समय आ गया उत्तराखंड में पांच मंत्री पद भरने का?

Uttarakhand Cabinet expansion in CM Dhami gave indications, five seats are vacant
विधायकों के फिर जागे अरमान: उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार जल्द, मुख्यमंत्री ने दिए संकेत, पांच कुर्सियां हैं खालीं

उत्तराखंड 24 अगस्त 2025। राज्य कैबिनेट में पांच पद खाली चल रहे हैं। इनमें चार पद काफी लंबे समय से खाली हैं, जबकि एक पद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के त्यागपत्र के बाद खाली हुआ है।

उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार जल्द ही हो सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसके संकेत दिए हैं। विस्तार की चर्चाओं से मंत्री पद की दौड़ में शामिल विधायकों के अरमान फिर से जाग गए हैं।

राज्य कैबिनेट में पांच पद खाली चल रहे हैं। इनमें चार पद काफी लंबे समय से खाली हैं, जबकि एक पद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है। भाजपा के विधायक इन पदों के जल्द भरने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कई बार की कसरत के बावजूद अभी तक मंत्रियों के खाली पदों को भरा नहीं जा सका है। भाजपा सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नई दिल्ली दौरे के दौरान उनकी कैबिनेट विस्तार को लेकर शीर्ष नेतृत्व से बातचीत हुई है।

माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व की हरी झंडी के बाद अब जल्द इस संदर्भ में निर्णय लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी रविवार को इसके संकेत दिए हैं। सीएम धामी ने कहा कि इस बाबत हाईकमान से बात चल रही है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कैबिनेट में खाली चल रहे पदों को भरने को लेकर लंबे समय से कवायद चल रही है, अब इन पदों को जल्द भरा जाएगा।

चर्चाओं में इन विधायकों के नाम
कैबिनेट में जिन नए चेहरों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं उनमें विधायक मुन्ना सिंह चौहान.  खजान दास, मदन कौशिक, विनोद चमोली, प्रदीप बत्रा, विनोद कंडारी, भरत चौधरी, , बिशन सिंह चुफाल, राम सिंह कैड़ा आदि समेत कुछ अन्य नाम शामिल हैं।
कैबिनेट विस्तार को लेकर हाईकमान से बातचीत चल रही है। हमारी पार्टी लोकतांत्रित मूल्यों के आधार पर काम करने वाली पार्टी है, इसलिए हाईकमान के निर्देश के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर जल्द निर्णय होने की उम्मीद है।

उत्तराखंड में विधायकों को मिल सकती है जल्द खुशखबरी, कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट तेज – CM PUSHKAR DHAMI DELHI VISIT

उत्तराखंड में राजनीतिक हलचलें तेज है. हलचलों के पीछे कई कारण हैं, जो एक दूसरे से जुड़े हैं. एक के बाद एक आपदाएं, पंचायत चुनाव में गड़बड़ी के आरोप, नैनीताल में अराजकता के बाद विधानसभा सत्र में कांग्रेस के आक्रामक रुख ने कई विषयों को एक साथ जन्म दिया है. वहीं, इन सबके बाद दिल्ली में भाजपा के तमाम बड़े नेताओं की बैठक की तस्वीरों ने सबका ध्यान खींचा.

दिल्ली बैठक में गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी मौजूद ही नहीं थे तो त्रिवेंद्र रावत भी बैठक में आए और तुरंत चले गए. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की कथित नाराजगी को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम दावे किए जा रहे थे कि कल त्रिवेंद्र रावत और अनिल बलूनी की प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम के साथ एक और फोटो सामने आई. इसके बाद राजनीतिक चटकारे लेने वालों को एक और विषय मिल जाता है.

हालांकि, दिल्ली बैठक में अनिल बलूनी और त्रिवेंद्र रावत को लेकर जो भी बातें कही जा रही थी, उस पर अब भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि ऐसा कुछ नहीं है, पहले दिन इन दोनों नेताओं के पास समय नहीं था. त्रिवेंद्र रावत अपनी उपस्थिति लगाने आते हैं. फिर अपने व्यस्त कार्यक्रम की जानकारी देते हैं और वहां से निकल जाते हैं. उसे सोशल मीडिया पर कुछ और ही तरीके से परोसा जा रहा है.

