कानपुर लव जिहाद: 11 को जेल, एस आई टी को नहीं मिले षड्यंत्र के सबूत

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कानपुर लव जिहाद में SIT ने दाखिल की रिपोर्ट, जेल गए 11 लड़के, किसी साजिश के सबूत नहीं
प्रवीन मोहता |
कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल के अनुसार, कुल 11 केस में 13 लड़कियां शामिल थीं। इनमें 3 लड़कियां बालिग थी जिन्होंने अपनी मर्जी से शादी की। बचे केस में 8 लड़कियां नाबालिग हैं।

कानपुर 24 नवंबर। कानपुर में कथित लव जिहाद के मामलों पर बनाई गई एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट फाइल कर दी है। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल के अनुसार, कुल 11 केस में 13 लड़कियां शामिल थीं। इनमें 3 लड़कियां बालिग थी जिन्होंने अपनी मर्जी से शादी की। बचे केस में 8 लड़कियां नाबालिग हैं। इन लड़कियों के शारीरिक शोषण में शामिल सभी 8 लड़के जेल भेजे गए हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की तैयारी चल रही हैं। पिछले दिनों कानपुर से सबसे अधिक कथित लव जिहाद के केस दर्ज किए गए थे। आईजी ने बताया कि जांच में किसी संगठन या देश के अंदर-बाहर से फंडिंग के कोई सबूत नहीं मिले हैं।

तीन लड़कों ने बदले थे नाम

तीन केस ऐसे मिले जिनमें लड़कों ने अपने नाम बदले थे। इनमें फतेह खान आर्यन मल्होत्रा, ओवैस ने बाबू और मुख्तार अहमद ने अपना नाम राहुल सिंह रखा। मुख्तार अहमद ने राहुल नाम से आधार कार्ड तक बनवा लिया था।

लव जिहाद में किसी साजिश के सबूत नहीं

जांच में जूही एरिया के 4 लड़के आपस में एक दूसरे से जुड़े मिले हैं। ये चारों आपस में फोन पर बात करते थे। हालांकि ओवरऑल किसी साजिश के प्रमाण नहीं मिले हैं। शुरुआत में पुलिस के पास कथित लव जिहाद के 6 मामले आए थे जो बढ़कर 14 तक पहुंच गए।

उत्तर प्रदेश में आएगा लव जिहाद के खिलाफ कानून

बता दें कि यूपी में लव जिहाद पर कानून लाने की चर्चा है। इसके तहत जबरन धर्मांतरण पर पांच साल तथा सामूहिक धर्मांतरण कराने के मामले में 10 साल तक की सजा का प्रावधान किए जाने की तैयारी है। यह अपराध गैरजमानती होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपराधिक मानसिकता जबरन धर्मांतरण के मामले को लेकर कड़ा कानून बनाने की घोषणा की थी, जिसके बाद गृह विभाग ने लव जिहाद को लेकर अध्यादेश का मसौदा तैयार किया है।

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