स्टीविया/शूगर प्लांट है चीनी से कई गुणा मीठा लेकिन मधुमेह में निर्दोष
How To Grow Stevia Or Sugar Plant In Pot At Home According To Gardening Expert Anju Singh
‘चीनी से 30 गुना मीठी हैं इस पौधे की पत्तियां’ चर्बी काटने के आती हैं काम, गमले में उगाने का जानें आसान तरीका
क्या आपने एक ऐसे प्लांट के बारे में सुना है, जिसकी पत्तियां चीनी से 30 गुना मीठी होती हैं। अच्छी बात है कि इसे गमले में भी आसानी से उगाया जा सकता है। दरअसल गार्डनिंग एक्सपर्ट अंजू सिंह एक ऐसे ही पौधे की जानकारी दी है, जिसकी पत्तियां अपने मीठेपन की वजह से मशहूर है।
Authored by: रितु साहू
गार्डनिंग शौक रखने वाले लोगों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। घर को खूबसूरत दिखाने के साथ एलिगेंट लुक देने के लिए एक से बढ़कर एक इंडोर प्लांट लगा रहे हैं। सजावटी और फूल वाले प्लांट्स से साथ-साथ उपयोगी पौधे लगाने का पसंद करने लगे हैं। छत को किचन गार्डन बनाकर सब्जियां उगा रहे हैं और जड़ी-बूटी वाले प्लांट्स को भी तवज्जो दे रहे हैं।
अच्छी बात है कि इस तरह के पौधे ना सिर्फ घर को बेहतरीन लुक देते हैं बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में भी काम आते हैं। इस बीच यूनिक फार्मिंग सोशल मीडिया चैनल से गार्डनिंग एक्सपर्ट अंजू सिंह ने एक खास पौधे के बारे में जानकारी शेयर की है। इस पौधे की सबसे बड़ी खासियत है कि ये चीनी से 30 गुना मीठा होता है और गमले में आसानी से उगा सकते हैं।
कौन सा पौधा है इतना विशेष
दरअसल इस पौधे का नाम स्टीविया है, जिसे शुगर प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्राकृतिक स्वीटनर है, जो चीनी से कई गुना मीठा होता है, लेकिन इसमें कैलोरी बिल्कुल नहीं होती है। ये शुगर के मरीजों के लिए काम आता है और वजन कम करने में भी मदद करता है। बता दें, स्टीविया में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट गुण के साथ कैल्शियम, जिंक, आयरन, फास्फोरस, कॉपर, मैगनीज आदि जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।
घर में स्टीविया पौधे की प्लांटिंग करने के लिए बहुत अधिक पैसे भी खर्च नहीं होते हैं, ऐसे में कोई भी इस प्लांट को उगा सकता है। अंजू सिंह ने इसे चीनी से गुना मीठा बताते हुए कहा कि स्टीविया की पत्तियां सुखाकर उसका पाउडर बना सकते हैं। जिसे चाय, दही, लस्सी या किसी भी स्वीट डिश के लिए आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
मिट्टी और गमले का सिलेक्शन
स्टीविया की कटिंग या बीज को गमले में उगाने के लिए सबसे पहले आप एक मीडियम साइज का अच्छी जल निकासी वाला गमला ले लें। अब 50% कोको-पीट और 50% वर्मीकम्पोस्ट को अच्छी तरह मिला लें। इस पॉटिंग मिक्स को गमले में भर लीजिए। आप चाहें तो पॉटिंग मिक्स अपने हिसाब से भी बना सकते हैं, बस ध्यान रहे कि मिट्टी उपजाऊ पर अच्छी जल निकासी वाली हो।
कटिंग से स्टीविया का पौधा यू उगाएं
एक हेल्दी स्टीविया प्लांट से लगभग 4-6 इंच लंबी कटिंग लें। इसमें कम से कम 2-3 नोड होने चाहिए और नीचे की पत्तियों को हटा दें। अब कटिंग को मिट्टी में 1-2 इंच गहरा लगाएं, सुनिश्चित करें कि कम से कम एक नोड मिट्टी के नीचे हो। तुरंत पानी देने के बाद हल्की धूप वाली जगह पर रखें। इसकी मिट्टी को नम रखना है लेकिन पानी जमा न होने दें।
आप चाहें तो कटिंग को सीधे पानी से भरे जार में उगाना भी आसान है। ध्यान रहे कि नोड पानी में डूबी हो। जार को धूप वाली जगह पर रखना होगा। कुछ हफ्तों में ही जड़ें निकलनी शुरू हो जाएंगी।
गार्डनिंग एक्सपर्ट ने बताई खासियत
बीज से पौधा उगाने का तरीका
स्टीविया के बीज बहुत छोटे होते हैं और अंकुरित होने में समय लेते हैं, तो इस प्रोसेस में थोड़ी मुश्किल आ सकती है। आपको अच्छी गुणवत्ता वाले पॉटिंग मिक्स में 1/4 इंच गहराई में बीज को बोना है। मिट्टी को लगातार नम रखें और गमले को प्लास्टिक रैप से ढककर गरमाहट दें। बीजों को अंकुरित होने में 2-3 सप्ताह लग सकते हैं,अंकुरित होने के बाद प्लास्टिक हटा दें। पौधे 3-4 इंच के हो जाएं तो बड़े गमले में शिफ्ट कर सकते हैं।
