निकिता तोमर के हत्यारों तौसीफ व रेहान को सजा होगी 26 को
‘लव जिहाद’ के आरोपों के बीच निकिता तोमर के हत्यारों को हुई सजा
Nikita Tomar की उसके कॉलेज के बाहर दो लोगों ने दिन दहाड़े हत्या कर दी. घटना का वीडियो पास के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.
तारीख 26 अक्टूबर, 2020. दिन सोमवार. फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में एक कॉलेज के बाहर एक लड़की की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. हत्या से पहले आरोपितों ने लड़की के अपहरण की कोशिश की. लड़की ने विरोध किया तो तमंचे से उसको गोली मार दी. अगले ही पल लड़की बेजान होकर जमीन पर गिर गई. दोनों आरोपित कार में सवार होकर भाग गए. पूरा वाकया पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. जब ये वीडियो बाहर आया, तो पूरे देश में सनसनी सी फैल गई. ये है वीडियो –
Blood-curdling daylight murder of college student identified as Nikita Tomar in Delhi suburb Faridabad (Haryana) caught on CCTV as she emerges from college after writing exam. Assailant identified as Taufeeq arrested, driver of car still absconding. https://t.co/8Yq4CWHsoi pic.twitter.com/HvBVrRgpGy
— Shiv Aroor (@ShivAroor) October 27, 2020
वीडियो निकिता तोमर हत्याकांड का है. इस मामले में आज फैसला आ गया. फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक ट्रायल कोर्ट ने आरोपितों को दोषी पाया है.
क्या है मामला?
आपने अभी जो वीडियो देखा, वो निकिता तोमर हत्याकांड का सबसे सनसनीखेज वीडियो है. वीडियो में जिस लड़की को गोली मारी गई, वो निकिता तोमर थी. 21 साल की निकिता बी कॉम फाइनल इयर की स्टूडेंट थी और जिस दिन हत्यारों ने उसकी सांसे रोक दीं, उस दिन वो एग्जाम देने अपने कॉलेज आई थी.
निकिता के पीछे-पीछे दो आरोपित भी आए थे. तौसीफ और रेहान. तौसीफ पिछले काफी समय से निकिता के पीछे पड़ा था. निकिता के घरवालों की मानें तो तौसीफ लगातार निकिता पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव डाल रहा था और निकिता बार-बार मना कर रही थी.
यही नहीं,हरियाणा के पुलिस कमिश्नर ने बताया था कि निकिता के परिवार ने साल 2018 में तौसीफ के खिलाफ किडनैपिंग का मामला दर्ज कराया था. बाद में यह केस वापस ले लिया गया. निकिता के पिता ने तब बताया था कि तौसीफ का संबंध राजनीतिक रसूख वाले परिवार से था. उन्हें लोक लाज का भी डर था. जिसके चलते केस वापस ले लिया. निकिता की बहन ने कहा कि साल 2018 में जब हमने मामला दर्ज कराया था,तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. उल्टा पुलिस ने समझौता करने को कहा. निकिता के पिता ने कहा-“2018 में जो हमारे साथ हुआ, उस समय हमने एक FIR कराई थी. उस FIR पर एक्शन भी जल्द हो गया था. फिर हमने लोक लाज के डर और उनके राजनीतिक बैकग्राउंड की वजह से शिकायत वापस ले ली. उन्होंने भी हमें भरोसा दिलाया था कि आगे कुछ नहीं होगा. मैंने समझौता कर लिया. मुझे अब अपने फैसले पर अफसोस होता है. FIR वापस नहीं लेनी थी. मैं अब लव-जिहाद के एंगल से भी जांच चाहता हूं. आरोपित मेरी बेटी पर शादी करने को धर्म परिवर्तन करने का दबाव तो बना ही रहा था. मुझे नहीं पता कि लव जिहाद क्या होता है. लेकिन अगर धर्म परिवर्तन को दबाव बनाना लव-जिहाद है, तो उस एंगल से भी जांच होनी चाहिए.”
