजी युक्त बसें दिल्ली रूट पर चल रही हैं। निकट भविष्य में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन को खरीदने की योजना हैं जबकि पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसें खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में हैं। इससे काफी हद तक राज्य की परिवहन व्यवस्था पटरी पर आ जाएंगी।

राज्य में 8 स्टेशन तैयार, 13 पर चल रहा कार्य
उत्तराखंड में बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए निगम लगातार सुधार कर रहा है। खासकर घाटे से उभरने के बाद निगम ने 8 बस स्टेशन तैयार कर दिए हैं। जबकि 13 बस स्टेशनों का काम प्रगति पर हैं। इसके अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में 4 आईएसबीटी प्रस्तावित हैं। साथ ही श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत, काशीपुर में पांच वर्कशॉप बनाने के प्रस्ताव हैं।

राज्य में पहली बार परिवहन निगम घाटे से उभरा है। लगातार दो साल से निगम मुनाफे में है। इससे कर्मचारियों के वेतन से लेकर सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिल रही है। अब जल्द नए रूट और नई बसों को भी धरातल पर उतारा जाएगा।

डॉक्टर आनंद श्रीवास्तव, एमडी परिवहन निगम

 

सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं। 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम घाटे से उबरा है। यह गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण है। परिवहन निगम सामान्य जन से जुड़ा विभाग है। सरकार सामान्य जन की सुविधाओं को देखते हुए इसमें सुधार ला रही है।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *