केंद्र सरकार का अफसर धर्मांतरण को देता था शिकारों की सूची, पैसा कतर से
धर्मांतरण केस में बड़ा खुलासा: केंद्र के महिला-बाल कल्याण विभाग का अधिकारी करता था आरोपितों की मदद
यूपी एटीएस ने सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार करके सनसनीखेज खुलासा किया था कि मूक और बघिर लोगों समेत पिछड़े और गरीब लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है.इस मामले मे गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान अहम खुलासे हो रहे हैं.
नई दिल्ली22 जून: उत्तर प्रदेश के धर्म परिवर्तन कांड में बडा खुलासा हुआ है.जांच एजेंसियों को पता चला है कि केंद्र सरकार के बाल औऱ महिला कल्याण विभाग का एक अधिकारी भी आरोपियो की मदद करता था.जांच एजेंसियों को अब तक की जांच के दौरान विदेशो से फंडिग के सबूत मिले है.साथ ही इस मामले मे दूसरे संगठन की भूमिका की भी जांच की जा रही है.यह संगठन भी दिल्ली में ही है और इसके प्रमुख को कन्वर्जन का खलीफा के नाम से जाना जाता है.
गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर आरोपितों को देता था अधिकारी
यूपी एटीएस ने सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार करके सनसनीखेज खुलासा किया था कि मूक और बघिर लोगों समेत पिछड़े और गरीब लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. इस मामले मे गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान अहम खुलासे हो रहे हैं. जांच एजेंसियो को पता चला है कि इस साजिश में केंद्र सरकार के बाल महिला कल्याण का एक अधिकारी भी शामिल है और यह अधिकारी मंत्रालय में आने वाले गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर आरोपियों को देता था कि इनमें कौनसे लोग आसानी से उनके जाल में फंस सकते है.
जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि अब जांच एजेंसियां इस अधिकारी से पूछताछ की तैयारी कर रही है कि यह अधिकारी इन लोगों की मदद पैसे लेकर करता था या फिर वो भी इस रैकेट का हिस्सा था, क्योंकि यह अधिकारी भी पहले हिंदू था जो इस मामले में गिरफ्तार आरोपी उमर गौतम की तरह बाद में धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बन गया था.
मामले में हो रही थी विदेशी फंडिग
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जांच एजेंसियों को कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं, जो साफ तौर पर विदेशी फंडिग को साबित करते हैं ऐसा ही एक अहम सबूत जो बताता है कि गिरफ्तार उमर गौतम के संगठन इस्लामिक दावाह सेंटर को खाड़ी देश दोहा कतर से पचास हजार रुपये का डोनेशन मिला है और यह डोनेशन मिसिज अफरीन साहिबा ने दिया है.
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों के पास ऐसे अनेको दस्तावेज हैंस जिनमे देश विदेश से आए डोनेशन की जानकारी है. इस बात की भी जांच की जा रही है कि इनमें कितना डोनेशन संदेहास्पद है. यानि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर डोनेशन दिया गया हो. जांच एजेंसियां इस मामले मे ईडी और आयकर विभाग की भी मदद लेने जा रही हैं.
दूसरे संगठन की भूमिका भी खुलकर सामने आई
जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब दूसरे संगठन की भूमिका भी खुलकर सामने आ गई है.लिहाजा उस संगठन के प्रमुख की तलाश में लगातार छापेमारी हो रही है.इस संगठन के प्रमुख को कन्वर्जन का खलीफा कहा जाता है और इसका मुख्यालय भी इस मामले में गिरफ्तार उमर गौतम के कार्यालय के पास दिल्ली में ही है.
सूत्रों का दावा है कि दूसरे संगठन के मुखिया की गिरफ्तारी के बाद इस मामले के तार और सुलझ जायेगे. साथ ही जल्द ही केंद्र सरकार के मंत्रालय मे तैनात अधिकारी को भी पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी की जा रही है.
