साध्वी प्रज्ञा का आत्मरक्षा का आव्हान आपत्तिजनक और सांप्रदायिक कैसे?
साध्वी प्रज्ञा ने क्या मुस्लिमों के खिलाफ कुछ कहा? आत्मबचाव किसी के विरुद्ध कदम कैसे हुआ, वायरल वीडियो पर सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछा!
December 27, 2022
Sonali Mishra
रविवार को भोपाल की भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कर्नाटक में हिंदू जागरण वेदिका’ के दक्षिण क्षेत्र के वार्षिक समारोह में लव जिहाद से बचाव की बात की और देखते ही देखते लिबरल मीडिया, लिबरल पत्रकार, एजेंडा पत्रकार आदि सभी उसे मुस्लिमों के विरुद्ध कहते हुए यह स्थापित करने के लिए मैदान में उतर आए कि साध्वी प्रज्ञा मुस्लिमों के जीनोसाइड की बात कर रही हैं।
जबकि उस वायरल वीडियो को यदि पूरा सुना जाए तो उस वीडियो में साध्वी प्रज्ञा ने किसी भी समुदाय का उल्लेख नहीं किया है। thesouthfirst.com की पत्रकार ने लिखा कि आतंक की आरोपी भाजपा की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नाटक में अपने भाषण के दौरान मुस्लिमों को मारने की बात करती हुई दिखाई दीं। उन्होंने कहा कि “हथियार घर पर रखो। अगर सब्जी सही से काटी जा सकती है तो दुश्मनों के सिर भी काटे जा सकते हैं।
वायरल वीडियो में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कहीं न कहीं यही बात रखती हुई नजर आ रही हैं कि लव जिहाद करने वालों को सही उत्तर देना आना चाहिए। अपनी लड़कियों को सुरक्षित रखो, अपनी लड़कियों को संस्कारित रखो।” फिर उन्होंने कहा कि अपने घर में सब्जी काटने वाले चाकुओं को तेज रखो!”
इस पूरे वीडियो में जिसे इस झूठे दावे के साथ साझा किया है कि मुस्लिमों के जीनोसाइड की बात की गयी है, उसमें मुस्लिम या किसी भी अन्य मत का नाम नहीं है। बस आत्मरक्षा की बात की गयी है। उन्होंने हर्षा की हत्या की बात की। जिसकी हत्या सरे शाम कर्नाटक में जिहादी तत्वों ने कर दी थी।
Terror case-accused @BJP4India MP from Bhopal Pragya Singh Thakur calls for killing of Muslims during her speech in Karnataka on Sunday during Hindu Jagarana Vedike's event. "Keep weapons at home. Keep them sharp. If veggies can be cut well, so can the enemy's head," she says. pic.twitter.com/AoDgOpNbXv
— Anusha Ravi Sood (@anusharavi10) December 26, 2022
क्या इस वायरल वीडियो से कहीं भी यह निकलकर आ रहा है कि साध्वी प्रज्ञा ने मुस्लिमों को मारने की बात की है? यदि उन्होंने नाम लिया होता तो उसका विरोध हर किसी ओर से होता, परन्तु क्या यह सत्य नहीं है कि हर्षा को सरेशाम मार डाला गया था? क्या यह सत्य नहीं है कि लव जिहाद में हिन्दू लड़कियों की हत्याएं हो रही हैं? लव जिहाद को लेकर कई बातें होती हैं, परन्तु लव जिहाद में मारी गयी लड़कियों पर बात करना एक मजहब विशेष के खिलाफ कैसे हुआ?
क्या अपनी बेटियों के विषय में बात करना मुस्लिमों की हत्या की बात करना है? अभी हाल ही में जब तुनिषा शर्मा और शीजान वाले मामले को लेकर जो विवाद हुआ है, उसमें एक बहस में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने इसकी परिभाषा बताते हुए कहा है कि केवल पहचान छिपाकर निकाह करना ही नहीं, बल्कि किसी भी प्रकार से दूसरे मजहब में लाने के लिए मानसिक, शारीरिक, यौन शोषण करके विवश करना भी जबरन धर्म परिवर्तन की श्रेणी में आएगा
Love Jihad सिर्फ़ पहचान छिपाकर धोखा देना नहीं होता। जानिए इसकी परिभाषा यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह जी से। pic.twitter.com/4MQTNMwxZC
— Shubhankar Mishra (@shubhankrmishra) December 26, 2022
अब यदि हिन्दू समाज इस विषय में बात करेगा तो क्या वह मुस्लिम विरोधी होगा? नहीं! लिब्रल्स द्वारा ऐसा वातावरण क्यों बनाया जा रहा है कि लव जिहाद पर बात ही न हो पाए? दिनों दिन मरती हुई हिन्दू लड़कियों पर बात ही न की जाए?
इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने आपत्ति व्यक्त’ करते हुए लिखा
अपने मालिकों को संतुष्ट करने के लिए गलत अनुवाद क्यों? किसी ने भी मुस्लिमों की हत्या की बात नहीं की है!
