घर के गहने बेचनी नहीं है विनिवेश, पहली बार बनी स्पष्ट नीति

 

Disinvestment in Budget 2021: निर्मला सीतारमण ने ‘घर के गहने’ बेचने के विपक्ष के आरोपों को किया खारिज, जानिए क्या कहा

07 Feb 2021, 04:49:00 PM

Disinvestment in Budget 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘घर के गहने’ बेचने के विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने हमारा इरादा करदाताओं के पैसे को बुद्धिमता के साथ खर्च करने का है। वह बोलीं कि जो विपक्ष का आरोप है कि घर के गहने बेचे जा रहे हैं, ऐसा नहीं है।

हाइलाइट्स:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘घर के गहने’ बेचने के विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है।
उन्होंने कहा कि हमारा इरादा करदाताओं के पैसे को बुद्धिमता के साथ खर्च करने का है।
वह बोलीं कि जो विपक्ष का आरोप है कि घर के गहने बेचे जा रहे हैं, ऐसा नहीं है।क़्ट्लोोो

मुंबई 07 फरवरी।Disinvestment in Budget 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी कंपनियों के निजीकरण को लेकर ‘घर के गहने’ बेचने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सरकार ने पहली बार विनिवेश की स्पष्ट नीति तैयार की है। उन्होंने कहा कि हमारा इरादा करदाताओं के पैसे को बुद्धिमता के साथ खर्च करने का है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहती है कि निर्दिष्ट क्षेत्रों में कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम अच्छा प्रदर्शन करें, ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि करदाताओं का पैसा सोच-समझकर खर्च हो।
सीतारमण ने रविवार को यहां कारोबारी लोगों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जो विपक्ष का आरोप है कि घर के गहने बेचे जा रहे हैं, ऐसा नहीं है। घर के जेवर को ठोस बनाया जाता है, इसे हमारी ताकत होनी चाहिये। चूंकि आपने इतने खराब तरीके से इनपर खर्च किया कि इनमें से कई चल पाने में सक्षम नहीं हैं। कुछ ऐसे हैं, जो बेहतर कर सकते हैं, लेकिन उनके ऊपर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य इस नीति के माध्यम से ऐसे उपक्रमों को सक्षम बनाना है।!

उन्होंने कहा, ‘‘आपको उनकी आवश्यकता है, आपको उन्हें बड़े पैमाने पर ले जाने की आवश्यकता है ताकि वे बढ़ते भारत की आकांक्षाओं को पूरा करें।’’ इस मौके पर हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा कि बजट 2021-22 राहत, वसूली और सुधार पर ध्यान केंद्रित करने वाला ‘न्यू डील’ का भारतीय संस्करण है। बीएसई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीषकुमार चौहान ने कहा कि इस बजट की तुलना में सिर्फ 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा प्रस्तुत सुधार दस्तावेज ही खड़ा हो सकता है।

 

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हिन्दी न्यूज़ » बिजनेस » विनिवेश के मेगा प्लान पर सरकार का जवाब, ‘टैक्सपेयर्स के पैसे चालाकी से खर्च किए जाएंगे’

विनिवेश के मेगा प्लान पर सरकार का जवाब, ‘टैक्सपेयर्स के पैसे चालाकी से खर्च किए जाएंगे’

निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम घर के गहने बेच नहीं रहे हैं, बल्कि उसे मजबूत कर रहे हैं. सरकार चाहती है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करें, जिससे करदाताओं का पैसा सोच-समझकर खर्च हो.
TV9 Hindi Publish Date – 4:37 pm, Sun, 7 February 21

विपक्ष के आरोपों पर निर्मला सीतारमण का करारा जवा

सरकारी कंपनियों यानी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSU) में भारी भरकम विनिवेश के प्लान को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार घर के गहने को बेचने का काम कर रही है. विपक्ष के आरोपों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने पहली बार टैक्सपेयर्स के पैसों को संभाल कर खर्च करने जा रही है. उनके पैसे को उचित जगह खर्च करने के लिए पहली बार यह सरकार विनिवेश पर सही रणनीति लेकर आई है.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहती है कि निर्दिष्ट क्षेत्रों (specified sectors) में कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम अच्छा प्रदर्शन करें, ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि करदाताओं का पैसा सोच-समझकर खर्च हो. सीतारमण ने कहा कि जो विपक्ष का आरोप है कि घर के गहने बेचे जा रहे हैं, ऐसा नहीं है. घर के जेवर को ठोस बनाया जाता है, इसे हमारी ताकत होनी चाहिए.चूंकि आपने इतने खराब तरीके से इनपर खर्च किया कि इनमें से कई चल पाने में सक्षम नहीं हैं.कुछ ऐसे हैं, जो बेहतर कर सकते हैं, लेकिन उनके ऊपर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया.वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य इस नीति के माध्यम से ऐसे उपक्रमों को सक्षमम

ये रहेंगे विनिवेश की नीति से बाहर

सरकार की नई स्ट्रैटिजीक डिस-इन्वेस्टमेंट पॉलिसी से बड़े पोर्ट ट्रस्ट, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI), नोटों और सिक्कों की छपाई-ढलाई में लगी कंपनियां जैसे चुनिंदा सरकारी उपक्रम रणनीतिक विनिवेश (strategic disinvestment) नीति के दायरे से बाहर रखे गए हैं. इस बजट में आत्मनिर्भर भारत में नई सार्वजनिक उपक्रम विनिवेश नीति की घोषणा की.इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के वाणिज्यिक उपक्रमों को रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है.इसके तहत जिन उपक्रमों का विनिवेश करने का प्रस्ताव है, उनमें केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम, सरकारी बैंक और सरकारी बीमा कंपनियां शामिल हैं.

विनिवेश नीति में चार रणनीतिक क्षेत्र हैं

नीति के अनुसार, ‘वैसे निकाय जो मुनाफा कमाने के लिए नहीं बनी कंपनियां हैं या संकटग्रस्त समूहों को समर्थन प्रदान करती हैं अथवा विकास या संवर्धन में भूमिका रखती हैं, उनके ऊपर यह नीति लागू नहीं होगी.’ बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश / रणनीतिक विनिवेश नीति का अनावरण किया, जिसमें चार रणनीतिक क्षेत्र हैं. इनमें कुछ उपक्रमों को ही बरकरार रखा जाएगा. इनके अलावा अन्य कंपनियों का या तो निजीकरण किया जाएगा या उनका आपस में विलय कर दिया जाएगा या उन्हें बंद कर दिया जाएगा. इन चार क्षेत्रों में तीन क्षेत्र परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष व रक्षा; परिवहन व दूरसंचार और बिजली, पेट्रोलियम, कोयला व अन्य खनिज हैं. इनके अलावा गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवा जैसे सीपीएसई का निजीकरण किया जााएग वजह का खुलासा चमोली पुलिस ने लोगों को कियालर्ट््ट्ट्््ट््ट््््ट््ट्््ट

 

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