कतर से हो रही थी फंडिंग
यूपी धर्मांतरण मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि इसके लिए फंडिंग कतर से हो रही थी। इसमें इन लोगों का साथ केंद्र में तैनात एक अधिकारी भी दे रहा था।
उत्तर प्रदेश में बड़े धर्मांतरण (Religious Conversion Case) गिरोह का खुलासा होने के बाद पूरे मामले की जांच में जुटी एजेंसियों को बड़ा सुराग हाथ लगा है। जानकारी के मुताबिक एजेंसियों को पता चला है कि इस गिरोह की मदद केंद्र सरकार के बाल और महिला कल्याण विभाग का एक अधिकारी करता था। सोमवार को यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार (ADG Law and Order Prashant Kumar) ने बताया था कि इस गिरोह को विदेशों से फंड मिलता था जिसके सबूत भी मिले हैं। यूपी एटीएस (UP ATS) इस मामले से जुड़े दूसरे संगठनों की भी जांच कर रही है।
कतर से हो रही थी फंडिंग
वहीं जांच में जुटी एजेंसी को पता चला है कि धर्मांतरण के लिए कतर से पैसे आ रहे थे। जांच एजेंसियों को दो संगठनों के भी साथ होने का पता चला है।
बता दें यूपी एटीएस ने दिल्ली से दो लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसका खुलासा कर एडीडी एलओ ने बताया था कि इनका गिरोह यूपी और दिल्ली में सक्रिय है। ये लोग मूक बाधिर और गरीब लोगों को पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराते थे। गिरफ्तार दोनों आरोपी से पूछताछ में नए खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में केंद्र सरकार के बाल और महिला कल्याण विभाग के अधिकारी का भी नाम सामने आया है। जांच एजेंसियो को पता चला है कि यह अधिकारी मंत्रालय में आने वाले गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर आरोपियों को देता था कि इनमें कौन से लोग आसानी से उनके जाल में फंस सकते है। जांच एजेंसी जल्द ही उस अधिकारी से भी पूछताछ कर सकती है।
धर्मान्तरण कराने वालों पर लगेगा NSA
धर्मान्तरण (Religious Conversion Case) के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ गैंगेस्टर (Gangster Act) की कार्रवाई करते हुए एनएसए (NSA/National Security Act) की लगाया जाए। साथ ही आरोपितों की सम्पत्तियों को भी जब्त किया जाए। उल्लेखनीय है कि यूपी एटीएस (UP ATS) ने सोमवार को एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो गरीब परिवारों के मूक बधिर बच्चों को धन का लालच देकर उनका धर्मान्तरण कराने का काम कर रहा था।
पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने बताया कि उनके पास अरब देशों से इसके लिए धन आता है। वह इससे पहले भी बड़ी संख्या में धर्मांतरण का काम करवा चुके है। यही नहीं हिन्दू कई लड़कियों की धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुके हैं। गिरोह के एक सदस्य ने बताया कि अभी तक एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित करवाकर बड़ी संख्या में उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है। इन लोगों ने नोएडा के 117 बच्चों का धर्मांतरण कराया था।
गिरफ्तार आरोपित की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी (पुत्र ताहिर अख्तर निवासी ग्राम जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली) व मोहम्मद उमर गौतम (पुत्र धनराज सिंह गौतम निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली) के रूप में हुई है। ख़ास बात यह कि पकड़ा गया उमर गौतम भी पहले हिन्दू था बाद में उसने इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया। इसके बाद वह स्वंय इस काम में लगकर धर्मांतरण का अभियान चला रहा था।
कानपुर में काकादेव हितकारी नगर मोहल्ले का मूक-बधिर युवक को भी दिल्ली में धर्मांतरण कराया गया जिसके बाद वह आदित्य से अब्दुल्ला बन चुका था। घर में चोरी छिपे पांचों वक्त की नमाज भी अदा करने लगा था। धर्मांतरण कराने वाले मौलानाओं की गिरफ्तारी के एक दिन पहले आदित्य उर्फ अब्दुल्ला घर लौटा है। जांच एजेंसिया उससे पूछताछ कर रही हैं।