रोजों के बीच दुबई के रेस्तरां में बिना पर्दे परोसा जायेगा भोजन
दुबई: रमजान के दौरान रेस्तरां में अब पर्दे के बिना ग्राहकों को परोसा जाएगा खाना
दुबई: रमजान के दौरान रेस्तरां में अब पर्दे के बिना ग्राहकों को परोसा जाएगा खाना
कॉन्सेप्ट इमेज.
दुबई (Dubai) में रमजान के दौरान अब रेस्तरां (Restaurant) को पर्दे से ढकने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. अब रेस्तरां अपने यहां पर्दे आदि लगाए बगैर ही ग्राहकों को भोजन परोस सकेंगे.
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NEWS18HINDI
LAST UPDATED:APRIL 12, 2021, 1:21 PM IST
दुबई. दुबई (Dubai) में लंबे समय से चली आ रही उस अनिवार्यता को बंद करने की दिशा में कदम उठाया गया है जिसमें रमजान (Ramadan) के दौरान सभी रेस्तरां को दिन के वक्त परदों से ढकना आवश्यक हुआ करता था ताकि रोजा रख रहे लोगों की नजर से खाद्य पदार्थ दूर रहें. यहां के आर्थिक विकास विभाग ने पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रविवार को इस कदम की घोषणा की. सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम ने कहा, ‘‘रेस्तरां अपने यहां पर्दे आदि लगाए बगैर ही ग्राहकों को भोजन परोस सकेंगे. पहले पर्दे लगाना अनिवार्य हुआ करता था.’’
इसमें कहा गया, ‘‘यह नया आदेश पहले के वर्षों में जारी उन आदेशों का स्थान ले लेगा जिनके तहत रोजा रखने वालों की खातिर खानपान वाले हिस्सों को ढकना आवश्यक हुआ करता था.’’ नए नियमों के तहत दिन के वक्त भोजन परोसने के लिए अब रेस्तरां को पहले की तरह विशेष परमिट लेने की भी जरूरत नहीं होगी.
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खाड़ी के अरब देशों में रमजान के दौरान सार्वजनिक तौर पर खाने पीने पर जुर्माने लगाए जाते हैं तथा ऐसा करने वाला आदमी कानूनी पचड़ों में भी फंस सकता है. हालांकि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दुबई नियमों में बदलाव कर रहा है.
पाकिस्तान: साद रिज्वी की कट्टर इस्लामी पार्टी के खिलाफ एक्शन में इमरान सरकार, प्रतिबंध लगाने का फैसला
Pakistan Ban Islamist Group TLP: 2018 के आम चुनाव में 25 लाख वोट हासिल करने वाली टीएलपी ने साद रिज्वी की गिरफ्तारी के बाद देशभर में सड़कों को बंद कर दिया
पाकिस्तान: साद रिज्वी की कट्टर इस्लामी पार्टी के खिलाफ एक्शन में इमरान सरकार, प्रतिबंध लगाने का फैसला
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख साद रिज़वी की गिरफ्तारी के लाहौर में प्रदर्शन करते उनके समर्थकों पर आंसू गैस छोड़ते पुलिसकर्मी. (AFP/12 April 2021)
भाषा
LAST UPDATED:APRIL 14, 2021, 8:35 PM IST
इस्लामाबाद/लाहौर. पाकिस्तान ने एक कट्टर इस्लामी पार्टी के समर्थकों की लगातार तीसरे दिन कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ झड़प के बाद बुधवार को आतंकवाद अधिनियम के तहत उस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया. इन झड़पों के दौरान सात लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. गृह मंत्री शेख राशिद ने पत्रकारों से कहा कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) को 1997 के आतंकवाद रोधी अधिनियम के नियम 11-बी के तहत प्रतिबंधित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ”मैंने टीएलपी पर प्रतिबंध लगाने के लिये पंजाब सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.”
