‘पहले विधायक’ समिक भट्टाचार्य को बंगाल भाजपा की कमान,संघ से निकटता भी फली

west bengal kolkata Samik Bhattacharya Appointed As The New President Of West Bengal Bjp To Challenge Mamata Banerjee

पश्चिम बंगाल: राज्य में भाजपा के ‘पहले विधायक’ समिक भट्टाचार्य के हाथों अब संगठन की कमान,संघ निकटता से मिली वरीयता

पश्चिम बंगाल में भाजपा संगठन की कमान राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य संभालेंगे। पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में उनका इकलौता नामांकन हुआ है। ऐसे में अब उनके नाम की औपचारिक घोषणा होना बाकी है। समीक 15 साल के गैप के बाद राज्य में भाजपा के पहले विधायक बने थे।

कोलकाता\नई दिल्ली 02 जुलाई 2025 : पश्चिम बंगाल में भाजपा संगठन की कमान राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य संभालेंगें। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में उनका इकलौता नामांकन हुआ है इसलिए अब उनके नाम की औपचारिक घोषणा बाकी है। समीक 15 साल के अंतराल के बाद राज्य में भाजपा के पहले विधायक बने थे और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ बैकग्राउंड का और संघ से करीबी का उन्हें फायदा मिला। राज्य में विधानसभा चुनाव होने में एक साल से भी कम का वक्त बचा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में समीक की असली परीक्षा होगी।

समिक भट्टाचार्य का संघ कनेक्शन?

समिक का संघ का बैकग्राउंड है और वे अभी पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद हैं। वे बसिरहाट दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से 2014 से 2016 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा के पहले विधायक रहे। इससे पहले 1999 में बडाल भट्टाचार्य अशोकनगर सीट से जीते थे जिसके बाद से समीक के जीतने तक पश्चिम बंगाल में भाजपा का कोई विधायक नहीं था।

40 सालों से भाजपा में हैं समीक

भाजपा के एक नेता ने कहा कि समिक भट्टाचार्य शुरुआती दिनों से ही भाजपा के साथ जुड़े रहे और उस दौर में उन्होंने पश्चिम बंगाल की लेफ्ट सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाला और भाजपा का झंडा उठाया जब कम लोग ही भाजपा में शामिल होते थे। वे 40 सालों से भाजपा में हैं जिसकी वजह से पार्टी ने उन्हें चुना। उन्हें पार्टी में व्यापक रूप से स्वीकार्य चेहरा माना जाता है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि वे पार्टी के भीतर गुटबाजी से ऊपर रहे हैं और संगठन के भीतर उनका कोई खुला विरोध नहीं है।

समिक के आगे चुनौतियां

समिक भट्टाचार्य को नए अध्यक्ष की अपनी भूमिका में पार्टी में अनुशासन भी लाना होगा। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में पार्टी में गुटबाजी काफी बढ़ी थी। विधानसभा चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद तो कई नेताओं ने खुलकर एक दूसरे पर आरोप भी लगाए थे। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से भाजपा को काफी आशा है और राज्य में कानून-व्यवस्था विषय पर लगातार प्रदर्शन कर रही है।

2011 से ही बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार

पश्चिम बंगाल में 2011 से ही ममता बनर्जी की सरकार है। तब टीएमसी ने 34 साल पुराना लेफ्ट का किला ढहा कर पहली बार सत्ता हासिल की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिम बंगाल की दो सीटें जीती और तब से ही वहां अपनी पकड़ मजबूत करने को लगातार कोशिश कर रही है। 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को तीन सीटें मिली लेकिन वोट शेयर 10 पर्सेंट रहा, जो भाजपा का उत्साह बढ़ाने को काफी था।

गत चुनाव में कैसा रहा प्रदर्शन?

2019 के लोकसभा चुनाव में तो भाजपा ने 42 सीटों में से 18 सीटें जीती, जो भाजपा का पश्चिम बंगाल में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा। हालांकि 2021 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी सत्ता बचाने में सफल रही। लेकिन भाजपा 77 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 12 सीटें ही जीत पाई। लेकिन लेफ्ट और कांग्रेस की स्थिति देखते हुए अभी तो ये लग रहा है कि पश्चिम बंगाल में मुख्य मुकाबला टीएमसी और भाजपा में हो सकता है।

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