गुड़गांव: खुले में नमाज विरोध में गोवर्धन पूजा
खुले में नमाज पढ़ने के लिए पाकिस्तान बना है: डा. सुरेंद्र जैन
सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़े जाने के विरुद्ध हिदू संगठनों ने सेक्टर-12ए में जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ते हैं वहां गोवर्धन पूजा का आयोजन कर अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया
खुले में नमाज पढ़ने के लिए पाकिस्तान बना है: डा. सुरेंद्र जैनखुले में नमाज पढ़ने के लिए पाकिस्तान बना है: डा. सुरेंद्र जैन
गुरुग्राम: जिस जगह नमाज पर लगी थी रोक वहां आज VHP ने की गोवर्धन पूजा
गुरूग्राम 05 नवंबर। गुरुग्राम में 37 जगहों पर खुले में नमाज की अनुमति थी लेकिन कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से 8 जगहों पर नमाज की अनुमति रद्द कर दी गई है, उन्हीं में से एक जगह गुरुग्राम के सेक्टर 12 में है जहां पर वीएचपी की तरफ से गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम किया गया।
हरियाणा के गुरुग्राम में जिन 8 जगहों पर खुले में नमाज करने की रोक लगाई गई है उनमें से एक जगह पर आज विश्व हिंदू परिषद ने गोवर्धन पूजा का आयोजन किया है। शहर में पहले 37 जगहों पर खुले में नमाज की अनुमति थी लेकिन कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से 8 जगहों पर नमाज की अनुमति रद्द कर दी गई है, उन्हीं में से एक जगह गुरुग्राम के सेक्टर 12 में है जहां पर शुक्रवार को विश्व हिंदू परिषद की तरफ से गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम किया गया।
गुरुग्राम प्रशासन ने नमाज पढ़ने के लिए निर्धारित की गई 37 तय जगहों में से 8 जगहों को लिस्ट में से हटा दिया गया है। ये 37 जगह हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों की आपसी बैठक के बाद तय की गई थीं। इस हफ्ते मंगलवार को जिला प्रशासन ने गुरुग्राम शहर में तय 37 जगहों में से आठ स्थलों पर नमाज की अनुमति वापस ले ली। गुरुग्राम पुलिस के एक बयान में, अधिकारियों ने कहा कि निर्णय “स्थानीय निवासियों और निवासी कल्याण संघों की आपत्ति” के बाद लिया गया था।
गुरुग्राम पुलिस के उपायुक्त यश गर्ग ने एक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, एक एसीपी-स्तरीय पुलिस अधिकारी, हिंदू और मुस्लिम समुदायों के सदस्यों और सामाजिक संगठनों की एक समिति का गठन किया था, ताकि उन स्थानों की सूची की पहचान की जा सके जहां शुक्रवार की नमाज “भविष्य में” की जा सकती है। गर्ग ने मंगलवार को कहा था, “पिछले दो दिनों में, मैंने दोनों समुदायों के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है। एक समिति का गठन किया गया है और यह आने वाले दिनों में सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगी और समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।”
सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़े जाने के विरुद्ध हिदू संगठनों ने सेक्टर-12ए में जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ते हैं, वहां गोवर्धन पूजा का आयोजन कर अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया। गोवर्धन पूजा का आयोजन संयुक्त हिदू संघर्ष समिति की ओर से किया गया था। इसके माध्यम से शासन-प्रशासन से अपील की गई कि कहीं भी सार्वजनिक स्थान पर नमाज न पढ़ने दें। चाहे लाठी चले या फिर गोली, किसी भी कीमत पर हिदू संगठन सार्वजनिक स्थानों पर नमाज नहीं पढ़ने देंगे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे विश्व हिदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डाक्टर सुरेंद्र जैन ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिसे खुले में नमाज पढ़ना है वह पाकिस्तान चला जाए। खुले में नमाज पढ़ने के लिए ही पाकिस्तान बना है। सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ना एक जेहादी फसाद है। जगह पर कब्जा करना मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि 1946 में हुए चुनाव के दौरान 95 फीसद मुसलमानों ने मुस्लिम लीग को वोट किया था। मुस्लिम लीग को वोट देने का मतलब पाकिस्तान के निर्माण का समर्थन करना था। 1947 में देश के विभाजन के दौरान 95 प्रतिशत मुसलमानों को जाना चाहिए था लेकिन केवल 40 प्रतिशत ही गए। जो नहीं गए वे इस देश के कानून के मुताबिक चलें न कि पाकिस्तान के हिसाब से।
गोवर्धन पूजा में शामिल हुए कपिल मिश्र
गुरुग्राम सेक्टर-12ए में जिस जगह पर खुले में हर जुमे नमाज पढ़ी जाती थी, शुक्रवार (5 नवंबर 2021) को उसी जगह पर गोवर्धन पूजा आयोजित की गई। पूजा में दिल्ली भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी शामिल हुए। खुले में नमाज के विरोध में इसका आयोजन संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति की ओर से किया गया था।
इस दौरान मिश्रा ने पटाखे पर बैन की तरफ इशारा करते हुए कहा, “कल दिवाली पर, पूरे देश में हिंदुओं पर बहुत सारे आदेश और फरमान लगाए गए थे। परिणाम क्या हुआ? जितना दबाओगे, जितना अत्याचार करोगे… हम शांतिप्रिय लोग हैं। लेकिन अगर दबाओगे तो वही होगा जो पूरे देश में हुआ है। अगर हमें दीवार पर धकेला जाता है, तो फिर जवाब में एक धक्का तो मारना ही पड़ता है।”
उन्होंने कहा, “अपनी राजनीति के लिए सड़कों का इस्तेमाल न करें। हमने इसे शाहीनबाग में देखा था। उन्होंने सारे रास्ते जाम कर तमाशा किया था। क्या सीएए निरस्त कर दिया गया है? यदि धमनियाँ और तंत्रिकाएँ ब्लॉक हो जाती हैं, तो शरीर की गतिविधियाँ रूक जाती हैं। इसी तरह, अगर सड़कें बंद हो जाती हैं, तो शहर और देश रुक जाता है।”
कपिल मिश्रा ने कहा, “संविधान में सभी को समान अधिकार हैं। सड़कों को अवरुद्ध करना किसी के धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। यह नहीं होना चाहिए। गुड़गाँव एक महानगरीय शहर है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहाँ आप सड़क जाम कर देंगे। आप दिल्ली में ब्लॉक कर देंगे? यह धर्म का अंग नहीं हो सकता… यह देश की अर्थव्यवस्था को रोकने और बाधित करने का एक तरीका है। सड़कों का पहला अधिकार उन लोगों का है जो उन पर चलते हैं या अपना व्यवसाय चलाते हैं या उनका उपयोग कार्यालयों, अस्पतालों, स्कूलों तक पहुँचने के लिए करते हैं। अगर स्थानीय निवासी आपत्ति जताते हैं तो किसी को भी बैठने और सड़क जाम करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है।”
उन्होंने कहा, “मैं कहना चाहता हूँ कि लोगों को अपने धार्मिक स्थलों पर प्रार्थना करनी चाहिए। इस देश में वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीन है वहाँ नमाज अदा करने की व्यवस्था करें। यह मामला सिर्फ गुड़गाँव का नहीं है। इससे सभी परेशान हैं। इसे (पूजा) करने से दूसरों को प्रेरणा मिलेगी कि हमें अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी। हर हफ्ते सड़कों को अवरुद्ध करना दुनिया में कहीं भी स्वीकार्य नहीं है। इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। लोगों को स्कूलों, अस्पतालों, कार्यस्थलों पर जाने से रोकना कोई विकल्प नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं उन लोगों को बधाई देना चाहता हूँ जिन्होंने इन संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। यही है आजादी की असली लड़ाई। वह नहीं जिसके लिए आजादी के नारे लगाए जाते हैं। हमें सड़कों पर आज़ादी से चलने की आज़ादी चाहिए।”