इस पूरे घटनाक्रम के बाद एक नवंबर 2020 को बल्लभगढ़ में महापंचायत हुई. निकिता के लिए न्याय की मांग करते हुए लोग सड़कों पर उतर आए. रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने तोड़ फोड़ की. जिसके चलते पुलिस से उनकी झड़प भी हुई. झड़प में पुलिस पर पत्थरबाजी हुई और करीब 10 पुलिसवाले घायल हो गए. पुलिस ने 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया.इन सबके बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कहते रहे. उन्होंने जांच को SIT के गठन की घोषणा भी की.
Nikita Tomar के पिता.
इस मामले में जहां कोर्ट ने दो आरोपितों तौसीफ और रेहान को दोषी पाया है. तीसरे आरोपित अजुरुद्दीन को बरी कर दिया है.अजुरुद्दीन के ऊपर तौसीफ को तमंचा देने का आरोप था. दोषियों को क्या सजा मिलेगी, इसकी घोषणा 26 मार्च को होगी
आरोपित का कांग्रेस कनेक्शन?
अब फिर से बैकग्राउंड में चलते हैं. निकिता की हत्या के 11 दिनों में पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी. लेकिन मामला बहुत तूल पकड़ चुका था. इसे लेकर बहुत तीखी राजनीति हो रही थी. एक तरफ जहां राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए. वहीं दूसरी तरफ उसके खुद के ऊपर आरोप लगे.
कांग्रेस पर आरोप लगे कि पार्टी के नूह विधायक आफताब अहमद मुख्य आरोपित तौसीफ के दूर के चाचा लगते हैं और उन्हीं के संरक्षण के कारण पुलिस ने 2018 में तौसीफ पर कोई कार्रवाई नहीं की. पता चला कि तौसीफ के दादा कबीर अहमद भी विधायक रह चुके थे.वहीं तौसीफ के एक और चाचा खुर्शीद अहमद कांग्रेस पार्टी से सांसद और मंत्री रह चुके थे. इस कनेक्शन के सामने आने के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के दवाब के कारण ही निकिता के परिवार ने 2018 में केस वापस लिया. उन्होंने कहा-“ये जो बल्लभगढ़ में घटना हुई है, इसमें कांग्रेस नेताओं का हाथ है. आरोपित कांग्रेस के नेताओं का रिश्तेदार है. 2018 में कांग्रेस ने नेताओं ने लड़की के माता पिता पर दबाव डाला. इसी से उन्होंने केस वापस ले लिया था. अब SIT का गठन हुआ है. पूरे मामले की ढंग से जांच होगी अब.”
एक नवंबर को अनिल बिज ने ट्वीट किया कि लव जिहाद बनाने को लेकर विचार हो रहा है.
दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी के इन आरोपों को कांग्रेस ने नकार दिया. हरियाणा की कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि आरोपितों की कांग्रेस से कनेक्शन होने की बात पूरी तरह से झूठी है और ऐसा सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि बीजेपी अपनी विफलता छिपा सके. वहीं पार्टी ने नूह विधायक आफताब अहमद ने भी ऐसी ही बात कही. पार्टी ने आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की.
‘लव-जिहाद’ का एंगल
इस मामले में लव-जिहाद की भी बातें हुईं.जैसा कि आपको पहले बताया था कि निकिता के घरवालों ने आरोप लगाया कि तौसीफ ने निकिता पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव डाला. धीरे-धीरे लव जिहाद के इस कथित एंगल ने तूल पकड़ लिया. राज्य के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने कहा कि लव-जिहाद के खिलाफ कानून बनाने पर विचार किया जा रहा है.
