यमुना में अवैध खनन में एमएलसी महमूद अली समेत तीन पर 50 करोड़ जुर्माना
पूर्व एमएलसी महमूद, इनाम व अमित से 50 करोड़ की वसूली के आदेश
यमुना नदी में अवैध खनन कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के मामले में एनजीटी ने पूर्व एमएलसी महमूद अली अमित जैन व मोहम्मद इनाम पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए उत्तर प्रदेश व हरियाणा को धनराशि की वसूली करने के लिए कहा है
पूर्व एमएलसी महमूद, इनाम व अमित से 50 करोड़ की वसूली के आदेश
सहारनपुर, 14 मार्च। यमुना नदी में अवैध खनन कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के मामले में एनजीटी ने पूर्व एमएलसी महमूद अली, अमित जैन व मोहम्मद इनाम पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए उत्तर प्रदेश व हरियाणा को धनराशि की वसूली करने के लिए कहा है। एनजीटी की चार सदस्यीय खंडपीठ ने 10 मार्च को धनराशि की वसूली के आदेश उत्तर प्रदेश सरकार व हरियाणा के प्रमुख सचिव को जारी किए हैं।
पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के मामले में रणवीर सिंह ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। एनजीटी ने वर्ष 2016 में यमुना नदी का सीना छलनी कर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने के मामले में पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के परिजनों और अन्य साझीदारों सहित उनकी 13 फर्मों को दोषी माना था। एनजीटी. ने अपने 146 पेज के आर्डर में महमूद अली, मोहम्मद इनाम, वाजिद अली, विकास अग्रवाल और अमित जैन पर 50-50 करोड़ रुपये पांचों पर कुल 250 करोड़ रुपये का अर्थ दंड लगाया था। जिला प्रशासन ने आनन फानन में वसूली की कार्रवाई भी शुरू कर दी थी उसी बीच यह लोग एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गए थे। 18 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में 250 करोड़ रुपये से जुड़े महमूद अली, मोहम्मद इनाम, वाजिद अली, विकास अग्रवाल और अमित जैन में से रिट नंबर 7484/2016 में वाजिद अली व विकास अग्रवाल को राहत देते हुए इन्हें बाहर निकाल दिया था। महमूद अली और अमित जैन को दोषी माना था और अर्थदंड की राशि को 50 करोड़ माना था। इसके बाद यह लोग हाईकोर्ट गए जहां से इस पर स्टे चल रहा है। उसके बाद इस मामले में रणवीर सिंह ने रिट दायर की थी। जिस पर एनजीटी ने तीनों से 50 करोड़ की वसूली के आदेश उत्तर प्रदेश सरकार व हरियाणा सरकार को दिए हैं।
इनका कहना है…
इस मामले में एनजीटी का आदेश शुरू से ही गलत तरीके से पेश किया गया है। एनजीटी ने पर्यावरण को क्षति पहुंचाने का दोषी मानते हुए पांचों लोगों की फर्म पर कुल 50 करोड़ का अर्थदंड लगाया था। फर्म में जिसकी जितनी हिस्सेदारी है उसे उसके हिसाब से अर्थदंड अदा करना है। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए तो वहां सुप्रीम कोर्ट ने वाजिद अली व विकास अग्रवाल को बाहर निकाल दिया था। उस नाते अब तीन लोगों से 30 करोड़ की वसूली की जानी है। इसमें से 15-15 करोड़ रुपये हरियाणा व उत्तर प्रदेश में जमा होना है। इस बार पर ही वर्ष 2019 से हाईकोर्ट का स्टे है। आरोपित अर्थदंड की वसूली की बात कहकर कोई भी एनजीटी में चला जाता है लेकिन एनजीटी को यह नहीं बताते कि इस मामले में हाईकोर्ट का स्टे है।
-अमित जैन।
हमें भी इसकी जानकारी हुई है परंतु कोई नोटिस नहीं मिला है। कोर्ट खुलने पर वकील से सलाह लेने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।-
महमूद अली पूर्व एमएलसी।