समीक्षकों ने खारिज की ‘लाल सिंह चड्ढा’, फिल्म हिंदू ही नहीं,देश विरोधी भी

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लाल सिंह चड्ढा: खराब ओपनिंग और भारत विरोधी एजेंडा: एक बार फिर से असली चेहरा दिखाया आमिर खान ने!

Sonali Mishra
देहरादून 12 अगस्त।आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा की ओपनिंग अत्यंत निराशाजनक रही है और साथ ही इसकी आलोचना भी हो रही है। और समीक्षाएं भी नकारात्मक आ रही हैं। इंडिया टुडे से लेकर हिन्दुस्तान टाइम्स तक इसकी आलोचना हो रही है। फिल्म में क्या विशेष है, क्या नहीं, यह बात की जा रही है। यह भी देखा गया कि कई स्थानों पर शो भी निरस्त करने पड़े। हालांकि यह एक लंबा वीकेंड है और लोगों को अभी भी आशा है कि यह फिल्म रफ्तार पकड़ेगी।

क्या कहते हैं समीक्षक:

समीक्षक इस फिल्म के विषय में क्या कहते हैं? फिल्म समीक्षक तरण आदर्श का कहना है कि एक शब्द में समीक्षा अर्थात बेकार! रेटिंग दो स्टार!

वहीं फिल्म समीक्षक रोहित जायसवाल का कहना है कि यह फिल्म एक प्रेरक फिल्म है और यह आपको प्रेरणा देती है कि आप पास के मेडिकल स्टोर में जाएं और पैरासीटामोल या सैरिडोन खरीदें! आमिर आपने एक मास्टरपीस को मार डाला और अपने जीवन के चार साल बर्बाद किये

इंडिया टुडे की समीक्षा में इसे हालांकि तीन स्टार दिए हैं परन्तु यह भी कहा गया है कि लाल सिंह चड्ढा में यदि कोई सबसे बड़ी गलती है तो वह आमिर हैं। इसमें लिखा है कि सब कुछ आमिर की कार्टून वाले अभिनय के चलते नष्ट हो गया है। फारेस्ट की देर से समझने की क्षमता को आमिर खान ने मानसिक विकलांगता क्यों बना दिया, यह नहीं पता चलता है।

वहीं फारेस्ट गंप में जहाँ फारेस्ट अपनी ही यूनिट चीफ लेफ्टिनेंट डैन को वियतनाम में बचाता है, उसे अपनी पीठ पर लेकर जाता है और दोनों सुरक्षा के लिए भागते हैं, तो वहीं “सेक्युलर” चड्ढा, एक पाकिस्तानी आतंकवादी को बचाता है।

अब यहीं पर सबसे बड़ा प्रश्न आता है कि क्या भारतीय सेना में यह तक नहीं समझाया जाता है कि कैसे शत्रु सैनिकों को और अपने सैनिक को पहचाना जाए? आमिर खान एक प्रशिक्षित सैनिक की भूमिका निभा रहे हैं और उन्हें यह तक नहीं पता है कि कौन भारतीय है और कौन पाकिस्तानी! परन्तु यही तो एजेंडा है! भारत से प्यार करने का दावा करने वाले आमिर खान ने यह फिल्म पूरी तरह से भारत के विरोध में बनाई है। इसकी समीक्षा करते हुए इंडिया स्पीक्स डेली के विपुल रेगे लिखते हैं कि यह फिल्म भारत की हत्या ही है और ऐसी हत्या कि जिसे आप प्रमाणित नहीं कर सकते क्योंकि इस फिल्म में स्वर्ण मदिर से लेकर कारगिल तक भारत के पक्ष को ही निर्बल किया गया है। स्वर्ण मंदिर पर सेना के नियंत्रण के दृश्य को इस प्रकार फिल्माया गया है जैसे कि सेना अत्याचार कर रही हो और पवित्र स्थान को स्वतंत्र करवाकर मानवता को रौंद रही हो!

