हिंदू नाम रख अपराध कर्म में लिप्त है बांग्लादेशी
हिंदू नाम रखकर वारदातों को अंजाम दे रहे बांग्लादेशी मुसलमान, जानें- किस तरह चढ़े पुलिस के हत्थे
हिंदू नाम रखकर वारदातों को अंजाम दे रहे बांग्लादेशी मुसलमान, जानें- किस तरह चढ़े पुलिस के हत्थेमध्य प्रदेश में भी फेरी वाले बनकर चोरी और लूटपाट कर रहे
पूछताछ में इसका संबंध बांग्लोदश से मिलने पर पुलिस ने इसका मोबाइल फोन ट्रेस किया है। इसमें यह बात सामने आयी है कि फरार आरोपित गोविंदा का मोबाइल बंगाल जाते ही बंद हो जाता है और तीन से चार दिन बाद फिर बंगाल में ही चालू होता है।
राजनांदगांव, 22जून। छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशी मुसलमान हिंदू नाम रखकर चोरी और लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसका पर्दाफाश जिले में चोरी के आठ आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद हुआ है। ये राजनांदगांव के अलावा कबीरधाम, बेमेतरा, मुंगेली और धमतरी सहित कई जिलों में फेरी में बर्तन बेचने की आड़ में सूने मकानों की रेकी कर वारदात को अंजाम देते थे। सभी का संबंध बांग्लादेश से है। उनका मास्टरमाइंड आरोपित गोविंदा उर्फ अकरम खान फरार है।
पुलिस अधीक्षक डी. श्रवण ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने फरजान (22 वर्ष) पिता मसूद खान, सुमंत खंडोकार (19 वर्ष) पिता अब्दुल अव्वल, मो. मकसूद उर्फ कालू (33 वर्ष) पिता मोहम्मद असलम अली, मोहम्मद जानी अली (26 वर्ष) पिता मोहम्मद रहमत अली, मोहम्मद सुमंत खान (20 वर्ष) पिता स्वर्गीय मोहम्मद सलाम खान, मासूम शेख (28 वर्ष) पिता अमीर शेख, मोहम्मद बादोल उर्फ बादल राय (20 वर्ष) पिता जायेद उल उर्फ रंजीत राय और ज्वेलर्स संचालक विकास सोनी (20 वर्ष) को गिरफ्तार किया है।
मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में भी हैं ये बांग्लादेशी मुस्लिम
पूछताछ में इसका संबंध बांग्लादेश से मिलने पर पुलिस ने इसका मोबाइल फोन ट्रेस किया है। इसमें यह बात सामने आयी है कि फरार आरोपित गोविंदा का मोबाइल बंगाल जाते ही बंद हो जाता है और तीन से चार दिन बाद फिर बंगाल में ही चालू होता है। गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि इनके कुछ लोग मध्य प्रदेश के इंदौर और अनूपपुर में भी हैं।
गंभीर बात यह है कि आठ में से एक आरोपित मोहम्मद अबू बकर सिद्दीकी उर्फ आकाश यादव ने महासमुंद (छत्तीसगढ़) के तोषगांव में नाम बदलकर आधार कार्ड तक बना लिया है। वह यहां एक विधवा से शादी रचाकर घर जमाई के रूप में रह रहा था। गांव के लोगों को भी उसके बांग्लादेशी या बंगाल से होने की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपित नाम बदलकर अलग-अलग जगह किराये में रहते थे और वारदात को अंजाम देने के बाद भाग जाते थे।