बदरीनाथ कपाट बंद: कमल पुष्प के कटआउट पर कांग्रेस-भाजपा में ले दे
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Badrinath Dham: कपाट बंद होने पर सजावट में लगे कमल के फूलों ने खींचा सबका ध्यान
बदरीनाथ धाम
बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए शनिवार को विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। धाम में कपाट बंदी के समय 5000 से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। सेना के बैंडों की मधुर भक्तिमय धुन और बदरीविशाल के जयकारों से पूरा धाम गूंज उठा।
लेकिन इस दौरान धाम की सजावट में मुख्य द्वार के दोनों ओर बनाए गए कमल के दो फूल चर्चा का विषय बन गए। लोग इसे भाजपा के चुनाव चिन्ह से जोड़कर देख रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है।
धाम के कपाट बंद होने के मौके पर पूरे मंदिर परिसर को गेंदे के फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया था। इस सजावट में मुख्य द्वार के दोनों तरफ कमल के फूलों के कटआउट ने सबका ध्यान खींचा।
बदरीनाथ धाम की सजावट में लगा कमल का फूल
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल से जोड़ते हुए टिप्पणी की। वहीं कांग्रेस ने इसे भाजपा का सोचा समझा षड्यंत्र बताया। पार्टी के उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करती है। यह पहली बार नहीं है, जब भाजपा ने ऐसा किया हो।
बदरीनाथ धाम
वहीं, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। दूसरी ओर, मंदिर की निशुल्क सजावट करने वाली ऋषिकेश की बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति से जुड़े राकेश बड़थ्वाल ने बताया कि यह महज कलाकारों की परिकल्पना है।
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद
बता दें कि इस बार रिकॉर्ड तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। इस साल यात्रा में 17 लाख 60 हजार 646 श्रद्धालु धाम पहुंचे। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि इस साल यात्रियों की संख्या पिछले वर्षों की अपेक्षा ज्यादा रही है।
बदरीनाथ धाम
मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि यात्रा से मंदिर समिति को करीब 33 करोड़ की आय हुई है। वहीं धाम में इस साल एक करोड़ 25 लाख के चौलाई के लड्डू बिके जिससे मंदिर समिति को 25 लाख रुपये की आय हुई।
बदरीनाथ धाम
धाम की यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न होने पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि सरकार, स्थानीय प्रशासन व आम लोगों के सहयोग से इस साल की यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हुई है।
कमल के फूल पर विवाद करना कांग्रेस की सनातन विरोधी सोच: चौहान
भाजपा ने श्री बद्रीविशाल के कपाट बंद होने के अवसर पर कमल के फूलों को लेकर विवाद खड़ा किये जाने को कांग्रेस की सनातनी संस्कृति विरोधी सोच बताया है ।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि कमल का फूल भगवान विष्णु के हाथों में शोभायमान रहता है। इसी फूल पर ही माता लक्ष्मी विराजती है व कमल से माता की विशेष पूजा होती है साथ ही कमल का फूल राष्ट्रीय पुष्प भी है । लेकिन कांग्रेस में न धर्म का सम्मान है और न ही राष्ट्रीय प्रतीकों का ।
चौहान ने सोशल मीडिया पर श्री बद्रीनाथ धाम में कमल के फूल वाले कट आउट लगाए जाने पर उठे विवाद को लेकर काँग्रेस की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है । उन्होंने कहा कांग्रेस नेताओं का सनातन संस्कृति एवं भाजपा का विरोध बहुत निचले स्तर तक पहुंच गया है । उन्होंने व्यंग्य कसते हुए कहा कि या तो मंदिर में कमल के फूल का विरोध करने वालों को कमल पुष्प का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व नही मालूम या फिर वह भाजपा विरोध की पराकाष्ठा में सभी सीमाएं पार कर चुके हैं । माता लक्ष्मी , माँ सरस्वती भगवान ब्रह्म ने कमल के फूल को अपना आसन बनाये है और पूजा के लिए भी कमल के फूल को पुराणों में भी श्रेष्ठ माना गया है।इतना ही नही, महान अशोक के शिलालेखों में भी कमल का चित्र खुदा हुआ है और इन तमाम महत्व के चलते ही इसे राष्ट्र पुष्प घोषित किया गया ।
चौहान ने कहा कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर जब G 20 की बैठक के लोगो में राष्ट्रीय सम्मान के प्रतीक कमल को शामिल किया गया तो इन्हें आपत्ति हुई और अब भगवान विष्णु के मंदिर में कमल पुष्प पर विरोध कर रहे हैं । उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दरअसल काँग्रेस को कमल और भाजपा ही नही, हिन्दू संस्कृति और उसके सभी प्रतीकों से ही नफरत है ।