मुख्यमंत्री बघेल के गिरफ्तार पिता को इंस्पेक्टर ने अपनी टेबल पर खिलाया खाना

थाने में इंस्पेक्टर की टेबल पर खाना खाते दिखे मुख्यमंत्री बघेल के पिता, लोग बोले ऐसी आवभगत

रायपुर 07 सितंबर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल को ब्राह्मणों पर विवादास्पद टिप्पणी करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। एक मुख्यमंत्री का पिता होने के बावजूद उन्हें अरेस्ट किया गया, इस पर लोग तारीफ कर रहे थे, लेकिन इन सबके बीच सामने आई एक तस्वीर ने चर्चा का रुख मोड़ दिया। असल में इस तस्वीर में नंद कुमार बघेल पुलिस थाने में इंस्पेक्टर की टेबल पर बैठकर खाना खाते देखे जा रहे हैं। तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो चुकी है और लोग इस पर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं।

आगरा से किया गया है अरेस्ट

गौरतलब है कि नंदकुमार बघेल ने कुछ दिन पहले ब्राह्मणों के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने यह टिप्पणी लखनऊ में की थी। इसके बाद उनके बेटे यानी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। वह भले ही मुख्यमंत्री के पिता हैं, लेकिन उन पर भी जरूरी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस से अपने पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। वहीं रायपुर के डीडी नगर में एफआईआर के बाद पुलिस ने नंदकुमार बघेल को आगरा से अरेस्ट किया। कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

सोशल मीडिया पर अलग-अलग कमेंट्स

उधर सोशल मीडिया पर नंदकुमार बघेल की थाने में खाना खाते हुए फोटो वायरल होने के बाद इस पर तरह-तरह के कमेंट्स आ रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया इसे गलत बता रहे हैं तो कुछ इसे सही ठहराने पर तुले हुए हैं। एक यूजर ने कमेंट किया कि काश, पुलिस आम बुजुर्गों के साथ भी इतनी ही नरमदिली से पेश आती। वहीं कुछ लोगों ने इसे सहानुभूति हासिल करने की राजनीति बताया है। एक यूजर ने लिखा है कि इस मामले पर कमेंट करने वालों को यूपी के हालात भी देखने चाहिए।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान दिया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें रायपुर की एक अदालत में पेश किया गया।

इससे पहले भारतीय जानता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता और परिवारजन स्वयं ही जातिवाद और विद्वेष फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके खिलाफ अब प्राथमिकी दर्ज करने तक की नौबत आ गई है, लेकिन राहुल गांधी को यह सब नहीं दिखता और वह इन सबसे अनभिज्ञ बने हुए हैं।

Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel’s father Nand Kumar Baghel arrested, produced before a court in Raipur over his alleged derogatory remarks against Brahmins

— ANI (@ANI) September 7, 2021
सर्व ब्राह्मण समाज की शिकायत के बाद डीडी नगर पुलिस ने शनिवार देर रात नंद कुमार बघेल के खिलाफ धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (1) (बी) (इरादा) में प्राथमिकी दर्ज की थी।

क्या कहा था बघेल के पिता ने?


नंद कुमार बघेल की जेब से मिले नोट्स

मुख्यमंत्री के पिता नंद कुमार बघेल ने कहा था, ”मैं भारत के सभी ग्रामीणों से आग्रह कर रहा हूं कि ब्राह्मणों को आपके गांवों में प्रवेश न करने दें। मैं हर दूसरे समुदाय से बात करूंगा ताकि हम उनका बहिष्कार कर सकें। उन्हें वोल्गा नदी के तट पर वापस भेजने की जरूरत है। ब्राह्मण परदेसी हैं। विदेशी हैं। जिस तरह से अंग्रेज लोग आए और चले गए, वैसे यह ब्राह्मण या तो सुधर जाएं या फिर गंगा से वोल्गा जाने के लिए तैयार हो जाएं।”

भूपेश बघेल ने कही थी कार्रवाई की बात

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि कानून सर्वोच्च है और उनकी सरकार सबके लिए खड़ी है। उन्होंने कहा था, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है,भले ही वह व्यक्ति मेरे 86 वर्षीय पिता हों। छत्तीसगढ़ सरकार हर धर्म,संप्रदाय,समुदाय और उनकी भावनाओं का सम्मान करती है। मेरे पिता नंद कुमार बघेल ने एक विशेष समुदाय के खिलाफ टिप्पणी कर सांप्रदायिक शांति भंग की है। उनके बयान से मैं भी दुखी हूं

