हरिद्वार कुंभ मेला 2021: केंद्र सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश
Haridwar Kumbh Mela 2021: केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइंस, श्रद्धालु इन बातों का रखें ध्यान
हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. गाइडलाइन के मुताबिक महाकुंभ में आने वाले सभी भक्तों और श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
देहरादून: केंद्र सरकार ने हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ को लेकर अमरनाथ यात्रा का उदाहरण देते हुए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि वो मेले में ऐसे हेल्थ केयर वर्कर को ही ड्यूटी पर तैनात करें, जिन्हें वैक्सीन दे दी गई हो. साथ ही कुंभ मेले में ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
केंद्र सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक महाकुंभ में आने वाले सभी भक्तों और श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इसके साथ ही कोरोना नेगेटिव मेडिकल सर्टिफिकेट लाना भी जरूरी होगा. गाइडलाइन में गर्भवती महिलाओं, 65 साल से अधिक उम्र के लोगों, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को महाकुंभ में नहीं आने के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है. साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज से मेडिकल सर्टिफिकेट लाना भी अनिवार्य होगा। केंद्र सरकार का मानना है कि चूंकि महाकुंभ में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में एहतियात बरतना जरूरी है।
हरिद्वार महाकुंभ को लेकर केंद्र सरकार ने एसओपी जारी कर दी है.महाकुंभ 2021 को लेकर केंद्र सरकार से जारी एसओपी में कई महत्वपूर्ण निर्णय के लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया गया है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश के मुताबिक एसओपी को राज्य सरकार संशोधित कर सोमवार को प्रदेश के लिए जारी करेगी.
कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद विश्व में हो रहे सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2021 के आयोजन के स्वरूप को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. लेकिन भारत सरकार से जारी एसओपी के बाद कुंभ के आयोजन को लेकर कुछ हद तक स्थिति स्पष्ट हो पाई है. भारत सरकार द्वारा जारी की गई SOP में कुंभ के आयोजन को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं और इनमें से कई अहम विषयों के लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया गया है. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कुंभ को लेकर SOP जारी कर दी गई है. जिसमें कई सारे विषयों के लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया गया है. जिस पर राज्य सरकार चिंतन करेगी और सोमवार को इस SOP को संशोधित करके राज्य में लागू कर दिया जाएगा.
महाकुंभ में इन दिशा-निर्देशों का करना होगा पालन
उत्तराखंड सरकार अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन और अनिवार्य मेडिकल सर्टिफिकेशन के नियमों का पालन करेगी.कुंभ आने वाले सभी श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी.उत्तराखंड सरकार को सभी राज्य सरकारों को यह बताना होगा और इसका भरपूर प्रचार करना होगा कि सभी श्रद्धालुओं के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट (यात्रा के दिन से 72 घंटे पहले हुए टेस्ट) लानी अनिवार्य होगी, वरना उन्हें कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.श्रद्धालु टेस्ट रिपोर्ट की हार्ड कॉपी और रिपोर्ट अपने मोबाइल फोन में भी रख सकते हैं.श्रद्धालुओं को उत्तराखंड सरकार के पास रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.अपने राज्य में नज़दीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/ जिला अस्पताल/ मेडिकल कॉलेज से मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से लाना होगा.अगर कोई श्रद्धालु ऊपर बताए गए स्वास्थ्य केंद्रों से अनिवार्य मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं ला पाता है तो उसे कुंभ में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाए.उत्तराखंड सरकार को इस सबके बारे में पहले से ही सभी राज्यों को विस्तार से बताना होगा. यह स्पष्ट करना होगा कि अतिसंवेदननशील (65 साल से अधिक उम्र वाले, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से छोटे बच्चे, जिन्हें गंभीर बीमारियां हैं) मरीजों को आने से रोकना होगा.राज्य सरकार के ऐसे कर्मचारी को गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें किसी भी फ्रंटलाइन काम में नहीं लगाना चाहिए, जिसमें सीधे लोगों से संपर्क हो.
कोविड-19 के खतरे को कम करने के लिए सामान्य सार्वजनिक स्वास्थ्य के उपायों का पालन करना होगा. सभी को हर समय इन उपायों को ध्यान रखना होगा.
