दिल्ली एनसीआर में आक्सिजन लंगर,500 सिलेंडरों के साथ 22 से

 

दिल्ली-एनसीआर में ऑक्सीजन लंगर:उखड़ती सांसों को संभालने के लिए गुरुद्वारे ने शुरू की फ्री ऑक्सीजन सप्लाई, कोविड टेस्ट से लेकर अंतिम संस्कार तक में कर रहे मदद
नई दिल्ली 25 अप्रैल।कोरोना दूसरी लहर और सरकारी बदइंतजामी से पूरा देश कराह रहा है। हर तरफ हाहाकार है और निगेटिव खबरें ही सुनने को मिल रही हैं, लेकिन संकट की इस घड़ी में भी कुछ लोग, कुछ संस्थाएं बिना किसी हानि-लाभ के लोगों की मदद में जुटी हैं। हम ऐसे रियल कोरोना वॉरियर्स की कहानी आप तक पहुंचा रहा है। पहली कहानी महाराष्ट्र के पांच पॉजिटिव किरदारों की थी। आज कहानी एक गुरुदारे से जहां के जांबाज सेवादार कोरोना से लड़ रहे हैं…

दिल्ली-एनसीआर में एक-एक सांस के लिए जूझते मरीजों के सगे-संबंधी अस्पतालों के सामने ऑक्सीजन के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। अस्पताल कभी भी ऑक्सीजन खत्म होने की घोषणा कर मरीज को दूसरी जगह ले जाने के लिए कह देते हैं। ‘सांसों के इस आपातकाल’ में दिल्ली से सटे गाजियाबाद के इंद्रापुरम स्थित श्री गुरुसिंह सभा गुरुद्वारे ने अपने स्तर पर मरीजों को मुफ्त ऑक्सीजन बांटनी शुरू कर दी है। सेवादार कंवलजीत सिंह उर्फ मनु सिक्का कहते हैं कि ‘हमारे ऑक्सीजन कमांडर हर पल मुस्तैद हैं। हम अपनी सांस रहने तक अपनी पहुंच तक किसी की सांस बंद नहीं होने देंगे।’

गाजियाबाद के इंद्रापुरम स्थित श्री गुरुसिंह सभा गुरुद्वारे ने दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए अपने स्तर पर मरीजों को मुफ्त ऑक्सीजन बांटनी शुरू की है जिसके बाद से यहां जरूरतमंदों का तांता लगा रहता है।
गाजियाबाद के इंद्रापुरम स्थित श्री गुरुसिंह सभा गुरुद्वारे ने दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए अपने स्तर पर मरीजों को मुफ्त ऑक्सीजन बांटनी शुरू की है। जिसके बाद से यहां जरूरतमंदों का तांता लगा रहता है।
कोरोना से लड़ने के लिए श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा पिछले एक साल से मुफ्त कोरोना टेस्टिंग और लंगर तो चला ही रहा था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बाद गुरुद्वारे ने 22 अप्रैल से जरूरतमंदों को मुफ्त ऑक्सीजन बांटनी शुरू की है। इसे ‘ऑक्सीजन लंगर’ का नाम दिया गया है और इसमें मदद कर रहे लोगों को ऑक्सीजन कमांडर।

गुरुद्वारे के बाहर लगी लंबी कतार में शामिल सुरेंद्र सिंह ने बताया, ‘कई अस्पतालों के चक्कर लगा लिए बेड कहीं खाली नहीं मिला। ‘ऑक्सीजन सिलेंडर’ भी बाजार से गायब है। मेरे पिता जी की स्थिति बिगड़ती जा रही है। उनका ऑक्सीजन लेवल घटकर 70 पहुंच गया है। उनकी सांसें थोड़ी स्थिर होंगी तो हम अस्पताल भी खोज पाएंगे।’ गुरुदारा कमेटी की ओर से आश्वासन मिला है कि उन्हें ऑक्सीजन मिलेगी।

ऑक्सीजन लेने के लिए गुरुदारा के बाहर भीड़ लगी है। गाड़ियों के कारण आसपास जाम जैसी स्थिति बन गई है, लेकिन गुरुदारे के सेवादार शांति से सब संभाल रहे हैं।

जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल नीचे आ जाता है, वे गुरुद्वारे में पहुंचकर ऑक्सीजन ले सकते हैं। इस समय अपने वाहनों से आए बहुत से मरीज वहां ऑक्सीजन लेने के लिए आते हैं।

सेवादार मनु सिंह सिक्का बताते हैं, ‘पिछले हफ्ते अचानक हमारे पास ऑक्सीजन की डिमांड करते हुए कई फोन आए, कोई रो रहा था तो कोई घबराया हुआ था, बस सब यही कह रहे थे, सर ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दीजिए। हमें कहीं भी ऑक्सीजन नहीं मिल रही। किसी को अपनी मां के लिए ऑक्सीजन चाहिए थी तो किसी को बेटे, बेटी, पिता, दादा, दादी…हम खबरों में तो लगातार इस किल्लत को देख ही रहे थे, लेकिन अब लोग हमें सीधे फोन करने लगे थे। इसके बाद दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी ने तय किया कि अब हमें लोगों के लिए खाने के लंगर के साथ ऑक्सीजन का लंगर भी लगाना है।’

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रेसिडेंट गुरप्रीत सिंह कहते हैं कि ‘कोरोना की पहली लहर आने के बाद जैसे ही स्थिति बिगड़ी थी हमने मुफ्त कोविड टेस्ट शुरू कर दिए थे। जब हमें लगा कि अब केवल टेस्ट या लोगों को खाना खिलाने से काम नहीं चलेगा तो हमने ऑक्सीजन मुफ्त बांटनी शुरू कर दी। हमारी 8 एंबुलेंस भी लोगों को अस्पताल, क्वारैंटाइन सेंटर पहुंचाने में लगी हैं। कुछ अंतिम यात्रा के वाहनों का भी बंदोबस्त किया गया है।’