‘पागल का रोल करने के लिए सरदार बनना क्यों जरूरी था’: लाल सिंह चड्ढा वाले आमिर खान का ‘पाकिस्तान प्रेम’ KRK ने किया उजागर, करीना कपूर को बताया ‘आंटी’

https://youtu.be/5OESfbziNLQ

केआरके ने ‘लाल सिंह चड्डा’ की बजाई बैंड (फोटो साभार: TOI/INDIA TODAY)

कमाल आर खान (Kamaal R Khan) उर्फ केआरके ने भी आमिर खान (Amir Khan) की फिल्म ‘लाल सिंह चड्डा’ का रिव्यू कर दिया है। उन्होंने ‘लाल सिंह चड्ढा’ (Laal Singh Chaddha) का मजाक उड़ाते हुए आमिर खान को पागल, बेवकूफ और मेंटल बताया है। केआरके ने अपने यूट्यूब चैनल पर फिल्म का रिव्यू अपलोड किया है। उन्होंने फिल्म के डायलॉग्स को बेहद खराब बताया है। केआरके ने फिल्म की लीड एक्ट्रेस करीना कपूर खान (Kareena Kapoor Khan) को ‘आंटी’ बताया है।

उन्होंने कहा है, “आमिर खान को ठीक से पंजाबी भी बोलना नहीं आ रहा है। इसे एक्टिंग ही नहीं आती है, बेदम एक्टिंग वाले आमिर ने 2 घंटे 20 की फिल्म को 3 घंटे की फिल्म बना दिया है। ये फिल्म हॉलीवुड स्टार टॉम हैंक्स की फिल्म ‘फॉरेस्ट गंप’ का हिंदी रीमेक है, जिसका रिव्यू मैं पहले ही कर चुका हूँ। अब आप खुद अंदाजा लगा सकता हैं कि जब 2 घंटे 20 मिनट की फिल्म ‘फॉरेस्ट गंप’ इतनी बोरिंग थी, तो आमिर खान की 3 घंटे की फिल्म कितनी बोरिंग होगी।”

केआरके के मुताबिक, “उस फिल्म में हीरो-हीरोइन एक बार मिल रहे थे, तो इसमें 4 बार मिल रहे हैं। उस फिल्म में हीरो एक बार फुटबॉल लेकर भागता है, तो इस फिल्म में 5 बार लेकर भाग रहा है। ‘फॉरेस्ट गंप’ फिल्म की कहानी को जान-बूझकर चिंगम की तरह खींचा गया है, ऊपर से ‘लाल सिंह चड्ढा’ में 15 मिनट जानबूझकर बढ़ाए गए, सिर्फ ये दिखाने के लिए कि पाकिस्तान के लोग कितने अच्छे होते हैं। इसी तरह कबीर खान ने भी अपनी फिल्म ’83’ में ये दिखाने कि कोशिश की थी कि पाकिस्तान कितना अच्छा मुल्क है।”

बॉलीवुड फिल्मों के रिव्यू को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले कमाल आर खान आगे कहते हैं, “फिल्म बहुत स्लो और बोरिंग है। ट्रेन में बैठा आमिर खान पागलों जैसी हरकतें कर रहा है। मैं आमिर खान से सिर्फ इतना पूछना चाहता हूँ कि जब आपको फिल्म में पागल का ही रोल करना था फिर आपका सरदार बनना जरूरी क्यों था। क्या आप ये साबित करना चाहते हैं कि सरदार पागल होते हैं।”

वह कहते हैं, “फिल्म में एक पागल को आर्मी में भर्ती कर लिया गया, जबकि इंडियन आर्मी में पागलों को भर्ती नहीं किया जाता है। ‘लाल सिंह चड्ढा’ में आमिर मोहम्मद नाम के एक पाकिस्तानी को बचाता है। यही दोनों बाद में फिल्म में आगे चलकर चड्डी-बनियान का बिजनेस करते हैं। वहीं करीना कपूर खान फिल्म में स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस का किरदार निभा रही हैं और उनके साथ फिल्म में वही होता है जो बॉलीवुड में असलियत में नए कलाकारों के साथ किया जाता है।” इसके अलावा उन्होंने साउथ की एक्ट्रेस समांथा रूथ प्रभु को आमिर खान को थैंक्स कहने को कहा, जो उन्होंने नागा चैतन्य से उनका तलाक करवा दिया।