जहां तक संभव हो सके सार्वजनिक स्थलों पर लोगो को कम से कम 6 फ़ीट की दूरी बनाए रखनी होगी.फ़ेस कवर/मास्क अनिवार्य होंगे. सरकार के निर्धारित दाम पर प्रवेश स्थलों और पार्किंग स्थल में मास्क डिस्पेंसिंग कियॉस्क लगाने होंगे. जो लोग मास्क खरीदने में सक्षम न हों, उनके लिए मुफ़्त में मास्क बांटने के प्रावधान किया जाना चाहिए.बिना फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले लोगों का चालान किया जाएगा.पब्लिक यूटिलिटी एरिया में हाथ धोने के स्टेशन्स बनाने अनिवार्य होंगे, जिनमें पानी और साबुन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी. पैर से चलने वाले नल और कॉन्टेक्टलेस सोप डिस्पेंसर रखने भी अनिवार्य होंगे.श्वास संबंधी शिष्टाचार का पालन अनिवार्य होगा. इसका अर्थ यह हुआ कि खांसते/छींकते समय मुंह और नाक को टिश्यू/ रुमाल से ढकने या कोहनी मोड़कर मुंह-नाक को ढकने के नियम का सख्ती से पालन करवाया जाएगा. इस्तेमाल किए गए टिश्यू को उचित स्थान पर फेंका जाएगा.सभी को अपने स्वास्थ्य का खुद ध्यान रखना होगा और किसी भी तरह की बीमारी होने पर जल्द से जल्द राज्य और ज़िले की हेल्पलाइन को सूचना देनी होगी.मेला क्षेत्र में थूकने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाएगा.सभी को आरोग्य सेतु ऐप को इंस्टॉल करने और उसका इस्तेमाल करने की सलाह भी दी जाएगी.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। कोरोना का नया स्ट्रेन बेहद खतरनाक है। ऐसे में दिव्य और भव्य कुंभ के साथ यात्रियों को सुरक्षित रखना भी सरकार की जिम्मेदारी है। केन्द्र सरकार ने कुंभ मेले के लिए एसओपी जारी कर दी है। एसओपी के आधार पर सभी व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। कुंभ में श्रद्धालुओं को स्वच्छता, अध्यात्म, उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं को बेहतरीन मेल देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि वॉल पेंटिंग, लाइट शो और फसाड़ लाइट से श्रद्धालुओं को एक अलग ही अध्यात्मिक अनुभव मिलेगा। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सभी कुंभ कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता पर विशेष निगरानी रखी जाए। कैबिनेट मंत्री मैदान कौशिक ने कहा कि कुंभ का आयोजन पूरे उत्साह और उमंग के साथ किया जाएगा।
बाहरी लोगों के सत्यापन में जुटी स्थानीय अभिसूचना इकाई
कुंभ शुरू होने से पहले एलआईयू सभी बाहरी लोगों के सत्यापन में जुट गई है। अब तक चार हजार से अधिक लोगों का सत्यापन किया जा चुका है। कुंभ मेला पुलिस सुरक्षा को लेकर किसी तरह से ढील देने की मूड में नहीं है। बाहरी लोगों का सत्यापन कुंभ मेला एलआईयू की ओर से गोपनीय तरीके से किया जा रहा है।
जानकारी जुटाई जा रही है कि संबंधित व्यक्ति कितने वक्त से रह रहे हैं, किसी भी राज्य या जिले का पहचान पत्र है या नहीं। रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, ऋषिकुल समेत दस जगहों पर घुमंतू जाति के लोगों के अलावा होटल, लॉज और धर्मशाला में रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। 23 जनवरी तक कुल 4150 बाहरी व्यक्ति को कुल सत्यापन हो चुका है।
कुंभ मेले के दृष्टिगत एलआईयू कुंभ की ओर से मेला क्षेत्र के साथ ही जिले के अन्य क्षेत्रों में सत्यापन अभियान चलवाया जा रहा है। सत्यापन अभियान लगातार जारी रहेगा।
– संजय गुंज्याल, आईजी, कुंभ मेला पुलिस
तेज हैं तैयारियां
गौरतलब है कि, धर्मनगरी हरिद्वार को महाकुंभ के लिए खूब सजाया और संवारा जा रहा है. जगह-जगह दीवारों पर पेंटिंग्स की जा रही हैं, सड़कों का निर्माण हो रहा है. संत-महात्माओं के लिए टेंटों की व्यवस्था की जा रही है और अब ये भी माना जा रहा है कि 27 फरवरी से कुंभ की शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में प्रशासन के पास महीने भर का वक्त बचा है और कई काम अधूरे भी पड़े हैं.