कोरोना की दूसरी लहर खत्म नहीं, तीसरी को हो गई शुरुआत
ऐसे आ रही कोरोना की तीसरी लहर:11 दिन में ब्रिटेन-अमेरिका में नए केस दोगुना और इंडोनेशिया में तीन गुना बढ़े, यहां रोजाना 36 से 56 हजार संक्रमित मिल रहे
वॉशिंगटन 16 जुुलाई।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कोरोना की तीसरी लहर आने का ऐलान किया। कोरोना संक्रमण और मौतों के आंकड़े से यह समझा जा सकता है कि यह लहर कैसे आ रही है और कौन से देशों में इसका असर दिखने लगा है। तीसरी लहर में सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में देखे जा रहे हैं। यहां पिछले 25 दिन में नए संक्रमण के मामलों में 350% इजाफा हुआ है, लेकिन वैक्सीनेशन में गिरावट हो रही है।
इंडोनेशिया इस समय कोरोना मामलों में एशिया का एपीसेंटर बना हुआ है, तो स्पेन में पूरी महामारी के दौरान पहली बार एक दिन में 44 हजार केस दर्ज हुए हैं। तीसरी लहर के खतरे के बीच दुनिया के 5वें सबसे संक्रमित देश रूस में आधी से ज्यादा आबादी वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं है। ब्रिटेन खुद को तीसरी लहर से बचाने के लिए फ्रांस को रेड लिस्ट में डालने जा रहा है।
अमेरिका: 48% आबादी के वैक्सीनेशन के बाद भी बढ़ रहे केस
अमेरिका 50 राज्यों में से 19 में पुराने मामलों की तुलना में कोरोना के दोगुने नए केस सामने आ रहे हैं। यहां पिछले 25 दिनों में संक्रमण के नए मामलों में 350% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सतर्कता बरतते हुए दक्षिणी कैलिफोर्निया के लॉस एंजेलिस में घर के अंदर भी मास्क पहनने को जरूरी कर दिया गया है। यहां 16 जून को ही मास्क लगाने की बाध्यता खत्म की गई थी। वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों को भी यहां मास्क लगाना होगा। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 33 करोड़ 60 लाख की आबादी वाले अमेरिका में 160 मिलियन (16 करोड़) लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं। यानी वहां करीब 48% आबादी का वैक्सीनेशन हो गया है।
कनाडा की बॉर्डर से सटे राज्य मिनेसोटा की स्टेट यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंफेक्शन डिजीज रिसर्च एंड पॉलिसी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर माइकल ओस्टरहोम का मानना है कि अमेरिका अब कोरोना की नई लहर की तरफ बढ़ रहा है। अमेरिका में अभी 100 मिलियन (10 करोड़) लोग संवेदनशील हैं। इतनी बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
वैक्सीनेशन में पिछड़ा अमेरिका
अमेरिका में करीब 5 लाख 30 हजार वैक्सीन डोज रोजाना लगाए जा रहे हैं, जबकि अप्रैल में 3.3 मिलियन (33 लाख) डोज प्रतिदिन लगाए जा रहे थे। पिछले कुछ हफ्तों में मिसोरी, अर्कनसास और नेवादा जैसे राज्य संक्रमण के नए हॉट स्पॉट बनकर उभरे हैं। यहां कोरोना मरीजों की देखभाल में लगे हेल्थ वर्कर्स भी तनाव में आ गए हैं। पिछले महीने अमेरिका में कोरोनावायरस के केस कम होते हुए 8,000 प्रतिदिन तक आ गए थे, लेकिन अब यहां रोजाना 30,000 से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं।
ब्रिटेन: फ्रांस को रेड लिस्ट में डालने की तैयारी
कोरोना के नए बीटा वैरिएंट के चलते ब्रिटेन जल्द ही फ्रांस को रेड लिस्ट में डाल सकता है। इसके बाद वहां से आने वाले लोगों पर पाबंदियां लगाई जाएंगी। फ्रांस से आने वालों को होटल में क्वारैंटाइन किया जाएगा। अभी ब्रिटेन ने फ्रांस को मीडियम रिस्क कंट्री की कैटेगरी में रखा है। बीटा वैरिएंट का पहला केस साउथ अफ्रीका में मिला था। ब्रिटेन में गुरुवार को 48,553 नए मामले सामने आए। अब तक यहां संक्रमण के 52.81 लाख केस सामने आ चुके हैं। 43.80 लाख लोग रिकवर हो चुके हैं और 1.28 लाख लोगों की मौत हुई है।
इंडोनेशिया: एशिया का एपीसेंटर बना, भारत से ज्यादा केस आ रहे
27 करोड़ आबादी वाला इंडोनेशिया इस समय एशिया का एपीसेंटर बन गया है। यहां इस समय भारत से भी ज्यादा संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। भारत में गुरुवार को 39,071 जबकि इंडोनेशिया में 56,757 केस सामने आए। यहां अब तक संक्रमण के 2,726,803 मामले सामने आ चुके हैं। 2,176,412 लोग रिकवर हो चुके हैं और 70,192 लोगों की मौत हुई है।
स्पेन : पहली बार एक दिन में लगभग 44 हजार मामले दर्ज
दुनिया में काेरोना महामारी फैलने के बाद पहली बार 13 जुलाई 2021 को यहां पर 43,960 मामले सामने आए। इसके पहले दूसरी लहर के दौरान 15 जनवरी काे यहां 35,378 केस दर्ज हुए थे। फरवरी से यहां नए मामलों में गिरावट होने लगी थी, जिसके बाद जुलाई में मामलों में फिर से इजाफा होने लगा। स्पेन में अब कोरोना के 40.69 लाख कुल मामले दर्ज हुए, कुल 81 हजार मौतें हुई और 36.58 लाख लोग ठीक हुए।
रूस: 54% नागरिक नहीं लगवाना चाहते वैक्सीन
रूस में मंगलवार को 780 लोगों की मौत हुई और 24,702 नए मामले सामने आए। चिंता की बात यह है कि यहां के 54% लोग वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं। बीते हफ्ते कराए गए एक सर्वे में ये बात सामने आई। रूस इस समय दुनिया का पांचवां सबसे प्रभावित देश है। पिछले कुछ हफ्तों में यहां पर डेल्टा वैरिएंट की वजह से नए संक्रमण देखने को मिले हैं। यहां कुल 58.82 लाख मामले दर्ज हुए हैं। कुल 1.46 लाख मौतें हुई हैं और 52.78 लाख लोग इससे ठीक हुए हैं।