आमिर खान की फिल्म ने रिलीज होने से पहले कमाए 550 करोड़ रुपये! केआरके ने खोली इसकी पोल

KRK Video On Laal Singh Chaddha: फिल्म क्रिटिक कमाल राशिद खान ने आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ को लेकर नया वीडियो पोस्ट किया है। इसमें वो फिल्म से जुड़े एक दावे की पोल खोलते हुए नजर आ रहे हैं।

एक्टर व फिल्म क्रिटिक कमाल राशिद खान (Kamaal Rashid Khan) अक्सर अपनी वीडियोज को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा में बने रहते है। वो बॉलीवुड फिल्मों का ऐसा रिव्यू करते है, जिसे सोशल मीडिया पर लोग काफी पसंद करते है। बड़े-बड़े स्टार्स की फिल्मों की धज्जियां उड़ा देते है, जिसके चलते कई स्टार्स उनके खफा भी हो जाते है। अब इसी बीच कमाल राशिद खान यानी केआरके का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें वो आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ से जुड़े एक पोस्टर की पोल खोलते हुए नजर आ रहे है। केआरके इस से पहले भी करीना कपूर की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ को लेकर काफी वीडियो बना चुके है। लेकिन इस बार उन्होंने आमिर खान और इस फिल्म की जमकर धज्जियां दी है। तो चलिए देखते है केआरके (KRK) का नया वीडियो।

 

केआरके ने बोली ये बात

आमिर खान और नागा चैतन्य और करीना कपूर इन दिनों अपनी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ को लेकर काफी चर्चा में बने हुए है। आमिर खान इस फिल्म को लेकर करण जौहर के शो में काफी सारी बातें बोली थी। इसके अलावा आमिर ने लोगों से इस फिल्म को बायकॉट न करने की मांग की थी। लेकिन इसका कुछ खास असर नहीं हो रहा है, अब भी सोशल मीडिया पर आमिर खान की इस फिल्म का जमकर विरोध हो रहा है। अब इसी बीच केआरके का वीडियो सामने आया है, जिसमें वो आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ से जुड़े एक पोस्टर की पोल खोलते नजर आ रहे है। पोस्टर के हिसाब से आमिर खान की फिल्म रिलीज होने से पहले ही 550 करोड़ रुपये कमा चुकी है। इस दावे की कमाल राशिद खान ने पोल खोल दी है। उन्होंने कहा है, ये एकदम फेक है, ऐसा कुछ नहीं हुआ है। तो चलिए देखते है केआरके का वीडियो जिसमें वो पोस्टर को लेकर बोलते हुए नजर आ रहे है।

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ 11 अगस्त 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म को कई क्रिटिक ने सिरे से नकार दिया है

जैसा कि इस फिल्म के ट्रेलर से ही पता चलता है कि यह फिल्म सेना पर है परन्तु सेना में ऐसे व्यक्ति को कैसे लिया जा सकता है जो मानसिक विकलांग है और यही सेना का सबसे बड़ा अपमान है। इस फिल्म में सेना के अपमान पर इंग्लैण्ड के क्रिकेट खिलाड़ी मोंटी पानेसर ने विरोध किया है और ट्विटर पर लिखा है कि फारेस्ट गंप अमेरिकी सेना पर इसलिए फिट बैठती है क्योंकि अमेरिका कम बुद्धि वाले लोगों को वियतनाम युद्ध के लिए भर्ती कर रहा था, परन्तु यह फिल्म पूरी तरह से भारत के सशस्त्र बलों और सिखों के लिए अपमान है!