False translation to pander to your masters? Nowhere has she "call for the killings of Muslims." Why do you lie?https://t.co/S2AWGVK3Gj
— Sankrant Sanu सानु संक्रान्त ਸੰਕ੍ਰਾਂਤ ਸਾਨੁ (@sankrant) December 26, 2022
वहीं एक यूजर ने डीएमके प्रवक्ता के एक भाषण के समाचार को ट्वीट करते हुए लिखा कि क्या इस विषय में आपकी कोई चिंता है या फिर आप सिलेक्टिव ही गुस्सा होती हैं! दरअसल कुछ दिन पहले ही डीएमके प्रवक्ता ने पेरियार की इस बात को दोहराते हुए लिखा था कि ब्राह्मणों को मारना चाहिए
Any comments or ur concern is selective or too scared to talk or theek hai brahmin ko hi marna hai? pic.twitter.com/eheUMI3i3H
— FakeUpperCaste (@FakeUpperCaste) December 26, 2022
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, वैसे ही लव जिहाद की घटनाओं पर चुप्पी साधने वाली लॉबी यह कहते हुए हमलावर हो गयी कि साध्वी प्रज्ञा घृणा फैलाने वाला भाषण कर रही हैं। अभी श्रद्धा वाकर, तुनिषा शर्मा एवं रिबिका पहाड़िया जैसी लड़कियों के मामले पाठकों की स्मृति में हैं और ईसाई मत में कन्वर्ट हुई नीलकुसुम की देह पर पेचकस के ५१ दाग भी स्मृति में ताजा है, ऐसे में साध्वी प्रज्ञा यदि आत्मरक्षा की बात करती हैं तो वह मजहब विशेष के विरुद्ध कैसे हो गया?
नुपुर शर्मा के विरुद्ध जिस प्रकार का हिंसक आन्दोलन किया गया था, उसका विरोध करने के लिए भी यह लॉबी नहीं आई थी। क्योंकि उनका हिंसक विरोध भी कहीं न कहीं शांतिपूर्ण ही प्रदर्शित किया जाता है! एक यूजर ने लिखा कि
हालांकि वायर जैसे पोर्टल्स ने मुस्लिम जैसे शब्दों को नहीं लिखा और यही रिपोर्ट किया कि साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि “हथियार घर पर रखो, उन्हें नुकीला रखो, अगर सब्जी काटी जा सकती हैं, तो दुश्मनों के सिर भी!” परन्तु वायर ने इसे भड़काऊ भाषण मानते हुए लिखा है कि अभी तक पुलिस ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कोई कार्यवाही शुरू नहीं की है! वहीं भड़काऊ इसमें क्या है, यह अभी तक कोई नहीं बता रहा है, और लोग ट्विटर पर यही प्रश्न कर रहे हैं कि आखिर इसमें भड़काऊ क्या है?
इसे भड़काऊ, मुस्लिम विरोधी अवश्य बताया जा रहा है, परन्तु आत्मरक्षा कब से अपराध हो गया, यह नहीं बताया जा रहा है! वहीं कांग्रेस के नेता तहसीन पूनावाला ने इस सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराई है एवं पुलिस से एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है।
वहीं सोशल मीडिया पर लोग यह प्रश्न पूछ रहे हैं कि इसमें मुस्लिम कहाँ बोला गया है? परन्तु एजेंडा फैलाने एवं हिन्दुओं को बदनाम करने की जल्दी में शायद यह कहानी बना दी गयी है! साध्वी प्रज्ञा पर एक ऐसा विमर्श बनाया जा रहा है, जैसे लव जिहाद से अपनी बेटियों को बचाना अपराध है! यही उस विमर्श की शक्ति है जो हिन्दुओं के विरुद्ध पसरा हुआ है!
इसी बीच एक यूजर का कांग्रेस के राज्यसभा सांसद का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है जिसके विषय में हालांकि सेक्युलर और लिब्रल्स पूरी तरह से चुप्पी साधे हैं, परन्तु इस वीडियो में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद एवं शायर इमरान प्रतापगढ़ी यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि
“अगर मरना पड़े तो ४-६ को मार कर मरना!”
समस्या यही है कि इमरान प्रतापगढ़ी जैसे लोग, जो शायरी में चार-छ को मारने की बात करते हैं, उसी कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं, जो साध्वी प्रज्ञा को लेकर हमलावर है। यदि वह जुल्मियों के खिलाफ बात कर रहे हैं तो साध्वी प्रज्ञा भी लव जिहादियों के खिलाफ बात कर रही हैं! परन्तु यही विमर्श की शक्ति है कि साध्वी प्रज्ञा पर सारी सेक्युलर जमात और यहाँ तक इमरान प्रतापगढ़ी की कांग्रेस प्रश्न उठा सकते हैं, परन्तु इमरान प्रतापगढ़ी को शायर कहकर आजादी दे दी जाती है!
विमर्श कहीं न कहीं यह बनाया जा रहा है कि हिन्दू लड़कियां तो मारी जाएं, परन्तु उनकी हत्याओं का इसलिए विरोध न हो क्योंकि ऐसा करने से इस्लामोफोबिया फैलता है! विमर्श कहीं न कहीं यही उत्पन्न हो रहा है कि हर्षा के जैसे हिन्दू युवाओं की हत्या तो हो जाए, परन्तु उसके बहाने पीएफआई पर बात न हो! तुनिशा शर्मा की मृत्यु को आत्महत्या बताकर दफना दिया जाए और शीजान से यह तक न पूछा जाए कि सच क्या है? श्रद्धा वाकर की हत्या पर आंसू बहाए जाएं, परन्तु यह बताया जाए कि कथित पढ़े लिखे आफताब को भी यह सब करके इसलिए अफ़सोस नहीं है क्योंकि उसे जन्नत में हूरें मिलेंगी!