कमाई छीनने का हिडन एजेंडा कांग्रेस स्वीकारे या चुनाव घोषणापत्र से हटाये:बंसल
*सामाजिक आर्थिक सर्वे, कांग्रेसी लूट का खतरनाक इरादा : बंसल*
*सर्वे से कांग्रेस का पंजा, जनता की संपत्ति को हड़पना चाहता है।*
*कांग्रेस अपने छिपाए सच को स्वीकारे या उसे घोषणा पत्र से हटाए ।*
*कांग्रेस अंबेडकर के संविधान की दरकिनार कर, कर्नाटक की तरह मुस्लिम आरक्षण ला कर देश बांटना चाहती है*।
*1963 और 1974 में कांग्रेस, कंपलसरी डिपॉजिट स्कीम एक्ट से संपत्ति और कमाई का बड़ा हिस्सा करा चुकी है जमा।*
*मोदी सरकार लोगों की कमाई बढ़ा कर देश को सशक्त करना चाहती है, कॉन्ग्रेस लोगों की कमाई जब्त कर उन्हे कमजोर करना चाहती है ।*
देहरादून 23 अप्रैल, भाजपा ने सामाजिक आर्थिक सर्वे पर कांग्रेस के खतरनाक इरादे को लेकर जनता को चेताया है। राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष नरेश बंसल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का पंजा लोगों की संपति हड़पने का हिडन एजेंडा लेकर आया है, जिसका खुलासा स्वयं कांग्रेस के पारिवारिक सलाहकार सेम पित्रोदा ने कर दिया है। उन्होंने चुनौती दी कि कांग्रेस अपने छिपाए सच को स्वीकार करे या उसे घोषणा पत्र से हटाए ।
पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में श्री बंसल ने सैम पित्रोदा के बयान का हवाला देते हुए कहा, कि कांग्रेस पार्टी के खतरनाक इरादे एक के बाद एक खुलकर सामने आ रहे हैं। शाही परिवार के शहजादे के सलाहकार और शहजादे के पिता जी के भी इस सलाहकार ने कुछ समय पहले कहा था कि हमारे देश के मिडिल क्लास , जो मेहनत करके कमाते हैं, पर ज्यादा टैक्स लगना चाहिए। अब ये लोग उससे भी एक कदम आगे चले गए हैं। अब कांग्रेस का कहना है कि वो माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी। आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी, वो भी कांग्रेस का पंजा आपसे छीन लेगा। कांग्रेस का मंत्र है आपसे छीन लेना, लूट लेना। कांग्रेस का मंत्र है, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी लूटना। जब तक आप जीवित रहेगी, कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी। जब आप जीवित नहीं रहेंगे तो इनहेरिटेंट टैक्स का बोझ लाद देगी। जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी पैतृक संपत्ति मानकर अपने बच्चों को दे दी, वो नहीं चाहते कि सामान्य भारतीय अपने बच्चों को अपनी कमाई दें।
उन्होंने आरोप लगाया कि 60 के दशक से कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति को चुनाव जीतने का हथियार बनाया। हम वर्षों से इसके खिलाफ लड़ रहे थे। 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास का एजेंडा देश में सेट किया जिसके बाद कांग्रेस लगातार पराजित हो रही है। अब कांग्रेस फिर से एक बार तुष्टिकरण के आधार पर आगे बढ़ना चाहती है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन की नजर अब आपकी कमाई और आपकी संपत्ति पर है। आपकी संपत्ति पर कांग्रेस अपना पंजा मारना चाहती है। किसके पास कितनी प्रॉपर्टी है, किसके पास कितना धन है, किसके पास कितने मकान हैं, कांग्रेस सरकार उसकी जांच कराएगी। आपकी संपत्ति सरकार अपने कब्जे में लेकर सभी को बांट देगी। माता-बहनों के पास सोना होता है, वह पवित्र स्त्री धन माना जाता है। कानून भी उसकी सुरक्षा करता है। अब इनकी नजर इस पर भी है। माता-बहनों का सोना चुराने को यह सर्वे कराना चाहते हैं। माताओं-बहनों का मंगलसूत्र अब सुरक्षित नहीं रहेगा। ये सब कांग्रेस का घोषणापत्र कहता है ।
साथ ही बंसल ने आरोप लगाया कि इन परिवारवादी लोगों ने देश को लूटकर अपना इतना साम्राज्य बना लिया है । जनता के धन को लूटना, देश को लूटना कांग्रेस अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझती है। इसी लिए कांग्रेस आर्थिक सर्वे का षड्यंत्र रच बच्चों के भविष्य को बनाई एफडी, पैतृक घर, संपति सब कुछ सर्वे के नाम पर कब्जा लिया जाएगा। कांग्रेस की नीति स्पष्ट है सर्वे कर जनता और उनके पुरखों की गाढ़ी कमाई लूटी जाए । और उन्हें जिनको बांटा जाएगा, उनके लिए 2006 में पहले ही कह चुके हैं कि संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक मुस्लिमों का है । उन्होंने कहा, कि कांग्रेस की नीति और उनके घोषणापत्र का हिडेन एजेंडा है, जातियों और उप-जातियों एवं सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करना ।
कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो के अनुसार देश में बहुसंख्यकवाद की कोई जगह नहीं है, लेकिन अल्पसंख्यकवाद के लिए है । कांग्रेस घोषणापत्र में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बैंक बिना किसी भेदभाव अल्पसंख्यकों को संस्थागत ऋण प्रदान करें। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अल्पसंख्यकों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सार्वजनिक रोजगार, सार्वजनिक कार्य अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव के अवसरों का उचित हिस्सा मिले। यहां सुनिश्चित करने का स्पष्ट अर्थ है कि धर्म के आधार मुस्लिमों को आरक्षण, जिसका प्रयास यूपीए की मनमोहन सरकार अपने कार्यकाल में चार बार और आंध्र प्रदेश की सरकार में पांच बार किया जा चुका है।