 

आमिर खान ने जानते बूझते किया है यह दुस्साहस!

यह हर कोई जानता है कि आमिर खान की किस फिल्म से लोग सबसे ज्यादा चिढ़े हुए हैं, यह हर कोई जानता है कि आमिर खान ने पीके फिल्म में किस प्रकार हिन्दू धर्म का अपमान किया था। आमिर खान जो खुद को देशभक्त होने का दावा करते हैं, वह बहुसंख्यक जनता के प्रति इस सीमा तक असहिष्णु है कि पीके फिल्म में वह महादेव की भूमिका निभा रहे कलाकार को बाथरूम में बंद करते हैं, वह इधर उधर भगाते हैं, पेशाब करते समय भगवान जी के चित्रों वाला सूटकेस अपने साथ रखते हैं, आदि आदि! और लोग उन्हीं दृश्यों के माध्यम से चिढ़े हुए हैं, फिर भी आमिर खान ने लाल सिंह चड्ढा के चरित्र को “पीके” जैसा मासूम बताया है!

अर्थात जो लोग पीके की अभद्रता का विरोध कर रहे थे उन्हें जैसे उकसाकर कहा कि आमिर खान के लिए पीके क्या है और शेष जनता क्या है? हिन्दू जनता क्या है?

इतना ही नहीं आमिर खान यह भली तरह से जानते हैं कि लोग उनसे क्यों गुस्सा हैं और कैसे वह लोगों का गुस्सा शांत कर सकते हैं। उन्हें और कुछ नहीं कहना है, बस अपनी एजेंडा वाली फिल्मों के लिए क्षमा ही तो मांगनी है, और ऐसा करके वह उस वर्ग की आँखों के तारे हो सकते थे, परन्तु उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। वह यह जानते हैं कि वह जो एजेंडा परोसने जा रहे हैं, उसे भी लोग समझ जाएंगे और अंतत: विरोध में ही उतरेंगे, परन्तु फिर भी उन्होंने यह फिल्म बनाई है, एजेंडा डाला है, और इस बार भारत की जो रीढ़ है, जो भारत को दुश्मनों से बचाकर रखे हुए है, जो पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए छद्म युद्ध का न जाने कब से सामना कर रही है, उस पर प्रहार किया है।

मस्तिष्क के धीमे विकास और मानसिक विकलांगता में बहुत अंतर होता है, और वियतनाम पर अमेरिका द्वारा किए गए आक्रमण तथा भारत में हुए कारगिल युद्ध में भी जमीन आसमान का अंतर है!

वियतनाम युद्ध अमेरिका ने वियतनाम पर थोपा था, तो वहीं कारगिल युद्ध भारत पर थोपा गया था। और ऐसे में यह किस दृष्टिकोण से दिखाया जा सकता था, कि भारत में भी कम बुद्धि वाले लोगों को सेना में लेना आरम्भ कर दिया है? और उसके बाद पाकिस्तानी आतंकवादी को बचाकर ले आया और फिर उस आतंकवादी का यह कहना कि “आप नमाज माने पूजा अदि नहीं करते” तो उस पर लाल सिंह चड्ढा का यह कहना कि “मम्मी कहती है कि उससे मलेरिया फैलता है!”

IN THE MOVIE AND IN THAT WAY HE HAS DISRESPECTED THE SENTIMENTS OF SIKH, AS WELL AS THE HINDU COMMUNITY. I DON’T SEE WHY SIKHS ALL OVER THE WORLD HAVE NOT YET STARTED A PROTEST AGAINST AMIR KHAN. WHY?? BECAUSE IT DOESN’T SUIT THEIR AGENDA??#BOYCOTTLAALSINGHCHADDHA #AMIRKHAN PIC.TWITTER.COM/J6LP21N0NF

— Shikhar Bakshi (@bakshi_speaks) August 11, 2022
वहीं कौन बनेगा करोड़पति का वह दृश्य भी वायरल हो रहा है, जिसमें आमिर खान की एकमात्र है शो में जो सैल्यूट नहीं कर रहे हैं,

