अविस्मरणीय: अल्पकाल में परिवहन पर छाप छोड़ गए चंदनराम दास
Uttarakhand Cabinet Minister Chandan Ram Das Funeral Created History In A Short Tenure
Chandan Ram Das: रुला गया मुश्किलों को मुस्कुराते हुए दूर करने का अंदाज, छोटे से कार्यकाल में बनाया इतिहास
देहरादून 27 अप्रैल। प्रदेशभर में आज बड़ी संख्या में बस अड्डों का आधुनिकीकरण का काम हो रहा है। निगम की खाली पड़ी परिसंपत्तियों का इस्तेमाल कर कमाई बढ़ाई जा रही है। अपनी इन उपलब्धियों के लिए मंत्री चंदन रामदास सदैव याद किए जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास को अंतिम विदाई
परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल हो या विभिन्न मुद्दों पर परिवहन व्यावसायियों के विरोध। माहौल गर्म हो या हालात कितने भी मुश्किल। परिवहन मंत्री चंदन रामदास मुस्कुराते हुए हर समस्या का हल निकाल देते थे। विभागीय मंत्री के तौर पर इस छोटे से कार्यकाल में कई उपलब्धियां उनके खाते में दर्ज होकर इतिहास बन गईं।
परिवहन निगम में कर्मचारी संगठनों की हड़ताल आम रहती थी। परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने उनकी समस्याएं सुनी। उनका हल निकालने के लिए काम किया। राज्य गठन के बाद से परिवहन निगम लगातार घाटे में चल रहा था। परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने इस पर खास तवज्जो दी। परिवहन निगम की उत्तर प्रदेश में मौजूद संपत्तियों का विवाद खत्म कराया।
इससे निगम को 200 करोड़ से ऊपर मिले। बसों के संचालन पर फोकस बढ़ाया। आज परिवहन निगम पहली बार लाभ में काम कर रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सालों से अटके हुए देयकों का भुगतान हो गया है। मंत्री चंदन रामदास ने अब निगम को अपने खर्च से ही आधुनिकीकरण के ट्रैक पर चला दिया था।
इन उपलब्धियों के लिए सदैव याद किए जाएंगे दास
देहरादून में रोडवेज वर्कशॉप का निर्माण निगम अपने खर्च से कर रहा है। इसी प्रकार, मंत्री ने रोडवेज बस अड्डों के आधुनिकीकरण पर पुरजोर काम किया है। प्रदेशभर में आज बड़ी संख्या में बस अड्डों का आधुनिकीकरण का काम हो रहा है। निगम की खाली पड़ी परिसंपत्तियों का इस्तेमाल कर कमाई बढ़ाई जा रही है। अपनी इन उपलब्धियों के लिए मंत्री चंदन रामदास सदैव याद किए जाएंगे।
ये भी पढ़ें…Uttarakhand News: कर्मचारी भविष्य निधि का अंशदान नहीं देने वाले संस्थानों से करोड़ों की वसूली, पढ़ें पूरी खबर
इसी प्रकार, जब कभी परिवहन कारोबारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते, विरोध करते तो परिवहन मंत्री चंदन रामदास उनकी भी हर बात को गौर से सुनते और मुस्कुराते हुए उसका हल निकाल देते थे। पिछले सप्ताह परिवहन मुख्यालय में हुई बैठक में मंत्री के सामने जीपीएस डिवाइस की अनिवार्यता का मसला उठा तो उन्होंने कहा कि पिछले साल सभी को राहत दी गई थी। परिवहन व्यावसायी फिर राहत की मांग करने लगे तो फिलहाल उन्हें दोबारा राहत दे दी गई। जिसके बाद फटाफट ग्रीन कार्ड बने और चारधाम यात्रा शुरू हो गई। हर समस्या का हंसते हुए सामना करने का उनका अंदाज बुधवार को उनके निधन के साथ सभी परिवहन अधिकारियों, कारोबारियों, संगठनों को रुला गया।