जेम्स डायसन अवार्ड 2022 को प्रविष्टियां शुरू, भारतीय विजेताओं के लिए रिकार्ड पांच लाख पुरुस्कार राशि

*जेम्स डायसन अवार्ड 2022 के लिए प्रविष्टियां शुरू, भारतीय विजेताओं के लिए रिकॉर्ड पुरस्कार राशि*

 

• क्या आप उभरते हुए अविष्कारक हैं? तो अपने विचार को मूर्त रूप दीजिए और जेम्स डायसन अवार्ड के लिए आवेदन भेजिए।
• राष्ट्रीय विजेताओं को 5,000 पाउंड (लगभग 5 लाख रु.) की पुरस्कार राशि के साथ अपने विचार के लिए हाई-प्रोफाईल पहचान मिलेगी।
• ग्लोबल विजेता 30,000 पाउंड (लगभग 30 लाख रु.) तक की पुरस्कार राशि जीत सकेंगे।
• ज्यादा जानकारी एवं आवेदन करने के लिए www.jamesdysonaward.org पर जाएं।

 

जेम्स डायसन अवार्ड डायसन चैरिटी द्वारा चलाई जाने वाली एक वार्षिक स्टूडेंट डिज़ाईन प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगिता के लिए युवा अविष्कारकों से आवेदन मंगाए जा रहे हैं। पिछले सालों में बड़ी संख्या में प्रविष्टियां मिलने के बाद, इस प्रतियोगिता के लिए पुरस्कार की राशि बढ़ाई जा रही है, ताकि उद्यमशीलता के पहले व महत्वपूर्ण कदम के लिए पर्याप्त मदद दी जा सके। इस साल के राष्ट्रीय विजेताओं की घोषणा सितंबर में की जाएगी और उन्हें अपने अविष्कार के विकास के लिए 5,000 पाउंड (लगभग 5 लाख रुपए) दिए जाएंगे। इस प्रतियोगिता में आज तक 285 अविष्कार पुरस्कृत किये जा चुके हैैं।

सन 2005 से, जेम्स डायसन अवार्ड ने इंजीनियरिंग एवं डिज़ाईन के क्षेत्र में उद्यमी अंडरग्रेजुएट्स और नए ग्रेजुएट्स को ‘डिज़ाईन समथिंग दैट सॉल्व्स ए प्रॉब्लम’ (कुछ ऐसा डिज़ाईन करने, जिससे समस्या का समाधान हो) के लिए प्रेरित किया। इसमें विद्यार्थियों को बड़ी वैश्विक समस्या के लिए एक उद्देश्य के साथ ओपन-एंडेड एवं विस्तृत कार्य करना होता है। पिछले विजेताओं ने प्लास्टिक रिसाईक्लिंग एक्सेसिबिलिटी, चाकू की चोट से निकलने वाले अत्यधिक खून और एट-होम मेडिकल डायग्नोस्टिक्स में सुधार के लिए समाधान तलाशे। सर जेम्स डायसन ने प्रतियोगिता के ग्लोबल विजेताओं की घोषणा की; उन्हें फंड एवं हाई-प्रोफाईल पहचान की, जो उनके विचारों को व्यवहारिक प्रयोग के लिए मूर्त रूप देने के लिए आवश्यक है।

डायसन में फाउंडर एवं चीफ इंजीनियर, सर जेम्स डायसन ने कहा, ‘‘मेरे लिए जेम्स डायसन अवार्ड किसी समस्या को समझदारी से सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण है। युवा अविष्कारक चीजों पर सवाल उठाएं, उन्हें चुनौतियां दें। मेरा यकीन है कि युवा दुनिया में परिवर्तन लाना चाहते हैं और उन्हें इसका प्रोत्साहन मिलना चाहिए। भविष्य उन्हीं का है। यह पुरस्कार उन्हें अपने समाधानों का विकास करने का आत्मविश्वास एवं मंच देता है। हमारे 70 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय विजेता अपने अविष्कारों का विकास कर उन्हें कमर्शियलाईज़ कर रहे हैं। भविष्य में मैं आपके अत्याधुनिक एवं परिवर्तनकारी विचारों की समीक्षा करने के लिए उत्साहित हूँ। आपको शुभकामनाएं!’’

विजेताओं की क्या अपेक्षाएं हों?

1. पुरस्कार की राशि। अपने अविष्कार का विकास करने के लिए राष्ट्रीय विजेताओं को 5,000 पाउंड (लगभग 5 लाख रु.) और ग्लोबल विजेताओं को 30,000 पाउंड (लगभग 30 लाख रु.) की राशि मिलेगी।
2. मीडिया में प्रचार। जेम्स डायसन पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा होने के बाद उन्हें मीडिया में प्रचार मिलेगा तथा सार्वजनिक व औद्योगिक प्रोफेशनल्स का ध्यान उनकी ओर आकर्षित होगा, और उनके लिए उत्पाद के विकास एवं नेटवर्किंग के लिए सहयोग व वार्ताओं के द्वार खुल जाएंगे।
3. पिछले विजेताओं का सहयोग। इस साल अवार्ड ने अपने अविष्कारों को कमर्शियलाईज़ करने के इच्छुकों के लिए एक विजेता नेटवर्क लॉन्च किया है। अवार्ड के पिछले विजेताओं के साथ ईवेंट्स एवं नेटवर्किंग के अवसर ताकि अपने अनुभवों को साझा कर इंटर-विनर मेंटरशिप का लाभ उठाया जा सके।
पिछले दो सालों में रिकॉर्ड स्तर पर प्रविष्टियां दर्ज हुईं। हमारे भविष्य में इंजीनियर और वैज्ञानिकों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को पहचानकर, जेम्स डायसन ने सन 2021 में पहली बार तीन ग्लोबल विजेता चुने, जिनमें से प्रत्येक को 30,000 पाउंड की पुरस्कार राशि दी गई।

इस साल भी ग्लोबल पुरस्कार होंगे। लेकिन पहले हर प्रतिभागी देश एवं प्रांत से एक राष्ट्रीय विजेता (5,000 पाउंड) और दो राष्ट्रीय रनर-अप चुने जाएंगे। राष्ट्रीय विजेताओं का चयन एक डायसन इंजीनियर के सहयोग से एक एक्सटर्नल पैनल द्वारा किया जाएगा। सन 2022 में यह अवार्ड पहली बार थाईलैंड और टर्की में लॉन्च किया गया।
राष्ट्रीय विजेताओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चयन एवं अवार्डिंग के चरणों के लिए भेजा जाता है, जहां जेम्स डायसन अपने ग्लोबल विजेताओं को चुनते हैं।

अच्छे प्रवेश के लिए क्या करें?

सबसे अच्छे अविष्कार सबसे सरल होते हैं, और वास्तविक जीवन की समस्याओं के लिए स्पष्ट व समझदार समाधान प्रदान करते हैं। पिछले साल भारत से राष्ट्रीय विजेता लाईफबॉक्स के अविष्कारक, देवल करिया थे। प्रोजेक्ट लाईफबॉक्स अंगों के परिवहन के लिए ड्रोंस का इस्तेमाल करने के उद्देश्य से विकसित किया गया था। सैद्धांतिक रूप से अनेक विचारों का गहन विश्लेषण किया गया, जिसमें अनेक प्रोटोटाईप एवं एक उत्तम कूलिंग की प्रणाली का विकास किया गया, जिससे वजन और पॉवर की जरूरत में भारी कमी लाई गई। प्रयोगों द्वारा फ्लुड डिलीवरी एवं कूलिंग सब-सिस्टम में निरंतर सुधार किया गया।

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