TRP खेला: FIR में रिपब्लिक नहीं , इंडिया टुडे का नाम
फर्जी TRP केस में नया खुलासा:FIR में रिपब्लिक टीवी का नहीं, इंडिया टुडे का नाम; पुलिस ने कहा- गिरफ्तार आरोपी ने रिपब्लिक का नाम लिया था
मुंबई9 घंटे पहले
गुरुवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने प्रेस कॉफ्रेंस में कहा था कि रिपब्लिक टीवी और 2 मराठी चैनल पैसे देकर अपनी TRP बढ़ाने के खेल में शामिल हैं।
TRP यानी टेलिविजन रेटिंग पॉइंट में फर्जीवाड़ा करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। मुंबई में TRP की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनी हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर नितिन देवकर ने भी FIR दर्ज करवाई है। इसकी जो कॉपी सामने आई है उसमें ‘रिपब्लिक’ नहीं बल्कि ‘इंडिया टुडे’ का नाम मेंशन किया गया है।
पुलिस का दावा- गवाह ने रिपब्लिक टीवी का नाम लिया
FIR की कॉपी सामने आने के बाद मुंबई पुलिस ने सफाई दी है। मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर (क्राइम) मिलिंद भरांबे ने बताया कि हंसा की FIR में इंडिया टुडे का नाम जरूर था, लेकिन गिरफ्तार किए गए एक आरोपी ने पूछताछ में रिपब्लिक टीवी और 2 मराठी चैनलों का नाम लिया था। अभी तक जो जांच हुई है उस आधार से इन तीन चैनलों के खिलाफ सबूत मिले हैं। हमारी जांच अभी भी जारी है। अगर किसी भी चैनल के खिलाफ सबूत मिलता है तो जांच उसी हिसाब से आगे बढ़ेगी।
गुरुवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी और 2 मराठी चैनल फर्जी TRP हासिल करने के खेल में शामिल थे। वे पैसे देकर TRP बढ़ा रहे थे। इस मामले में मुंबई पुलिस ने 2 मराठी चैनलों के मालिक समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। (पूरी खबर यहां पढ़ें)
पुलिस ने शुक्रवार को रिपब्लिक टीवी के कंसल्टिंग एडिटर प्रदीप भंडारी को समन भेजा है। चैनल के मालिक अर्नब गोस्वामी, प्रमोटर्स और कुछ दूसरे लोगों को भी समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। कमिश्नर ने गुरुवार के इसके संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि जांच का दायरा बढ़ने पर कुछ और लोगों को समन किया जा सकता है।
हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर नितिन देवकर ने 6 अक्टूबर को FIR करवाई थी। यह उसकी कॉपी है।
कैसे चल रहा था TRP का खेल?
मुंबई पुलिस ने गुरुवार को बताया कि जांच में सामने आया कि जिनके घरों में TRP मीटर लगे हैं, उन्हें पैसे देकर दिनभर एक ही चैनल देखने के लिए कहा जाता था। कुछ ऐसे घरों का पता चला है जो बंद थे, उसके बावजूद अंदर टीवी चलते थे। इन घरों के मालिकों को चैनल या एजेंसी की तरफ से रोजाना 500 रुपए तक दिए जाते थे। मुंबई में मीटर लगाने का काम हंसा एजेंसी को दिया हुआ था। इस एजेंसी के कुछ लोगों ने चैनल के साथ मिलकर यह खेल किया। जांच के दौरान हंसा के पूर्व कर्मचारियों ने सीक्रेट डेटा भी शेयर किया।
गुरुवार को कमिश्नर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मुंबई पुलिस ने 3 पेज की प्रेस रिलीज जारी की थी। यह उसका आखिरी पेज है, जिसमें रिपब्लिक का नाम लिखा है।
रिपब्लिक टीवी ने कहा- कमिश्नर के खिलाफ केस करेंगे
चैनल के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, “मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं, क्योंकि हमने सुशांत सिंह राजपूत केस में उनकी जांच पर सवाल उठाए थे। रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस करेगा। पालघर केस हो, सुशांत मामला हो या फिर कोई और मामला…रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टिंग के चलते ही यह कार्रवाई की गई है। BARC ने अपनी किसी भी रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी का जिक्र नहीं किया है, ऐसे में परमबीर सिंह का यह कदम पूरी तरह उन्हें एक्सपोज कर रहा है। उन्हें आधिकारिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। वे अदालत में हमारा सामना करने के लिए तैयार रहें।”