आईआईटी रुड़की के’नेशनल सोशल समिट 2021′ ने दिया समृद्ध सामाजिकता का संदेश
धूमधाम से संपन्न हुआ आईआईटी रुड़की का दो दिवसीय सांस्कृतिक समारोह एनएसएस 2021
रुड़की, 30 मार्च 2021: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की (आईआईटी-आर) ने धूमधाम के साथ अपना प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम ‘नेशनल सोशल समिट 2021’ मनाया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस दो दिवसीय समारोह का आयोजन 27 व 28 मार्च 2021 को किया गया। इस वर्ष के आयोजन का विषय‘एनवीज़निंग बेटर हेल्थकेयर एवोल्यूशन’ था,जिसका उद्देश्य रियल वर्ल्ड सोशियो-मेडिकल समस्याओं के लिए समाधान निकालना,उत्साही लोगों के एक समुदाय का निर्माण करना और वृहत प्रभाव पैदा करने का जश्न मनाना था।
ऑनलाइन समारोह का समापन खालसा एड के फाउंडर और सीईओ श्री रवि सिंह के विदाई संबोधन के साथ हुआ। समारोह में भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉक्टर रोडेरिको ऑफरिन,आईसीएमआर के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर,एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, आईआईटी रुड़की के डायरेक्टर प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी और आईआईटी रुड़की के डिप्टी-डायरेक्टर प्रोफेसर मनोरंजन परिदा समेत अन्य गणमान्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
इस अवसर पर खालसा एड के फाउंडर और सीईओ श्री रवि सिंह ने कहा, “नेशनल सोशल समिट 2021 जैसे पहल हमें यह विश्वास दिलाता है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहां से हैं और हमारी पेशेवर पृष्ठभूमि क्या है, एक मनुष्य के रूप में हम लगातार बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए मानवीय प्रयास कर रहे हैं। खालसा एड की अवधारणा एक मानवीय अवधारणा है जहां हम सभी को खाना खिलाते हैं और सभी को समान मानते हैं। हम दुनिया के ऐसे क्षेत्र से आते हैं जहां हमारी राजनीति अलग है, लेकिन आध्यात्मिकता में हमारा विश्वास एक समान गहरा है। हम मनुष्यों को उनकी आस्था के आधार पर नहीं बल्कि उन्हें उनकी स्थितियों के आधार पर आंकते हैं। एक इंसान सिर्फ एक इंसान है और सभी इंसान अच्छे हैं। यदि कोई बेहतर काम करना चाहता है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर अस्पतालों, स्वच्छता या पर्यावरण से संबंधित मुद्दों के लिए तो हम उन्हें आर्थिक सहयोग दे सकते हैं।”
दो-दिवसीय सांस्कृतिक समारोह में ‘द अनचार्टेड टेरीटरी ऑफ जेनेटिक इंजीनियरिंग’, ‘प्रीपेयरिंग फॉर द नेक्स्ट पेंडेमिक’, ‘इन सर्च ऑफ आरोग्य-स्वराज’, ‘शुड इंडिया लीगेलाइज इट्स टू चाइल्ड पॉलिसी?’, ‘बिल्डिंग बैक बेटर: अ पैथ फॉर इकोनॉमिक रिकवरी’ समेत कई विषयों पर मजबूत संवाद और पैनल चर्चा देखी गई। इसके अलावा ऑनलाइन हेल्थ वर्कशॉप और स्ट्रैट-ए-थॉन, सोशियोथॉन, केस-स्टडी, ट्रेजर हंट, पॉलिसी केस कंपीटीशन समेत कई गतिविधियां और प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई।
इस अवसर पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी ने कहा,“दुनिया के अधिकांश मनुष्य स्वाभाविक रूप से अच्छे हैं और श्री रवि सिंह का यह प्रेरक संदेश आने वाले समय में भी हमारे दिमाग में गूंजता रहेगा। इस वर्ष, हमारी एनएसएस टीम ने सामाजिक दृष्टिकोण के महत्व को सामने लाकर इस समारोह को एक पायदान ऊपर उठाया है। हम सड़क सुरक्षा,मानसिक कल्याण और रक्तदान जैसे मुद्दों को तकनीकी पहलू से देखते हैं,लेकिन हमें इसे सही सामाजिक मूल्यों को विकसित करने के प्रयास के साथ जोड़ना होगा।“
इस वर्ष, इस कार्यक्रम का आयोजन यूनेस्को और नीति आयोग के सहयोग से किया गया। इसके अलावा इसमें नॉलेज और टेक्निकल पार्टनर के रूप में डबल्यूएचओ कंट्री ऑफिस, इंडिया व फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (एफ़पीएआई), इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और द सेंटर फॉर डीजीज डायनामिक, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी (सीडीडीईपी) का सहयोग रहा।
आईआईटी रुड़की के उप-निदेशक प्रोफेसर मनोरंजन परिदा ने कहा, “जब हम उच्च शिक्षा संस्थानों में काम करते हैं, तो हम मानते हैं कि सभी छात्र अच्छे हैं और समान मानसिकता के साथ कक्षाओं में प्रवेश करते हैं। प्रारंभिक चरण सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि तब आप अपना भविष्य तय करते हैं। ये सम्मेलन बहुत उपयोगी साबित होंगे और छात्र अपनी भावनाओं और उत्साह के साथ चीजों को आगे ले जाएंगे।”
इस वर्ष एक कदम आगे बढ़ते हुए, एनएसएस आईआईटी रुड़की ने अपने वार्षिक समारोह का यह संस्करण कोविड-19 के खतरों से जूझ रहे डॉक्टरों, नर्सों और सोशल सर्विस वर्कर्स समेत स्वास्थ्य कर्मियों को समर्पित किया। इस समारोह में सीडीडीईपी की साउथ एशिया हेड डॉक्टर ज्योति जोशी, सोशल एक्टिविस्ट अभय बंग, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद की पूर्व सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि, अंतर्राष्ट्रीय एथलीट व एशियाई कांस्य पदक विजेता सुश्री सोनाली स्वामी और आयुष्मान भारत की पूर्व सीईओ डॉक्टर इंदु भूषण समेत कई लोगों की उपस्थिति रही।