पौधे की देखभाल करना जरूरी
स्टीविया प्लांट को कम से कम 6 घंटे की सीधी धूप पसंद होती है। आपकी यहां सीधी धूप नहीं आती तो रोशनी वाली जगह पर गमला रखें।
मिट्टी को नम रखने के चक्कर में ज्यादा पानी ना दें। जब ऊपरी परत सूखे तब ही सिंचाई करें और सर्दियों में पानी कम दें।
हर कुछ महीनों में जैविक खाद या वर्मीकंपोस्ट डाल सकते हैं ताकि पौधे को पर्याप्त पोषण मिलता रहे।
जब पौधा 6-8 इंच लंबा हो जाए तो पत्तियों की कटाई शुरू कर सकते हैं। ऊपर से पत्तियों को तोड़ने से पौधा और घना होता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे इंस्टाग्राम वीडियो और इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। हम इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेते है।
Stevia: डायबिटीज के मरीज चीनी की जगह स्टेविया खा सकते हैं या नहीं? जानिए इस स्वीटनर के फायदे और नुकसान
Stevia: डायबिटीज के मरीज चीनी की जगह स्टेविया खा सकते हैं या नहीं? जानिए इस स्वीटनर के फायदे और नुकसान
Stevia Leaves: डायबिटीज के मरीजों को अक्सर चीनी के विकल्प की तलाश रहती है, इसके लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करना सही विकल्प नहीं है, लेकिन क्या स्टेविया का उपयोग किया जा सकता है?
Stevia As Sugar Substitute: टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए चीनी जहर के समान है, अगर आपने इसका ज्यादा सेवन किया तो ब्लज शुगर लेवल अचानक बढ़ जाएगा. मधुमेह के रोगी मिठास के लिए बाजार में मिलने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई रिसर्च से साबित हुआ है कि इससे भी सेहत बिगड़ सकती है. ऐसे में आजकल लोग स्टेविया का काफी उपयोग कर रहे हैं, लेकिन ये डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित है भी या नहीं. इसके लिए हमने मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट ‘निखिल वत्स’ (Nikhil Vats) से बात की.
क्या है स्टेविया?
स्टेविया एक शुगर सब्सटीट्यूट है जिसे स्टेविया प्लांट के पत्तों से तैयार किया जाता है, ये सफेद चीनी के मुकाबले 100 से 300 गुणा मीठा होता है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट, कैलोरी और आर्टिफिशियल इंग्रेडिएंट्स नहीं होते, हालांकि हर किसी को इसका स्वाद पसंद आए ये जरूरी नहीं है. कई लोगों ये मेंथॉल जैसा लगता है. हालांकि आप चाय में इसे मिलाकर पी सकते हैं.
स्टेविया के फायदे
स्टेविया मेडिकल स्टोर में मिलने वाले बाकी आर्टिफिशियल स्वीटनर के अलग है क्योंकि ये नेचुरल प्रोडक्ट है, इस पौधे को आप घर के गमले में लगा सकते हैं. साउथ अमेरिका और एशिया में स्टेविया के पत्तों का इस्तेमाल काफी सालों से चाय और रेसेपीज में मिठास लाने के लिए किया जा रहा है.मार्केट में स्टेविया पाउडर और लिक्विड फॉर्म में मिल जाएगा. हालांकि कुछ लोग मिलावटी स्टेविया भी बेचते हैं जिससे सतर्क रहने की जरूरत है.
स्टेविया के नुकसान
मशहूर न्यूट्रीशनिस्ट निखिल वत्स ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों के लिए स्टेविया के बेहतर विकल्प जरूर है, लेकिन इसके नुकसान पर भी गौर किया जाना जरूरी है, क्योंकि मार्केट में स्टेविया के नाम पर मिलावटी चीजें धड़ल्ले से बेची जाती है, इसमें बेकिंग सोडा के साथ आर्टिफिशियल स्वीटनर और कैलोरी युक्त स्वीट कैफीन शामिल हैं. स्टेविया का सबसे प्योर फॉर्म है स्टेवियोसाइज (Stevioside), जिसका इस्तेमाल सुरक्षित माना जाता है. बाजार से स्टेविया खरीदने से पहले आप किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें, वरना सेहत को नुकसान हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