राहुल गांधी पर हमला करते हुए बंसल ने कहा, कि वे पहले ही कह चुके है, एक्सरे कराकर देखेंगे कि किसके पास कितना धन और कितनी संपत्ति है । वे फाइनेंशियल और इंस्टीट्यूशनल सर्वे कर पता लगाएंगे कि हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है। कौन से वर्ग के हाथ में है ।
यह दिन के उजाले की तरह स्पष्ट है कि कांग्रेस हमारी संपत्ति, गरीबों और हाशिये पर पड़े लोगों, एससी, एसटी की संपत्ति, महिलाओं की बचत छीनना चाहती है और इसे विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के बीच पुनर्वितरित करना चाहती है, जैसा कि कांग्रेस-नीत यूपीए चाहता था।
उन्होंने उदाहरण दे स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने पहले भी ऐसा किया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस सरकारों ने लोगों की कमाई जब्त करने वाले ऐसे ही कानून 1963 और 1974 में पास किए थे। इनका नाम कम्पलसरी डिपाजिट स्कीम एक्ट था। इसके अंतर्गत सभी करदाताओ, सम्पत्ति धारकों और सरकारी कर्मचारियों को अपनी कमाई का 18% सरकार के पास जमा करना होता था। जमा की धनराशि 3-5 वर्ष तक सरकारी खजाने में रहती थी। हैरानी की बात यह है कि जब 1974 में यह कानून लाया गया था, तब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मुख्य आर्थिक सलाहकार हुआ करते थे।
अब सवाल उठता है कि यह धन पुनर्वितरण योजना कैसे काम करेगी? जाति जनगणना के बाद जमीनों और आवास योजना के मकानों को एक धर्म के लोगों से दूसरे धर्म के लोगों में, या एक जाति से दूसरे में स्थानांतरित करना शुरू कर दें? कांग्रेस देश का एक और विभाजन करना चाहती है । आज एक बार फिर कांग्रेस देश के संसाधनों पर पहला हक वाला अल्पसंख्यक मुस्लिमों को देने की योजना पर काम करना चाहती है जिसमें शिड्यूल्ड कास्ट की लिस्ट में मुसलमानों को भी शामिल किया जाएगा, मुसलमानों को सरकारी नौकरियों में अलग से 15% आरक्षण दिया जाएगा, ओबीसी आरक्षण को धर्म के आधार पर बांट कर मुसलमानों को 6% अलग दिया जाएगा । पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मुसलमानों को संसाधनों पर पहला हक देना सिर्फ बयान (दिसंबर, 2006, दिल्ली) नहीं था। इसकी प्रक्रिया बहुत पहले से चल रही थी। रिटायर्ड चीफ जस्टिस और कांग्रेसी नेता सांसद रंगनाथ मिश्रा इसी दौरान अपनी रिपोर्ट में लिख रहे थे कि मुसलमानों में भी जाति है, इसलिए उनमें भी एससी माना जाए और एससी लिस्ट में उनको भी आरक्षण दिया जाए। ये भी सिफारिश की गई कि कोई एससी अगर धर्म बदल कर मुसलमान या ईसाई बनता है तो भी उसका एससी दर्जा बना रहे। रंगनाथ कमीशन ने मुसलमानों को नौकरियों में 15% आरक्षण देने की सिफारिश की थी। ओबीसी के 27% से 6% काटकर मुसलमानों को देने की सिफारिश भी कांग्रेस गठित इस आयोग ने की थी।
उन्होंने कहा, कि बाबा साहब डॉ अंबेडकर के नेतृत्व में यह तय किया गया था, कि भारत में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। आरक्षण होगा तो दलित, वनवासियों का होगा, लेकिन वोट बैंक की भूखी कांग्रेस ने इन महापुरुषों की परवाह नहीं की। बाबा साहब डॉ अंबेडकर के शब्दों की परवाह नहीं की। कांग्रेस ने बहुत पहले आंध्र प्रदेश में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रयास किया। इन लोगों ने धर्म के आधार पर 15 प्रतिशत आरक्षण की बात कही। और ये भी कहा कि, एससी, एसटी और ओबीसी के कोटे में से कम करके धर्म के आधार पर कुछ लोगों को आरक्षण दिया जाए। 2009 में भी कांग्रेस ने यही इरादा जताया। 2014 के घोषणापत्र में भी कहा कि इसे नहीं छोड़ेंगे।
लेकिन भाजपा सरकार आई तो हमने संविधान के विरुद्ध, बाबा साहब के निर्णय के विरुद्ध कांग्रेस के निर्णय को उखाड़ फेंका और दलितों, पिछड़ों को उनका भाग दिया।
श्री बंसल ने तुलना करते हुए कहा,कि जहाँ आज की सरकार लोगों की कमाई बढ़ा कर देश को सशक्त करना चाहती है, वहीं कॉन्ग्रेस सरकारें लोगों की कमाई जब्त करके देश का विकास करना चाहती थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा उद्देश्य है कांग्रेस की विभाजनकारी और जनता को लूटने की नीति से सभी को सतर्क किया जाए। वहीं कांग्रेस के लिए चुनौती भी है कि वह अपने इस हिडन एजेंडा को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करें या फिर इस विषय को अपने घोषणा पत्र से निकाल दे।
इस पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र नेगी, प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती कमलेश रमन, डॉक्टर आरपी रतूड़ी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।