बजट सत्र शुरू होने से पहले खबर आई कि राज्य सरकार एक ऐसा ही विधेयक विधानसभा में पेश करने जा रही है. दूसरी तरफ सरकार के सहयोगी दल जनता जननायक पार्टी के प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने ‘लव जिहाद’ शब्द पर आपत्ति जताई.उन्होंने कहा कि अगर बिल में इस शब्द का जिक्र होगा,तो उनकी पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी.हालांकि, अगर बिल में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून की बात होगी,तो समर्थन दिया जाएगा.उनके इस बयान के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि बिल में ‘लव-जिहाद’ शब्द का जिक्र नहीं है।
वैसे तो कथित लव जिहाद को लेकर कई बीजेपी शासित राज्यों में कानून बन चुके हैं. इनमें गिरफ्तारियां भी हुईं हैं. लव जिहाद शब्द का प्रयोग दक्षिणपंथी संगठन लंबे समय से करते आए हैं.लव जिहाद को लेकर ये संगठन कहते हैं कि मुस्लिम धर्म के लड़के अपनी पहचान छिपाकर दूसरे धर्म की लड़कियों से शादी करते हैं और फिर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराते हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पिछले साल लोकसभा में बताया कि लव जिहाद जैसा कोई शब्द कानूनी तौर पर परिभाषित नहीं किया गया है.
लव-जिहाद का पूरा बवाल साल 2009 में केरल शुरू हुआ. केरल हाई कोर्ट में इससे जुड़ा एक मामला सुनवाई को गया था. केरल हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच को बंद करा दिया और कहा कि लव-जिहाद का कोई अस्तित्व नहीं है. वहीं पिछले साल फरवरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद में बताया था कि लव जिहाद जैसा कोई शब्द कानून में परिभाषित नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 25 भारत के नागरिकों को किसी भी धर्म को अपनाने की स्वतंत्रता देता है.
कोर्ट में क्या हुआ?
अब फिर से निकिता तोमर हत्याकांड पर वापस आते हैं. कोर्ट में क्या-क्या हुआ,इसकी बात कर लेते हैं.इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 55 और बचाव पक्ष यानी कि आरोपितों की तरफ से दो गवाह पेश किए गए. कुल 31 बार सुनवाई हुई. आरोपितों ने बीच में पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट में एक याचिका भी डाली. जिसमें मामले की फिर से जांच करने की मांग की गई. आरोपितों ने अपनी याचिका में कहा कि SIT पक्षपाती तरीके से जांच कर रही है. हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया. ट्रायल कोर्ट में आरोपितों की तरफ से यह भी कहा गया कि निकिता की हत्या उसके परिवार ने ही की है और यह ऑनर किलिंग है.
वहीं दूसरी तरफ अभियोजन पक्ष ने सबूत पर सबूत पेश किए. अभियोजन पक्ष ने हत्याकांड की सीसीटीव फुटेज और कुछ जरूरी सबूत पेश किए. मसलन, जिस कार में दोनों आरोपित आए थे, उसमें से तौसीफ के बाल मिले. वहीं कार के एक शीशे पर रेहान के फिंगरप्रिंट मिले. साथ ही पुलिस ने तौसीफ को तमंचा देने वाले अजुरुद्दीन को भी कोर्ट में पेश किया. निकिता के साथ मौजूद उसकी दोस्त और दूसरे चश्मदीदों को भी पुलिस ने कोर्ट के सामने पेश किया. पुलिस ने तौसीफ और रेहान का कबूलनामा भी कोर्ट को सौंपा. दोनों ने पुलिस हिरासत में निकिता की हत्या करने की बात स्वीकारी थी.
अब कुछ इसी तरह के दूसरे मामलों के बारे में जान लेते हैं. पिछले साल जुलाई में एक महिला और उसकी बच्ची की हत्या कर दी गई. मामला मेरठ का था. आरोप महिला के प्रेमी शमशाद पर लगा. टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि शमशाद पिछले पांच साल से महिला के साथ रह रहा था. हालांकि, उसने महिला से अपनी असली धार्मिक पहचान छिपाई थी. इसे लेकर उनके बीच झगड़ा होने लगा. आरोप है कि शमशाद ने महिला और बच्ची को मारकर शवों के घर के आंगन में दफना दिया. महिला का नाम प्रिया और बच्ची का नाम कशिश था.