दिल्ली प्रवास पर मुख्यमंत्री धामी ने जो कहा: शनिवार देर शाम दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में  हिमाद्री आइसस्केटिंग में एशियाई ओपन आइस स्केटिंग चैंपियनशिप का समापन करने पहुंचे तो वहीं इसके बाद सीधे आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर आपदा से नुकसान और बचाव की समीक्षा की. उन्होंने आपदा को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए.

इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से बातचीत की। जब उनसे दिल्ली प्रवास को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि दिल्ली में सब बढ़िया है और अच्छा है. उन्होंने बताया कि दिल्ली प्रवास में सबसे पहले उनकी खेल मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया से मुलाकात हुई. क्योंकि, प्रदेश में राष्ट्रीय खेल हुए थे और उसके बाद वे उनसे मिल नहीं पाए थे.

केंद्रीय खेल मंत्री से किया अनुरोध: इस कारण उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया से भेंट की. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में खेल यूनिवर्सिटी बन रही है. ऐसे में खेल मंत्री से अनुरोध किया गया कि स्पेशल एक्सीलेंस सेंटर अलावा अन्य स्पोर्ट स्ट्रक्चर भी उत्तराखंड में बनाया जाए.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी की मुलाकात: वहीं, इसके अलावा सीएम धामी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात की. उन्होंने बताया कि ऊर्जा मंत्री ने आरडीएसएस योजना के तहत ऋषिकेश में 500 करोड़ और हरिद्वार में भी बची हुई बिजली की लाइनों को अंडरग्राउंड करने के लिए मंजूरी दी है. ताकि, आने वाले कुंभ में इसका लाभ मिल सके.

आपदा से नुकसान को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मिले मुख्यमंत्री धामी : इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी भेंट की. साथ ही उत्तरकाशी के धराली में आपदा से सड़कों और पुलों को  नुकसान की जानकारी साझा की. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि गंगोत्री हाईवे बहुत दिनों से बंद है. इसमें सहयोग करें.

कैबिनेट विस्तार पर जल्द फैसला: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी क्योंकि दिल्ली दौरे से लौटे हैं तो लिहाजा उनसे कैबिनेट विस्तार को लेकर भी सवाल पूछा जाना स्वाभाविक है. इसके जवाब में सीएम धामी कहा कि कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चाएं चल रही है. क्योंकि, पार्टी सभी लोगों से मिलजुल कर और लोकतांत्रिक तरीके से फैसला लेती है. इसलिए, उच्च स्तर पर इसके लिए विचार चल रहा है. मिलजुल कर सभी के फीडबैक के बाद इस पर कोई फैसला लिया जाएगा.

उत्तराखंड में लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं चल रही है तो वहीं कई विधायक ऐसे हैं, जो कि मंत्रिमंडल में जगह को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं. उत्तराखंड में मंत्रिमंडल कोटे की बात करें तो 8 मंत्रियों, 3 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समेत 1 मुख्यमंत्री यानी कुल 12 लोगों का कोटा है.

धामी मंत्रिमंडल के गठन समय मंत्रिमंडल –

धन सिंह रावत
सतपाल महाराज
प्रेमचंद अग्रवाल
चंदन राम दास
सुबोध उनियाल
गणेश जोशी
रेखा आर्या
सौरभ बहुगुणा
धामी सरकार के इस तीन साल के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन और प्रेमचंद अग्रवाल के त्यागपत्र के बाद अब कैबिनेट के 2 पद और खाली हो गए. इसके बाद चंदन राम दास के पास मौजूद महत्वपूर्ण इंडस्ट्री डिपार्मेंट और प्रेमचंद अग्रवाल के पास मौजूद वित्त, हाउसिंग डिपार्टमेंट भी मुख्यमंत्री के पास है.

इस तरह से प्रदेश में मौजूद करीब 72 विभागों में से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास 40 विभाग हैं. जिनकी वे अकेले जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो एक तरफ मुख्यमंत्री का भार कम होगा तो दूसरी तरफ इन विभागों को एक फुल टाइम मंत्री मिलेगा और भाजपा संगठन में भी विधायकों को प्रमोशन मिलेगा.

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