इससे पहले संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने कहा था, “हम पूजा का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें 5000 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद है। प्रार्थना के बाद स्थल पर ढोल और नगाड़े बजाए जाएँगे और प्रसाद का वितरण किया जाएगा। यह शहर के अन्य स्थलों पर भी किया जाएगा या नहीं, इस पर निर्णय बाद में लिया जाएगा। हम सभी सार्वजनिक स्थानों पर नमाज का विरोध करने के लिए अपना आंदोलन जारी रखेंगे।”
बता दें कि हाल ही गुरुग्राम प्रशासन ने 8 स्थानों पर नमाज पढ़ने की अनुमति को रद्द कर दिया था। गुरुग्राम पुलिस के एक बयान में कहा था कि निर्णय स्थानीय निवासियों और निवासी कल्याण संघों की आपत्ति के बाद लिया गया। कथित तौर पर 2018 में प्रशासन की तरफ से नमाज पढ़ने के लिए 37 स्थानों को चिन्हित किया था। जिसको लेकर संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने विरोध जताया था।
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एक माह में शून्य पर लाना है ऐसे सार्वजनिक नमाज स्थल
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने गुरुग्राम में हिदू संगठनों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने के खिलाफ किए जा रहे विरोध को सही ठहराते हुए कहा कि जिन लोगों को विरोध करने पर गिरफ्तार किया गया था, वे धर्मयोद्धा हैं। गुरुग्राम का संदेश पूरे देश में जाएगा। संयुक्त हिदू संघर्ष ने कहा कि मुस्लिम समुदाय ने मान लिया है कि 37 स्थान नमाज पढ़ने के लिए अधिकृत नहीं हैं। जिला उपायुक्त डाक्टर यश गर्ग की उपस्थिति में तय हुआ है कि अगले एक महीने के भीतर 37 स्थान को शून्य पर लाना है यानी एक महीने बाद कहीं भी सार्वजनिक स्थान पर मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज नहीं पढ़ेंगे।
कार्यक्रम को प्रखर वक्ता कपिल मिश्रा, रवि रंजन, संयुक्त हिदू संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक पूर्व सरपंच नत्थू सिंह एवं जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता आर्य समाज के पदमचंद आर्य ने की जबकि संचालन संयुक्त हिदू संघर्ष समिति के प्रवक्ता राजीव मित्तल एवं अनुराग कुलश्रेष्ठ ने किया।
इस मौके पर करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल सिंह अम्मू, विहिप के गुरुग्राम जिलाध्यक्ष अजीत सिंह, जिला मंत्री यशवंत शेखावत, मानेसर जिला मंत्री देवेंद्र सिंह, संयुक्त हिदू संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष ब्रह्मप्रकाश कौशिक, आर्य समाज से कन्हैयालाल आर्य, सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त रणवीर सिंह यादव, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अधिवक्ता विनोद कटारिया, भाजपा नेता नवीन गोयल, बजरंग दल से अभिषेक गौड़, मोनू मानेसर, भारत माता वाहिनी के संस्थापक दिनेश भारती, शिक्षाविद् डा. अशोक दिवाकर, हरियाणा गो सेवा आयोग के सदस्य पूर्ण यादव लोहचब, अंतर्राष्ट्रीय गुर्जर महासभा के प्रदेश महामंत्री धर्मेंद्र फौजी, गगनदीप चौहान, रामबहादुर सिंह, अरुण चतुर्वेदी, राजेश पटेल, सुशील सौदा, अधिवक्ता अंजू रावत नेगी, शरद जिदल, प्रतिमा मनचंदा, अलका अग्रवाल सहित काफी संख्या में लोग शामिल हुए।