अहमद ने कहा कि बीते दो दिन में प्रदर्शनकारियों के साथ झड़पों में कम से कम दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो चुकी है और 340 से अधिक घायल हुए हैं. मीडिया में आईं खबरों में बताया गया है कि दो प्रदर्शनकारियों की भी मौत हुई है. पार्टी समर्थकों ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के लिये फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के वास्ते इमरान खान सरकार को 20 अप्रैल तक का समय दिया था, किंतु उससे पहले ही पुलिस ने 12 अप्रैल को पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिज्वी को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद टीएलपी ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
2018 के आम चुनाव में 25 लाख वोट हासिल करने वाली टीएलपी ने साद रिज्वी की गिरफ्तारी के बाद देशभर में सड़कों को बंद कर दिया. साद रिजवी खादिम हुसैन रिज्वी का बेटा है, जिनकी कुछ महीने पहले मौत हो चुकी है. मंत्री ने यह भी कहा कि सभी सड़कों को खाली करा लिया गया है और प्रमुख शहरों के मुख्य चौराहों से प्रदर्शनकारियों को हटाया जा चुका है.
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पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया वाघा सीमा के जरिये सोमवार को लाहौर पहुंचे 800 से अधिक भारतीय सिखों ने रावलपिंडी के गुरुद्वारा पंज साहिब हसनअबदाल में वैशाखी मनाई और बुधवार सुबह अपने गंतव्य पहुंच गए. उन्होंने कहा कि मंगलवार दोपहर भारतीय सिख पुलिस और रेंजर्स के साथ 25 बसों में लाहौर के गुरुद्वारा पंज साहिब हसनअबदाल के लिये रवाना हुए.
अधिकारी ने कहा, ”टीएलपी के प्रदर्शन के दौरान सड़कें बंद होने के कारण सिख यात्री 14 घंटे के सफर के बाद बुधवार सुबह चार बजे के बाद हसनअबदाल पहुंचे, जहां पहुंचने में अमूमन तीन घंटे लगते हैं.” कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने देशभर में टीएलपी के 2 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने का दावा किया है. इनमें से अधिकतर को पंजाब से गिरफ्तार किया गया. दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार ने पिछले साल नवंबर में फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने पर सहमति जताते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे.
टीएलपी ने पिछले साल नवंबर में कार्टून के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था. हालांकि फरवरी तक राजदूत को निष्कासित करने का आश्वासन दिये जाने के बाद मामला शांत हो गया था और समझौते को 20 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया. सरकार ने टीएलपी के खिलाफ कार्रवाई की मांगों को लेकर संसद में एक विधेयक लाने का वादा किया था. टीएलपी 2017 में चर्चा में आया था जब उसने इस्लामाबाद के निकट फैसलाबाद चौराहे पर तीन सप्ताह तक विशाल विरोध प्रदर्शन किया था. तत्कालीन सरकार द्वारा कानून मंत्री को हटाए जाने के बाद टीएलपी ने शहर से लॉकडाउन हटाया था.
राहत भरी खबर: लाहौर में भड़की हिंसा में फंसे 800 भारतीय सिख रावलपिंडी पहुंचे
Pakistan: पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि 800 से अधिक भारतीय सिखों ने हसनअबदाल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में वैशाखी मनाई.
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राहत भरी खबर: लाहौर में भड़की हिंसा में फंसे 800 भारतीय सिख रावलपिंडी पहुंचे
लाहौर में फंसा था भारतीय सिख जत्था.
लाहौर. पाकिस्तान (Pakistan) में 800 से अधिक भारतीय सिख यात्री बुधवार को अंतत: रावलपिंडी में अपने गंतव्य तक पहुंच गए. देश में एक कट्टर इस्लामी पार्टी के समर्थकों द्वारा सड़कें बंद किये जाने के कारण बैसाखी मनाने गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने के दौरान उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा. भारतीय तीर्थयात्री बैसाखी पर्व में शामिल होने के लिये सोमवार को वाघा बॉर्डर के जरिये लाहौर पहुंचे थे.
फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के मामले में फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की मांग कर रहे तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों द्वारा सड़कें बंद किये जाने से उनकी यात्रा प्रभावित हुई. पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 800 से अधिक भारतीय सिखों ने हसनअबदाल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में वैशाखी मनाई. उन्होंने कहा कि मंगलवार दोपहर भारतीय सिख पुलिस और रेंजर्स के साथ 25 बसों में सवार होकर लाहौर के गुरुद्वारा पंजा साहिब के लिये रवाना हुए.
लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अप्रैल माह के अंत में होने वाले अपने भारत दौरे की अवधि को कम कर दिया है. देश