कुंभ मेला क्षेत्र अधिसूचना जारी,एसओपी के अक्षरशः पालन का दबाव

देहरादून 25 मार्च। प्रदेश सरकार ने विधिवत तौर पर हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र की अधिसूचना जारी कर दी है। कुंभ मेला अवधि एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच ही रहेगी। हरिद्वार कुंभ मेला यूं तो मकर संक्रांति से शुरू हो चुका है। लेकिन कोरोना के कारण पैदा हालात के चलते प्रदेश सरकार ने अब तक मेला का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था। अब करीब तीन महीने की देरी के बाद, गुरुवार को शहरी विकास विभाग ने मेला क्षेत्र को अधिसूचित कर दिया है।

सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक कुंभ अवधि एक से 30 अप्रैल के बीच ही रहेगी। अधिसूचना में कुंभ अवधि और भौगोलिक क्षेत्र को ही स्पष्ट किया गया है। कुंभ क्षेत्र में मुख्य रूप से हरिद्वार और ऋषिकेश नगर निगम के साथ ही मुनि की रेती नगर पालिका, स्वर्गाश्रम नगर पंचायत के साथ ही हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिले की कुछ ग्राम सभायें शामिल है।

कुंभ क्षेत्र की सीमा

उत्तर – नीरगढ़, तपोवन, विट्ठल आश्रम मार्ग, नरेंद्र नगर मुनिकी रेती मार्ग तक।
पश्चिम – नरेंद्र नगर- ऋषिकेश बाईपास, देहरादून- ऋषिकेश मार्ग वन चौकी तक, हरिद्वार बाईपास, हरिद्वार हाईवे, हिल बाईपास, मंशादेवी मंदिर, बीएचईएल आवासीय कॉलोनी, हरिद्वार- दिल्ली मार्ग पर 13 किमी तक।
दक्षिण – बहादराबाद गांव, हरिद्वार बाईपास मार्ग पर सीतापुर गांव की सीमा तक, हरिद्वार- ऋषिकेश बाईपास पर रेलवे पुल तक, जियापोता गांव से गंगा पार करते हुए नजीबाबाद मार्ग पर सिद्ध सोत तक।
पूरब – चंडी देवी मंदिर, चीला मार्ग, चीला नहर होते हुए वीरभद्र बैराज, लक्ष्मणझूला- दुगड्डा मार्ग पर पीपलकोटी तक, पैदल मार्ग से होते हुए नीलकंठ मंदिर तक ।

अब लागू होंगे मानक

केंद्र सरकार कुंभ मेले में कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से लागू करने के निर्देश दे चुकी है। अब विधिवत कुंभ मेला अधिसूचित होने के बाद आगामी स्नान पर राज्य सरकार को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। तब तक चूंकि सरकार ने विधिवत नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था, इस कारण पूर्व में आयोजित स्नान पर मानक लागू नहीं हो पाए थे। अब 12 और 14 अप्रैल को क्रमश साोमवती अमावस्या और बैशाखी के दो प्रमुख शाही स्नान पड़ रहे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने चेताया कुपरिणामों को

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कुंभ के मद्देनजर कोरोना बढ़ने की आशंका को लेकर सावधान किया। पत्र के अनुसार हरिद्धार में आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बेहद कम है जिसे तुरंत आईएमआर के मानकों के अनुरूप बढ़ाया जाना चाहिए। अभी हरिद्वार में सिर्फ 5 हजार आटीपीसीआर एवं 50 हजार एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं।

स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में हाल में हरिद्वार के दौरे से लौटे केंद्रीय दल की चिंताओं का भी उल्लेख किया है। साथ ही कोरोना के संभावित खतरे की रोकथाम को सख्त कदम उठाने को कहा है।
पत्र में कहा गया कि हरिद्वार में कुंभ मेले में चिकित्सा तथा जन स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक के नेतृत्व में केंद्र सरकार के एक दल ने 16-17 मार्च के बीच हरिद्वार का दौरा किया था। पत्र मे कहा गया है कि पिछले कुछ समय से देश के 12 प्रमुख राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी का रुझान दिखा है। इन राज्यों से भी लोग कुंभ में आएंगे इसलिए कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है।


मंत्रालय ने कहा कि कुंभ मेले में पवित्र शाही स्नान के बाद स्थानीय लोगों में संक्रमण बढ़ने की आशंका है। सचिव ने यह भी कहा कि केंद्रीय दल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिदिन 10-20 तीर्थयात्रियों और 10-20 स्थानीय लोगों के रोज संक्रमित होने की जानकारी मिल रही है। संक्रमण की यह दर मामलों में वृद्धि की आशंका बढ़ाती है क्योंकि कुंभ के दौरान अधिक संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है।

पत्र में कहा गया है कि हरिद्वार में प्रतिदिन हो रही 50 हजार रेपिड एंटीजेन टेस्ट और 5 हजार आरटीपीसीआर जांच हो रही है। यह तीर्थयात्रियों की संभावित संख्या देखते हुए अपर्याप्त है। साथ ही यह भी कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बेहद कम है। इसे आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बढ़ाने की जरूरत है। इसमें 70 प्रतिशत आरटी पीसीआर और 30 फीसदी एंटीजन टेस्ट होने चाहिए। इससे तीर्थ यात्रियों में कोरोना की सही जांच हो सकेगी। बता दें कि एंटीजन टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट मान्य नहीं होती है
पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी एसओपी के पालन, लोगों को कोरोना जैसे लक्षणों की स्थिति में स्वत: सूचित करने को प्रेरित करने,संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों की स्वत: पहचान का तंत्र विकसित करने,शाही स्थान से पूर्व अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की कोरोना जांच सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।


पत्र में कहा गया कि यदि इस दौरान तेजी से संक्रमण के मामले आते हैं तो नए प्रकार के कोरोना वायरस की जांच के लिए पाजीटिव नमूनों को तुरंत जीनोम सिक्वेंसिंग को चिह्नित प्रयोगशालाओं को भेजा जाए। दरअसल, देश में अब तक 400 से ज्यादा मामले ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिणी अफ्रीकी कोरोना प्रकार के मिल चुके हैं।

कुंभ के लिए SOP जारी, कोविड की RT-PCR जांच जरूरी,साथ लाएं जरुरी कागजात

​उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ के लिए 28 फरवरी को एसओपी जारी कर दी थी। अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम या धर्मशाला में प्रवेश के समय अपने मूल राज्य, जिला या तहसील के स्वास्थ्य केंद्र की ओर से निर्धारित फॉर्मैट में जारी कोरोना वायरस फिटनेस प्रमाण पत्र देना होगा। गंगा स्नान के लिए आने वालों को हरिद्वार आने से 72 घंटे पहले तक कोरोना वायरस की आरटी-पीसीआर तरीके से की गई ‘निगेटिव’ जांच रिपोर्ट दिखानी होगी।

उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ के लिए एसओपी जारी कर दी है। महापर्व के दौरान गंगा स्नान के लिए आने वाले लोगों को हरिद्वार आने से 72 घंटे पहले तक कोरोना वायरस की आरटी-पीसीआर तरीके से की गई ‘निगेटिव’ जांच रिपोर्ट दिखानी होगी। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस संबंध में 22 जनवरी को दिशा-निर्देश जारी किए थे।
उन्होंने बताया कि केंद्र के ही दिशा-निर्देशों के आधार पर एसओपी तैयार की गई है। श्रद्धालुओं को महाकुंभ मेला- 2021 के वेबपोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा जिसके बाद उन्हें ई-पास या ई-परमिट जारी किया जाएगा। कुंभ में आने वाले हर जन को हरिद्वार आने से 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर की कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी होगा।

फिटनेस सर्टिफिकेट, ई-पास, निगेटिव रिपोर्ट रखें साथ

इसके अलावा, अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम या धर्मशाला में प्रवेश के दौरान अपने मूल राज्य, जिला या तहसील के स्वास्थ्य केंद्र से निर्धारित फॉर्मैट में जारी कोरोना वायरस फिटनेस प्रमाण पत्र देना होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि श्रद्धालु अपनी जांच रिपोर्ट, फिटनेस प्रमाणपत्र और ई-पास अपने मोबाइल फोन में या उनकी मूल कॉपियां रख सकते हैं जिससे सत्यापन के दौरान मांगे जाने पर उन्हें दिखाया जा सके।

उत्तराखंड सरकार की बाकी राज्यों से अपील, SOP का ज्यादा से ज्यादा करें प्रचार

सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे कुंभ से संबंधित इन एसओपी का प्रचार करें ताकि आने से पहले श्रद्धालुओं में कोई भ्रम की स्थिति न रहे। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि कुंभ की ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मिंयों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को प्राथमिकता से कोविड टीके लगाए जाएं। ओमप्रकाश ने कहा कि अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर छह फुट की शारीरिक दूरी रखने, मास्क लगाने और बार-बार हाथ सैनेटाइज करने जैसी सावधानियां बरतने को कहा गया है।

एक अप्रैल से हो रहा कुंभ प्रारंभ, मेले के दौरान लागू रहेगी एसओपी

कुंभ में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध यात्रा परामर्श के अलावा इस एसओपी का पालन भी करना होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि एसओपी का उल्लंघन होने पर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी। कुंभ मेला क्षेत्र में पार्किंग, घाट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, होटल, गेस्ट हाउस, आश्रम और धर्मशालाओं समेत सभी स्थानों पर कुंभ अवधि के दौरान एसओपी लागू रहेगी। कुंभ मेले के एक अप्रैल को शुरू होने की संभावना है और यह 28 दिन तक चलेगा । कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए इस बार कुंभ की अवधि को छोटा किया जा रहा है।

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