ईडी ने सोनिया-राहुल की 751 करोड़ की संपत्ति कुर्क

ED TO ATTACH AJL PROPERTY IN MONEY LAUNDERING CASE RELATED TO SONIA AND RAHUL
सोनिया-राहुल को झटका, ईडी ने 751 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने के दिए आदेश
ED to attach AJL property : ईडी ने एजेएल की संपत्ति को अस्थायी तौर पर कुर्क करने का आदेश जारी किया. कंपनी का मालिकाना हक सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास है. क्या है पूरा विवाद, पढ़ें पूरी खबर.

नई दिल्ली 21 नवंबर : प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड की संपत्ति को अस्थायी तौर पर कुर्क करने का आदेश दिया है. इसकी संपत्ति 751 करोड़ रुपये से अधिक की है. मामले की जांच पीएमएलए 2002 में की गई थी.
एजेएल के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ समेत कई राज्यों में अचल संपत्ति है.जांच में पाया गया है कि संपत्ति अपराध से प्राप्त रुपये से खरीदी गई है.इसके अनुसार यंग इंडियन लिमिटेड के पास 90.21 करोड़ रुपए और अलग-अलग जगहों पर खरीदी गई संपत्तियों की कीमत 661.6 करोड़ रुपये है.

क्या है यह मामला

आपको बता दें कि एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड का गठन 1937 में किया गया था. इसके शेयर धारकों की संख्या एक हजार के आसपास थी. उस समय इसके अधिकांश शेयरधारक कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे. इसके एक साल बाद यानी 1938 को नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत की गई थी. तब से अखबार का प्रकाशन जारी रहा. हालांकि, इस दौरान इसने कई राज्यों की राजधानियों में प्राइम लोकेशंस पर जमीन भी एकत्रित की.
2008 में, जिस समय यूपीए की सरकार थी, नेशनल हेराल्ड ने 90 करोड़ रुपए के नुकसान की जानकारी दी. इसके बाद कंपनी को बंद कर दिया गया. इस समय कांग्रेस पार्टी ने कंपनी को 90 करोड़ रुपए का लोन देने का फैसला किया.इस मामले के जानकार बताते हैं कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को, जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, किसी को भी लोन देने का अधिकार नहीं है, लेकिन पार्टी ने ऐसा करके कानून का उल्लंघन किया है.
दो साल बाद 2010 के आसपास एक नई कंपनी यंग इंडियन लिमिटेड का गठन किया गया. इस कंपनी के शेयर धारकों में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा शामिल थे. सोनिया और राहुल को मिलाकर उनके पास 76 प्रतिशत शेयर था, जबकि बाकी के शेयर मोतीलाल वोरा के पास था. यंग इंडिया लिमिटेड का पेड-अप कैपिटल पांच लाख रुपये का था.यंग इंडियन लिमिटेड ने और अधिक पैसे जुटाने के लिए एक फर्म का गठन किया. इसका रजिस्ट्रेशन कोलकाता से कराया गया था. फर्म ने 50 लाख रुपये जुटाए. इस फर्म ने यह रकम एजेएल को देकर उसके सभी शेयर यंग इंडियन लिमिटेड के नाम करा लिया. इस बीच कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपए का लोन जो एजेएल को दे रखा था, उसे माफ कर दिया. जिस समय कांग्रेस ने लोन माफ किया, उस समय मोतीलाल वोरा कोषाध्यक्ष थे.
एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया था कि एजेएल के कुछ शेयरधारकों ने दावा किया कि एजेएल को बेचने से पहले उनसे कोई सलाह नहीं ली गई थी.

दिल्ली, मुंबई, लखनऊ में एसोसिएट्स जनरल की 752 करोड़ की संपत्ति जब्त
गांधी परिवार से जुड़ी कंपनी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड की दिल्ली, मुंबई व लखनऊ स्थित 751.90 करोड़ रुपये की संपत्तियों को ईडी ने जब्त कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक इसमें लखनऊ के कैसरबाग स्थित दो बेशकीमती संपत्तियां भी शामिल हैं।

गांधी परिवार से जुड़ी कंपनी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड की दिल्ली, मुंबई व लखनऊ स्थित 751.90 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक इसमें लखनऊ के कैसरबाग स्थित दो बेशकीमती संपत्तियां भी शामिल हैं। ईडी के मुताबिक अपराध के जरिए अर्जित रकम से एसोसिट्स जनरल की 661.69 करोड़ रुपये और मेसर्स यंग इंडियन कंपनी की एसोसिएट्स जनरल के इक्विटी शेयर्स की 90.21 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया गया है।

बता दें कि ईडी ने जून, 2014 में इस प्रकरण की जांच शुरू की थी। बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए जांच एजेंसी ने तलब भी किया था। जांच में सामने आया कि एसोसिएट्स जनरल ने धोखाधड़ी करके दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना, इंदौर, भोपाल, चंडीगढ़ समेत कई शहरों में बेशकीमती संपत्तियों को हासिल किया। दरअसल, दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने एक निजी शिकायत का संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच का आदेश दिया था।

अदालत ने माना था कि मेसर्स यंग इंडिया सहित सात आरोपियों ने प्रथमदृष्टया आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और बेईमानी की है। उन्होंने जमीनों अधिग्रहण के लिए आपराधिक साजिश रची और सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल की। मेसर्स एसोसिएट्स जनरल को अखबारों के प्रकाशन के लिए देश के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी। कंपनी ने 2008 में अपना प्रकाशन कार्य बंद कर दिया और संपत्तियों का व्यवसायिक उपयोग करना शुरू कर दिया। एसोसिएट्स जनरल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना था।

हालांकि एआईसीसी ने 90.21 करोड़ रुपये के इस कर्ज को एसोसिएट्स जनरल से गैर-वसूली योग्य माना और बिना किसी स्रोत के इसे एक नई निगमित कंपनी मैसर्स यंग इंडियन को 50 लाख रुपये में बेच दिया। उनके कार्य से एजेएल के शेयरधारकों के साथ-साथ दानकर्ता और कांग्रेस के पदाधिकारियों ने पार्टी को धोखा दिया। ईडी की जांच में पता चला कि एआईसीसी से 90.21 करोड़ रुपये का लोन खरीदने के बाद यंग इंडियन को कर्ज का पुनर्भुगतान करने या उसे एसोसिएट्स जनरल के इक्विटी शेयर आवंटित करने की मांग की। एसोसिएट्स जनरल की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में शेयर पूंजी और इश्यू बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया गया। शेयरों के इस नए आवंटन के साथ एसोसिएट्स जनरल यंग इंडियन की सहायक कंपनी बन गई। उसने एसोसिएट्स जनरल की संपत्तियों पर भी कब्जा भी कर लिया। ईडी इस मामले की आगे जांच कर रही है।

कैसरबाग में अरबों की संपत्ति

बता दें कि राजधानी के हेरिटेज इलाके कैसरबाग में एसोसिएट्स जनरल की दो संपत्तियां हैं। करीब दो एकड़ भूमि में स्थित इस संपत्ति में नेहरू भवन और नेहरू मंजिल की इमारतें हैं। इसके एक हिस्से में इंदिरा गांधी आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर चलता है, जिसका संचालन राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। पहले इस भूमि पर स्कूल था, जिसे एसोसिएट्स जनरल ने अधिग्रहित कर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू अखबार का प्रकाशन शुरू किया था।

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