धर्मपरिवर्तन कर दिव्या बनी अनाथ को बेहतर इलाज का इंतजार

 

परिवर्तन कर बनी दिव्या, लॉकडाउन के बीच छिनी नौकरी, हुआ हादसा, मुख्यमंत्री योगी से मांगी मदद तो…

भदोही की रहने वाली दिव्या ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी थी। इसके बाद सीएम ऑफिस से युवती के इलाज का निर्देश दिया गया था। युवती का इलाज तो शुरू हो गया है लेकिन वह व्यवस्थाओं से संतुष्ट नहीं है।

मनीष सिंह, मिर्जापुर।उत्तर प्रदेश के भदोही की रहने वाली एक युवती को घर से निकाल दिया गया था। इसके साथ ही वह धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम से हिंदू बन गई। जीवनयापन करने के लिए उसे मजबूरन दिल्ली जाना पड़ा। दिव्या वहां नौकरी करने लगी। लॉकडाउन शुरू हुआ तो रोजगार छिन गया। अब वापस लौटने की मजबूरी सामने आ गई थी। दिव्या वापस लौट रही थी तभी एक दुर्घटना में उसे गंभीर चोट आई। दिव्या चोटिल होने की वजह से अब ठीक से चल भी नहीं सकती। न तो रहने का ठिकाना और न ही इलाज के लिए पैसे। ऐसे में दिव्या ने मदद के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी। सीएम ऑफिस के निर्देशों के बाद आनन-फानन दिव्या को मिर्जापुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन यहां पर भी उसकी देखभाल नहीं हो पा रही है।

युवती ने मुुुख्यमंत्रीख योगी से मांगी थी मदद

गंभीर रूप से चोटिल दिव्या की परेशानी का जिक्र करते हुए एक शख्स ने 15 सितंबर को भदोही जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री ऑफिस को ट्वीट किया था। ट्वीट को संज्ञान में लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से दिव्या का बेहतर इलाज कराने को लेकर भदोही जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए थे। इसके तहत भदोही प्रशासन की तरफ से 21 सितंबर को इलाज के लिए दिव्या को मिर्जापुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डाक्टरों के मुताबिक दिव्या की कमर के नीचे के हिस्से खराब हो गए हैं। दरअसल, उसे बोन टीवी है।

‘ना इलाज और ना ही देखभाल’

वहीं, दिव्या का कहना है, ‘मेरी परेशानी का संज्ञान लिया गया और भदोही के जिलाधिकारी ने हमसे टेलीफोन पर बात भी की। इसके बाद हमें उम्मीद जगी कि अब मेरा बेहतर इलाज हो जाएगा। मिर्जापुर जिला अस्पताल में मुझे भर्ती तो करा दिया गया लेकिन यहां ना तो इलाज किया जा रहा है और ना ही देखभाल की जा रही है। इसके साथ ही कोई पारिवारिक सदस्य न होने की वजह से खासी दिक्कतें आ रही हैं।’

‘…ताकि बेहतर इलाज हो सके’

मिर्जापुर जिला अस्पताल के सीएमएस आलोक ने बताया, ‘दिव्या की कमर के नीचे का हिस्सा खराब हो गया है और उसे बोन टीवी हो गई है। उसका इलाज हमारी निगरानी में बेहतर ढंग से किया जा रहा है। उसका कोरोना टेस्ट के साथ और भी जांच करवाई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद हमारी कोशिश है कि इसे और किसी अस्पताल बेहतर इलाज के लिए भेजा जाए।’

पीड़िता दिव्या ने सुनाई आपबीती

भदोही के घोसिया बाजार की रहने वाली दिव्या के मुताबिक, उसके पिता कालीन का काम करते हैं। दिव्या के चार भाई और बहन हैं। मां की मौत होने के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। युवती का कहना है कि एक रोज पिता ने उसे घर से निकाल दिया था। इसके बाद वह दिल्ली गई और नौकरी करने लगी। लॉकडाउन में जब नौकरी छूटी तो वापस लौटना पड़ा। इस दौरान ऐक्सिडेंट में हालत और भी खराब हो गई। इलाज में पूरी जमापूंजी खत्म हो चुकी है। दिव्या का कहना है, ‘घर से जब निकाला गया तो मैं धर्म परिवर्तन कर हिंदू बन गई।

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