हाथरस में लोचा: मृतका की ‘भाभी’ जबलपुर की डॉ. राजकुमारी के रिश्तेदार होने का दावा , ‘भाभी’का इंकार
हाथरस केस में नया मोड़:पीड़ित के घर में रिश्तेदार बनकर संदिग्ध एक्टिविस्ट के रहने की चर्चा; आरोप लगने के बाद महिला ने दी सफाई, कहा- मैं तो एक प्रतिष्ठित डॉक्टर हूं, मुझे कैसे नक्सली बना दिया ?
पीड़िता के घर में संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट रह रही थी। पुलिस महिला के बारे में पता करने की कोशिश कर रही है।
महिला एक्टिविस्ट घूंघट ओढ़कर पुलिस से बातचीत कर रहीं थी
घटना के दो दिन बाद ही महिला पीड़िता के गांव पहुंच गई थी
हाथरस 10 अक्तूबर। हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और मौत के मामले में एसआईटी जांच कर रही है। इस बीच, चर्चा है कि जांच एजेंसियों के निशाने पर जबलपुर की एक महिला एक्टिविस्ट आ गई है। यह महिला 16 सितंबर से पीड़ित के परिवार का हिस्सा बनकर रह रही थी। फिलहाल, पुलिस अधिकारी मामले को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। हालांकि इस पूरे मामले के तूल पकड़ने के बाद जिस महिला पर आरोप लग रहा है, उन्होंने खुद सामने आकर सफाई दी है। उन्होंनें कहा है कि मदद करना मेरा स्वभाव है। मैं तो एक प्रतिष्ठित डॉक्टर हूं, इन्होंने कैसे मुझे नक्सली कह दिया।
बताया जा रहा है कि महिला ने चेहरा ढककर परिवार की सदस्य बनकर कई न्यूज चैनलों को इंटरव्यू दिया था। आरोप है कि उन्होंने कई भड़काऊ बातें कहीं थी। गांववालों को भी फर्जी अफवाहों से भड़काया था। पुलिस के जांच शुरू करते ही वह लापता हो गईं।
महिला ने आरोपों पर दी सफाई
इस बीच आरोप लगने के बाद खुद महिला ने सामने आकर अपनी बात कही है। महिला ने कहा है कि देश के किस कानून में लिखा है कि किसी की मदद करना गुनाह है। मैं पेशे से एक डॉक्टर हूं। नौकरी का पट्टा मुझे किसी की मदद करने से नहीं रोक सकता है। हमें सब कुछ आता है। मेरी नियत मदद करने की रही है और हमेशा आगे आकर मदद करती हूं।
महिला ने कहा कि सरकार की तरफ से जो नोटिस मिला है, उसका जवाब जरूर दूंगी। जरूरत पड़ी तो वहां जाकर भी जवाब दूंगी। महिला ने भावुक होकर कहा- मैं एक प्रतिष्ठित डॉक्टर हूं। मैं नक्सली कब से हो गई। यदि किसी की मदद करना है तो मुझे कोई नहीं रोक सकता है। यह सुनकर आश्चर्य चकित हुई हूं कि मुझे नक्सली बताया जा रहा है।
पीड़ित की भाभी बोलीं-जबलपुर की रिश्तेदार है
हालांकि, इससे पहले इस संबंध में पीड़ित की भाभी ने बताया कि महिला का नाम राजकुमारी है। यह जबलपुर की रहने वाली है। उसका एक बच्चा है। दूर की रिश्तेदार है। घटना के बाद से ही रिश्तेदार दूर-दूर से आ रहे हैं। वह भी आई थी। बाद में चली गई।
एसआईटी की जांच में महिला पर हुआ संदेह
सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी जांच में सामने आया कि 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़ित के घर में रहकर महिला एक्टिविस्ट बड़ी साजिश रच रही थी। महिला एक्टिविस्ट घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। घटना के 2 दिन बाद से ही संदिग्ध महिला एक्टिविस्ट पीड़ित के गांव पहुंच गई थी। चर्चा है कि पीड़ित के ही घर में रहकर वह परिवार के लोगों को कथित रूप से भड़का रही थी।
SIT की पड़ताल तेज होते ही सामने आ गईं भाभी,बोली-पुलिस दे मेरे नक्सल होने का प्रमाण
कथित दुष्कर्म के बाद दलित युवती की मौत के मामले की जांच कर रही एसआइटी टीम की जांच में सामने आया है कि हाथरस के 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर भाभी ने बड़ा षड्यंत्र रचा