आमिर ने इस शो में वन्देमातरम भी नहीं बोला है,

क्या आमिर को यह नहीं पता था कि लोग और गुस्सा होंगे, परन्तु आमिर को यह विश्वास है कि वन्देमातरम न बोलकर और सैल्यूट न करके वह उस वर्ग को साध रहे हैं, जिसे उनसे यही अपेक्षा थी कि वह किसी भी भारतीय या हिदू गौरव के प्रतीक का सम्मान नहीं करेंगे!

दरअसल आमिर के लिए हिन्दू मात्र उनकी फिल्म के माध्यम से कमाई करने का जरिया हैं और आमिर ऐसे व्यक्ति हैं, जो इस इकोसिस्टम के दुलारे हैं। वह बौद्धिक रूप से हमला करना जानते हैं और आमिर को यह पता है कि कैसे महीन से महीन नैरेटिव को लोगों के दिलों में घुसाना है।

जैसे थ्री इडियट्स में राजू की बहन की शादी और दहेज़, जबकि मुस्लिम समाज में जहेज और हलाला के चलते न जाने कितनी लडकियां आत्महत्या तक कर रही हैं, और हलाला के मामले सामने आ रहे हैं फिर भी आमिर ने कमला भसीन के साथ रक्षाबंधन और करवाचौथ पर हिन्दू आस्था का उपहास उड़ाया था,

परन्तु कौन बनेगा करोड़पति के उस एपिसोड में आमिर खान ने जो किया है, क्या उसे क्षमा किया जा सकता है? क्या उसे यह कहा जा सकता है कि वह किसी निर्देशक की कलम पर अभिनय कर रहे थे? जैसा पीके फिल्म के लिए कहा जाता है कि वह तो केवल राजकुमार हीरानी के निर्देशन पर अभिनय कर रहे थे? यदि नहीं तो फिर उस एपिसोड में आमिर ऐसे कट्टर मुस्लिम के रूप में क्यों उभर आए जो वन्देमातरम से परहेज करता है और जो सैनिक को सैल्यूट नहीं करता है?

क्या यह समझा जाए कि आमिर वास्तव में वही आमिर है जो भारत को नीचा दिखाने की तमन्ना लिए हुए लाल सिंह चड्ढा बनाते हैं और फिर पाकिस्तानी आतंकवादी को अच्छा बनाकर प्रस्तुत करते हैं और भारत को ही युद्ध करने वाला देश बता देते हैं?

ऐसा कैसे संभव है?

ऐसा कैसे संभव है कि वियतनाम और ईराक और अफगानिस्तान आदि पर हमला करने वाली अमेरिकी सेना की तुलना उस भारतीय सेना से की जाए जिसने मात्र अपनी धरती की रक्षा के लिए ही युद्ध किए हैं?

यहाँ तक कि इस फिल्म का एजेंडा भी मात्र यही दिखाने के लिए है कि पाकिस्तानी कितने अच्छे होते हैं:

लोगों के दिल में इस फिल्म को लेकर बहुत आक्रोश है और दुर्भाग्य की बात यही है कि अभी भी बॉलीवुड इसे समझ नहीं रहा है कि आखिर लोग क्यों गुस्सा हैं? अभी भी लोग यह लिख रहे हैं कि आमिर खान की इस फिल्म के इतने बुरे प्रदर्शन से इंडस्ट्री सदमे में हैं, परन्तु आज तक हिन्दू समाज को और भारत की छवि को जो सदमा देते हुए आए हैं, उसका क्या?

हालांकि लोगों को अभी भी आस है कि इस लम्बी वीकेंड पर फिल्म अच्छा करेगी, देखते हैं कि क्या आमिर खान अपना भारत और हिन्दू विरोधी एजेंडा बेचने में सफल होते हैं या फिर उन्हें चीन पर ही निर्भर रहना होगा?

 

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