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पत्नी बिंदेश्वरी देवी के निधन पर संस्कार भी बंटे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सनातन परंपरा, पिता नंद कुमार बघेल ने बौद्ध धर्म से किया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल प्रदेश में अपने बयानों से लगातार विवादों में घिरते रहे हैं, हालांकि यह पहली बार है कि उन्हें जेल जाना पड़ा है। वैसे तो वे पहले से ही ब्राह्मण विरोधी बयान देते रहे हैं, लेकिन पहला चर्चित विवाद 2001 में उनकी पुस्तक ‘ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो’ था। वे महिषासुर, रावण को महान योद्धा भी बता चुके हैं। उनसे जुड़े कुछ प्रमुख विवाद।

प्रतिबंधित है ‘ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो’ पुस्तक

नंदकुमार बघेल की पुस्तक ‘ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो’ में मनुस्मृति और वाल्मिकी रामायण,तुलसीदास के रामचरित मानस पर समीक्षात्मक टिप्पणियां हैं। इसमें बघेल ने राम को काल्पनिक चरित्र बताया है। लिखा है कि सर्वणों ने राम नाम का अस्तित्व दलितों,मूलनिवासियों और आदिवासियों पर राज करने, उन्हें दबाने,कुचलने को गढ़ा है। इसमें दक्षिण के विचारक पेरियार के विचार भी हैं। इस पुस्तक को 2001 में अजीत जोगी सरकार ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और वर्गों के बीच द्वेष बढ़ाने वाला मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया था। बघेल इसके खिलाफ हाईकोर्ट गए,जहां हाईकोर्ट की फुल बेंच ने 17 साल बाद उनकी याचिका को खारिज कर दी और पुस्तक पर बैन बरकरार रखा।

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रावण और महिषासुर को बताया महान योद्धा

नंदकुमार बघेल ने पिछले कुछ वर्ष से छत्तीसगढ़ के गांवों में दुर्गा पूजा और रावण वध के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। वे गांव-गांव का दौरा करते हैं और वहां के आदिवासी समुदाय से अपील करते हैं कि वे विजयादशमी को रावण दहन ना करें। 2019 में उन्होंने दशहरा के कार्यक्रम में रावण को महान योद्धा, पुरखा बताकर विजयादशमी को शोक दिवस कहा था। वे सभी स्थानों पर जाकर महिषासुर, रावण, मेघनाद के पुतले जलाए जाने और दुर्गा पूजा का विरोध करते हैं। कहते हैं कि महान योद्धाओं का वध ब्राह्मण समाज बहुजन मूल संस्कृति को अपमानित करने के लिए कर रहा है।

राम वन गमन पथ योजना का विरोध

नंदकुमार बघेल ने अपने बेटे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की एक योजना का सार्वजनिक विरोध किया। मुख्यमंत्री ने दिसंबर 2019 में घोषणा की थी कि भगवान राम अपने वनवास काल में छत्तीसगढ़ के 51 स्थानों से गुजरे थे। इनमें से 9 स्थानों का विकास राम वन गमन पथ के अंतर्गत किया जाएगा। इन्हें धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। नंद कुमार कुछ आदिवासी संगठनों के साथ इस योजना के खिलाफ खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि इस योजना से बहुजन, दलितों की संस्कृति पर ब्राह्मण संस्कृति थोपने का प्रयास किया जा रहा है। यह आरएसएस और भाजपा का एजेंडा है भूपेश बघेल मोदी को खुश करने के लिए यह योजना बना रहे हैं।

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आगरा के कांग्रेसियों के बीच नंद कुमार बघेल

सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का विरोध

मोदी सरकार ने आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की है। इस घोषणा का नंदकुमार बघेल पूरे देश में घूम-घूम कर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे वंचितों के अधिकार पर डाका डाला जा रहा है। सवर्ण पहले से ही आर्थिक, सामाजिक रूप से संपन्न है ऐसे में इन्हें कोई भी आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। बघेल इसी सिलसिले में लगातार उत्तरप्रदेश में प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं।

कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार

चुनाव के दौरान ऐसे कई किस्से हैं जब नंदकुमार बघेल ने सवर्ण कांग्रेसी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव प्रचार किया। उन्होंने ऐसे चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशियों का विरोध किया, जब उनके पुत्र भूपेश बघेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे अथवा बड़े महत्वपूर्ण पदों पर थे।


माता- पिता के साथ भूपेश बघेल

पत्नी का अंतिम संस्कार सनातन तरीके से नहीं

पिछले वर्ष उनकी पत्नी बिंदेश्वरी देवी का निधन हो गया था। उनके पुत्र भूपेश बघेल ने अपनी माता का अंतिम संस्कार सनातन धर्म के अंतर्गत पूरे विधिविधान से किया, लेकिन नंद कुमार बघेल ने अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के अंतर्गत अलग से किया।

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