धामी कैबिनेट की पहली बैठक में ही समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव, रूपरेखा को उच्च स्तरीय समिति
उत्तराखंड: धामी कैबिनेट की पहली बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का प्रस्ताव पास, उच्च स्तरीय कमेटी तैयार करेगी ड्राफ्ट
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमने चुनाव से पहले कहा था कि यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। कमेटी ड्राफ्ट तैयार करेगी और इस यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड को लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 44 में राज्य को इसकी पावर है। मंत्रिमंडल ने तय किया है कि जल्द ही इसे लागू करेंगे।
देहरादून 24 मार्च।पहली कैबिनेट बैठक में पार्टी संगठन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सरकार का दृष्टि पत्र सौंपा। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और प्रदेश महामंत्री अजेय कुमार ने मुख्यमंत्री को दृष्टि पत्र सौंपा। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि जनता ने भाजपा और भाजपा के दृष्टि पत्र पर भरोसा किया है और सरकार उस पर पूरी तरह से खरी उतरेगी।
उन्होंने कहा कि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व मे मंत्रिमंडल के सदस्य राज्य को तरक्की की दिशा मे ले जाने के लिए अधिक ऊर्जा से कार्य करेंगे। कहा कि हमने जो संकल्प प्रदेश की देवतुल्य जनता के समक्ष रखे थे, उन पर जनता ने सहमति देते हुए अपना आशीर्वाद दिया। राज्य सरकार जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प बद्ध है। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट व सभी कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहे।
आर्टिकल 44 में राज्य को पावर
वहीं मुुुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमने चुनाव से पहले कहा था कि यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। हमारा राज्य दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से भी लगा है। ऐसे में जरूरी है कि उत्तराखंड में ऐसा कानून हो जो सभी के लिए समान हो। समाज, विधि विशेषज्ञ को मिलाकर हम एक समिति बनाएंगें।
यह कमेटी ड्राफ्ट तैयार करेगी और इस यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड को लागू करेंगे। आर्टिकल 44 में राज्य को इसकी पावर है। मंत्रिमंडल ने तय किया है कि जल्द ही इसे लागू करेंगे। गोवा के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जो यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लाएगा। बताया गया कि विधानसभा सत्र का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल के पास है।
पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की बुनियाद डाल दी है। नई कैबिनेट की पहली बैठक में गुरुवार को संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। यह कमेटी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश की अध्यक्षता में बनेगी। धामी ने चुनाव से ठीक पहले मतदाताओं से प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था।
कैबिनेट बैठक के बाद विधानसभा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। उत्तराखंड हिमालय और गंगा का प्रदेश है। इसकी एक अपनी धार्मिक विरासत है। सैन्य बहुल राज्य है। उत्तराखंड दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगा है। ऐसे में यहां जरूरी है कि ऐसा कानून लागू किया जाए, जो सभी के लिए एक समान हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए संविधान में भी व्यवस्था है। इसे लागू न किए जाने को लेकर समय-समय पर कोर्ट भी नाराजगी जता चुका हैं। अन्य राज्यों से भी अपेक्षा है कि वो भी अपने यहां समान नागरिक संहिता को लागू करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 12 फरवरी 2022 को चुनाव के बीच में घोषणा की थी कि सरकार आने पर राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। उस दौरान विपक्ष ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया था। जबकि हम इसे लेकर पहले ही दिन से पूरी तरह गंभीर हैं। ये हमारा संकल्प है और हम इसे लागू करके रहेंगे। सभी धर्मों के लिए एक ही कानून होने से सामाजिक समरसता बढ़ेगी। इससे न केवल जेंडर जस्टिस सुनिश्चित होगा, बल्कि महिलाएं भी सशक्त बनेंगी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, विधायक ऋतु खंडूड़ी, सुरेश चौहान, सुरेश गडिया, शक्तिलाल, शिव अरोरा आदि मौजूद रहे।
विपक्ष पर बोला हमला
सीएम ने कहा कि मुद्दा विहीन विपक्ष जानबूझ कर इस विषय को राजनीतिक रंग दे रहा है। कांग्रेस पार्टी की सोच हमेशा से समाज को बांटने वाली रही है। ये दल कभी नहीं चाहेंगे कि समाज संगठित बने। जबकि भाजपा का मानना है कि ये हम सभी का परम कर्तव्य है कि हम इस राज्य की पहचान को जीवंत बनाए रखें।
जनसंख्या परिवर्तन पर सजग
सीएम ने कहा कि हम अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। किसी भी प्रकार के जनसांख्यिकी परिवर्तन को लेकर सजग हैं। राज्य की एकजुटता बनाए रखने को लेकर हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
ये होंगे कमेटी के सदस्य
रिटायर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। इसके सदस्य रिटायर सीनियर आईएएस, बुद्धजीवी, समाजसेवी समेत समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को बनाया जाएगा। समिति का दायित्व होगा कि वो जल्द से जल्द सभी वर्गों की राय लेकर एक मजबूत कॉमन सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी।
ये है प्रस्ताव
उत्तराखंड राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच की जाएगी। मौजूदा कानून में संशोधन के साथ उस पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से सम्बन्धित लागू कानून और विरासत, गोद लेने और रखरखाव, संरक्षता के लिए समिति ड्राफ्ट तैयार करेगी।
गोवा है एक उदाहरण
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कॉमन सिविल कोड को लेकर हमारे सामने गोवा राज्य एक उदाहरण के रूप में सामने है। अन्य राज्य भी इसे जल्द से जल्द अपने यहां लागू करें। क्योंकि जनभावनाएं भी कॉमन सिविल कोड को लागू करने के पक्ष में हैं। मौजूदा समय में जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, उसमें कॉमन सिविल कोड लागू करना एक जरूरी विषय बन गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, सरकार कॉमन सिविल कोड लागू करने को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है। चुनाव के दौरान इसकी घोषणा की गई थी। सरकार बनने पर पहली ही कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला लेने का ऐलान किया गया था। सरकार ने इस पर अमल किया है। जल्द समिति गठित कर दी जाएगी। विधि विशेषज्ञों से चर्चा कर एक मजबूत ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा।