अमेरिकन स्टेट विजिट पर मोदी भारत के तीसरे नेता और दूसरे प्रधानमंत्री
PM मोदी के दौरे का सारा खर्चा अमेरिका का, राष्ट्रपति से ही बुलावा… जानें ‘स्टेट विजिट’ में क्या-क्या होता है खास
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बुलावे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंच गए हैं. ये पहली बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी के राजकीय दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री हैं जो अमेरिका की स्टेट विजिट पर गए हैं. ऐसे में जानते हैं कि स्टेट विजिट क्या होती है और इसमें क्या खास होता है?
प्रधानमंत्री मोदी पहली बार अमेरिका की स्टेट विजिट पर हैं.
नई दिल्ली,21 जून 2023,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ साल में छठी बार अमेरिका के दौरे पर हैं. लेकिन इस बार ये दौरा इसलिए बेहद खास है, क्योंकि वो ‘स्टेट विजिट’ पर हैं.
स्टेट विजिट यानी जिसका न्योता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से आया है. ये दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि मोदी दूसरे ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्हें अमेरिका ने स्टेट विजिट यानी राजकीय दौरे पर आमंत्रित किया है. मोदी से पहले 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह अमेरिका की स्टेट विजिट पर गए थे.
अब तक अमेरिका तीन बार भारतीय नेताओं को स्टेट विजिट के लिए आमंत्रित कर चुका है. पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णनन पहले भारतीय नेता थे, जिन्हें अमेरिका ने स्टेट विजिट पर बुलाया था. राधाकृष्णनन 1963 में 3 से 5 जून तक राजकीय दौरे पर थे. उनके बाद मनमोहन सिंह और अब प्रधानमंत्री मोदी को स्टेट विजिट पर बुलाया गया है.
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लेकिन ऑफिशियल स्टेट विजिट यानी राजकीय दौरे का मतलब क्या होता है? और स्टेट विजिट को बाकी दूसरे दौरों की तुलना में क्यों सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है? समझते हैं…
क्या होती है स्टेट विजिट?
अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, स्टेट विजिट को हाई रैंकिंग वाला दौरा कहा जाता है. वो इसलिए क्योंकि इसका न्योता खुद अमेरिकी राष्ट्रपति की कलम से लिखा जाता है.
जैसा कि इस बार राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी को स्टेट विजिट पर बुलाया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन के बुलावे पर अमेरिका गए हैं
स्टेट विजिट में क्या-क्या होता है?
स्टेट विजिट के दौरान कई तरह के कार्यक्रम होते हैं. खुद अमेरिकी राष्ट्रपति मेहमान देश के नेता की मेजबानी करते हैं. इस यात्रा पर होने वाला सारा खर्च अमेरिका ही उठाता है.
22 जून को प्रधानमंत्री मोदी जब वॉशिंगटन पहुंचेंगे तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन उनका स्वागत करेंगे. उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी को 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. इस दौरान अमेरिकी सेना का बैंड भारत और अमेरिका के राष्ट्रगान की धुन बजाएगी.
स्टेट विजिट में अमेरिकी राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस में स्टेट डिनर रखा जाता है. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, उनकी पत्नी जिल बाइडेन और पीएम मोदी एक ही टेबल पर बैठकर खाना खाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी के लिए व्हाइट हाउस में 22 जून को स्टेट डिनर है. इस डिनर में जो कुछ बनेगा, उसकी जिम्मेदारी मशहूर शेफ नीना कर्टिश को दी गई है. नीना कर्टिश कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो की प्लांट बेस्ड शेफ हैं. प्रधानमंत्री मोदी के लिए खासतौर पर शाकाहारी मेन्यू डिनर में शामिल किया गया है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के नाम सबसे ज्यादा स्टेट डिनर आयोजित करने का रिकॉर्ड है. रीगन ने राष्ट्रपति के दो कार्यकाल में 59 से ज्यादा स्टेट डिनर का आयोजन किया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में ये तीसरा स्टेट डिनर होगा. प्रधानमंत्री मोदी से पहले बाइडेन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल को स्टेट विजिट पर बुला चुके हैं.
कहां रुकेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?
तीन दिन के दौरे में प्रधानमंत्री मोदी वॉशिंगटन में स्थित ‘ब्लेयर हाउस’ में रुकेंगे. ये अमेरिकी राष्ट्रपति का गेस्ट हाउस है. ब्लेयर हाउस और व्हाइट हाउस के बीच कुछ ही कदमों की दूरी है.
ब्लेयर हाउस को 1824 में बनवाया गया था. इस गेस्ट हाउस में 120 कमरे हैं. ये 60,600 वर्ग फीट के दायरे में बना हुआ है. यहां पर 18 लोगों का स्टाफ है.
इसमें 14 गेस्ट रूम, तीन डायनिंग रूम, दो बड़े कॉन्फ्रेंस रूम, दो किचन, एक ब्यूटी सलून, एक्सरसाइज रूम और लॉन्ड्री रूम बना है.
अगर एक ही समय में दो या उससे ज्यादा विदेशी नेता वॉशिंगटन के दौरे पर होते हैं, तो फिर किसी को भी ब्लेयर हाउस में नहीं ठहाराया जाता है. ऐसे मौके पर इन नेताओं को व्हाइट हाउस के गेस्ट क्वार्टर में ठहराया जाता है.
स्टेट विजिट अलग क्यों होती है?
अमेरिकी विदेश विभाग की गाइडलाइंस के मुताबिक, अमेरिका में पांच तरह के दौरे होते हैं. इन्हें ‘राजकीय यात्रा’, ‘आधिकारिक यात्रा’, ‘आधिकारिक कार्य यात्रा’, ‘कार्य यात्रा’ और ‘निजी यात्रा’ में बांटा गया है.
1. राजकीय दौराः इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति खुद किसी देश के प्रमुख यानी हेड ऑफ स्टेट को आमंत्रित करते हैं. स्टेट विजिट पर आने वाले नेता ब्लेयर हाउस में रुकते हैं. उनके लिए व्हाइट हाउस में स्टेट डिनर का आयोजन भी किया जाता है.
2. आधिकारिक यात्राः स्टेट विजिट के बाद आधिकारिक यात्रा दूसरी हाई रैंकिंग यात्रा है. इस यात्रा पर आने वाले मेहमान को 19 तोपों की सलामी दी जाती है. अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ उनकी बैठक भी होती है.
3. आधिकारिक कार्य यात्राः किसी देश के नेता या मुखिया को इस यात्रा पर बुलाया जाता है. अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ बैठक भी होती है. व्हाइट हाउस में लंच भी होता है. डिनर भी हो सकता है. आने और जाने पर कोई खास कार्यक्रम नहीं होता.
4. कार्य यात्राः इस यात्रा में व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ बैठक जरूर होती है. लेकिन किसी तरह का लंच या डिनर नहीं होता. गिफ्ट्स भी नहीं दिए जाते. और न ही राष्ट्रपति की पति या पत्नी इसमें शामिल होती हैं.
5. निजी यात्राः इसमें किसी देश के मुखिया, नेता, विदेश मंत्री, मंत्री या कोई भी सरकारी अफसर आ सकता है. इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की अनुमति की जरूरत नहीं होती. निजी यात्रा कितने भी समय के लिए हो सकती है.
क्यों खास है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये अमेरिकी दौरा कई मायनों में खास है. प्रधानमंत्री रहते हुए मोदी का ये छठा अमेरिका दौरा है. हालांकि, ये पहली बार है जब वो राजकीय दौरे पर हैं.
इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी व्हाइट हाउस में जो बाइडेन के साथ बैठक करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में स्टेट डिनर का आयोजन होगा. अगले दिन कांग्रेस के ज्वॉइंट सेशन को संबोधित करेंगे. आखिरी दिन उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात होगी.
22 जून को प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को भी संबोधित करेंगे. वो इससे पहले साल 2016 में अमेरिकी संसद को संबोधित कर चुके हैं. दो बार अमेरिकी संसद को संबोधित करने वाले प्रधानमंत्री मोदी पहले भारतीय नेता हैं.
प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे में कई महत्वपूर्ण समझौते होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि ये भारत को सुपरपावर बनाने वाली अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील होगी.
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ही अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन 31 MQ-9B की खरीद को मंजूरी दी है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी इस तीन अरब डॉलर की डील का ऐलान कर सकते हैं. इसके अलावा इस दौरे में GE F414 इंजन का निर्माण भारत में ही होने पर मुहर लग जाएगी. ऐसा होता है तो फिर भारत में ही जेट इंजन बनाए जा सकेंगे.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे में स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहनों के साझा उत्पादन का समझौता भी हो सकता है. स्ट्राइक को दुनिया की सबसे ताकतवर बख्तरबंद गाड़ियां माना जाता है.