तीन दिनों में 1000 से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई ऑक्सीजन


सेवादार मनु सिक्का बताते हैं कि ‘तीन दिन पहले ही यह ऑक्सीजन लंगर शुरू हुआ और अब तक 178 ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन हम पहुंचा चुके हैं, जिनकी ऑक्सीजन का स्तर 30 से नीचे चला गया था। ऑक्सीजन मिलने में और थोड़ी देर का मतलब था कि उनकी जान चली जाती। 788 ऐसे कोविड संक्रमित थे, जिनका ऑक्सीजन लेवल 60-70 के स्तर तक पहुंच गया था। जो लोग गुरुद्वारे तक आ सकते हैं, वे यहां आ जाते हैं, जो लोग नहीं आ सकते उन तक हम खुद ऑक्सीजन पहुंचाते हैं।’

ऑक्सीजन के अलावा गुरुद्वारा कमेटी कोविड मरीजों को टेस्टिंग और एंबुलेंस की मदद भी उपलब्ध कराती है।
ऑक्सीजन के अलावा गुरुद्वारा कमेटी कोविड मरीजों को टेस्टिंग और एंबुलेंस की मदद भी उपलब्ध कराती है।

हमारे पास 500 ऑक्सीजन सिलेंडर

गुरुद्वारे के पास तकरीबन 500 सिलेंडर हैं। ऑक्सीजन सबको मिले इसके लिए क्रिटिकल पेशेंट के पास गुरुदारे के लोग सिलेंडर लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन जो लोग गुरुद्वारे में आने की स्थिति में हैं, उन लोगों से यहां आने की गुजारिश कर रहे हैं। घरों में सिलेंडर पहुंचने पर वो सिर्फ एक ही व्यक्ति के काम आता है। जरूरत नहीं होती है तो वह बेकार पड़ा रहता है, लेकिन यहां एक व्यक्ति की जरूरत खत्म होने पर सिलेंडर फौरन दूसरे को दिया जाता है।

जो लोग गुरुद्वारे तक आने में सक्षम हैं, वे वहां आकर ऑक्सीजन लेते हैं। नहीं तो सेवादार जरूरतमंद मरीज के घर तक भी ऑक्सीजन पहुंचाते है।

गुरुदारे के सेवादार बताते हैं कि एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचने से पहले ही कई लोग बीच रास्ते में गुजर जा रहे हैं। सेवादार सिक्का कहते हैं कि ‘अब लोग इस इंतजाम से तो नहीं निकलते कि जिसके इलाज के लिए निकले हैं, उसकी मौत हो जाएगी और उसे ढंकने के लिए चादर भी चाहिए होगी।’ ऐसे में गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी ने 24 अप्रैल को 5,000 चादरें भी मंगाई हैं।

हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया

गाजियाबाद के गुरुसिंह सभा गुरुद्वारे ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। ये नंबर है 9097041313। यहां ऑक्सीजन, एंबुलेंस या कोविड टेस्ट के लिए फोन कर मदद मांगी जा सकती है।

दून में महाकाल के दिवानों ने शुरू की आक्सीजन सेवा


महाकाल के दीवाने संस्था के अध्यक्ष रोशन राणा। फाइल फोटो
देहरादून की मात्र चार सदस्यीय धार्मिक संस्था महाकाल के दीवाने ने इससे इतर निस्वार्थ भाव से जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है। यह संस्था अपने संसाधनों से विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा रही है। महामारी से जूझ रहे देश में ऑक्सीजन की किल्लत ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं। उत्तराखंड में भी इस बीमारी के मरीजों की संख्या के साथ ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है। इस परिस्थिति का फायदा उठाकर जहां कुछ लोग ऑक्सीजन की कालाबाजारी से भी नहीं चूक रहे। वहीं, देहरादून की धार्मिक संस्था महाकाल के दीवाने ने इससे इतर निस्वार्थ भाव से जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है। यह संस्था अपने संसाधनों से विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा रही है।

इस संस्था के अध्यक्ष हैं दून के व्यापारी रोशन राणा। रोशन ने बताया कि पिछले साल कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद उन्होंने जरूरतमंदों की मदद करने के लिए इस संस्था की नींव रखी थी। तब संस्था ने जरूरतमंदों को राशन, सैनिटाइजर, मास्क समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं मुहैया कराईं। हालात कुछ ठीक होने के बाद उनकी संस्था ने कई धार्मिक आयोजन भी कराए। अब कोरोना के फिर से विकराल होने पर यह संस्था जरूरतमंदों की मदद के लिए सक्रिय हो गई है।

रोशन ने बताया कि पिछले साल सबसे बड़ी जरूरत दो वक्त का भोजन था। इस दफा लोग जीवनदायिनी ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं। ऐसे में संस्था ने अपने स्तर से ऑक्सीजन सिलिंडर जुटाकर उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। संस्था अब तक पांच मरीजों को ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध करा चुकी है। इसमें दो मरीज मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती थे। बाकी के तीन मरीज निजी अस्पताल व होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे थे। बकौल रोशन, यह नेक काम उन्होंने अपने कुछ उद्योगपति दोस्तों की मदद से शुरू किया था। अब वह अपने बाकी मित्रों से भी इसके लिए सहायता जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। रोशन के अलावा उनकी टीम में दीपक जेठी, अंकुर जैन और हेमराम अरोड़ा शामिल हैं। जो इस नेक काम में उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं।

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