हाथरस को बेहद चर्चा में लाने वाले बूलगढ़ी गांव के कांड में काफी उतार-चढ़ाव के दौर के बीच में मृत दलित युवती की कथित भाभी की चर्चा काफी तेज हो गई है। इसी बीच नक्सली होने का आरोप लगने पर प्रोफेसर डॉक्टर राजकुमारी बंसल मीडिया के सामने एक बयान जारी किया है।
कथित दुष्कर्म के बाद दलित युवती की मौत के मामले की जांच कर रही एसआइटी टीम की जांच में सामने आया है कि हाथरस के 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर ‘भाभी’ ने बड़ी साजिश रची। माना जा रहा है कि भाभी के नक्सली कनेक्शन हैं। इसी ने इस केस में बड़ी साजिश रची थी। एसआईटी की टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी है। इसी बीच नक्सली होने का आरोप लगने पर डॉक्टर राजकुमारी बंसल मीडिया के सामने एक बयान जारी किया।
पीड़ित परिवार से मेरा कोई रिश्ता नहीं
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार से मेरा कोई रिश्ता नहीं है, मैं केवल आत्मीयता के तौर पर हाथरस के बूलगढ़ी गांव में पीड़िता के घर गई थी। राजकुमारी बंसल ने बताया कि इस दौरान पीड़ित परिवार को अच्छा लगा कि हमारे समाज की एक लड़की इतने दूर से आई है तो उन्होंने कहा कि बेटा एक दो दिन रूक जाओ। उनके अनुरोध पर मैं रूक गई। उन्होंने कहा कि मैं पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करना चाहती थी। वहां जाने की जानकारी सिर्फ पति को ही दी थी। एसआईटी की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए राजकुमारी बंसल ने कहा कि किसी को भी लेकर बोलना और आरोप लगाना बहुत आसान होता है। एसआइटी की जांच पर महिला ने कहा कि इसका पहले सबूत पेश करें।
पीड़िता की फॉरेंसिक रिपोर्ट देखने गई
जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने कहा कि मुझे लगा कि मेरे नंबर के साथ टेंपरिंग की जा रही है। मैने फौरन साइबर पुलिस में रिपोर्ट की है। यह मेरे मान सम्मान की बात है। कैसे मुझे नक्सल कहा गया। उन्होंने कहा कि मैं तो वहां पर पीड़िता की फॉरेंसिक रिपोर्ट देखने गई थी। उसकी मैं एक्सपर्ट हूं। मैने भाभी भी बनकर कभी कोई भी इंटरव्यू नहीं दिया। मैं बेटी हूं।
आरोप है कि महिला घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। वह पीड़िता के ही घर में रहकर वह परिवार के लोगों को कथित रूप से भड़का रही थी। पीड़िता की भाभी बनकर रहने वाली नक्सली एक्टिविस्ट महिला की कॉल डिटेल्स में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
पीड़ित परिवार से एक दिन में कई बार पूछते हैं अफसर-कोई दिक्कत तो नहीं
हाथरस में पीड़ित परिवार को जिला प्रशासन ने पूरी सुरक्षा में रखा है। दिन में कई बार अफसर इस बारे में उनसे पूछते भी हैं। अब तो नोडल अधिकारी डीआईजी शलभ माथुर भी लगातार उनके घर पर नजर रखे हैं।
वह भी पीड़ित परिवार का हाल ले रहे हैं। पीड़िता के घर के चारों तरफ ही पुलिसकर्मी तैनात हैं। पीड़िता के घर महिला मजिस्ट्रेट भी दौरा कर रही हैं। पीड़िता के भाई ने बताया कि सुरक्षा के बारे में अफसर यही पूछते हैं कि वह लोग संतुष्ट हैं या नहीं। भाई का कहना था कि फिलहाल सुरक्षा इंतजामों से संतुष्ट हैं, आगे का पता नहीं।
क्या है पूरा मामला?
हाथरस में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की लड़की के साथ कथित गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।