ओएनजीसी चौक दुर्घटना:एडास ऑन होता तो शायद बच जातेज्ञछह जीवन,150+किमी थी गति
Dehradun Accident six students died Speed havoc car collided with truck Dehradun ongc chowk accident
Dehradun Accident: गति से दुर्गति…मौत के मुंह में समा गये छह होनहार जीवन, एक साथ जलीं मित्रों की चिताएं
देहरादून ओएनजीसी चौक दुर्घटना की जिसने भी खबर सुनी वह सन्न रह गया। कार की पूरी छत टूटकर पिछले हिस्से से चिपक गई। मौके पर शव और मांस के लोथड़े करीब 60 मीटर तक बिखर गए।
देहरादून ओएनजीसी चौक दुर्घटना
ओएनजीसी चौक पर सोमवार देर रात बेहद तेज गति कार कंटेनर के पिछले हिस्से से टकराई थी। दुर्घटना में देखते ही देखते पल भर में छह मित्र मौत के मुंह में समा गए। मरने वालों में तीन युवतियां भी शामिल थीं। गति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कार की पूरी छत टूटकर पिछले हिस्से से चिपक गई।
मौके पर शव और मांस के लोथड़े करीब 60 मीटर तक बिखर गए। भीषण दुर्घटना में एक दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने सभी शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिए हैं।
मृतकों की पहचान गुनीत (19वर्ष) पुत्री तेज प्रकाश सिंह निवासी साईं लोक, जीएमएस रोड, कुणाल कुकरेजा (23 वर्ष) पुत्र जसवीर कुकरेजा, निवासी गली नंबर 11, राजेंद्र नगर, मूल निवासी चंबा हिमाचल प्रदेश, ऋषभ जैन (24 वर्ष) पुत्र तरुण जैन, निवासी राजपुर रोड जाखन, नव्या गोयल (23 वर्ष) पुत्री पल्लव गोयल निवासी आनंद चौक, तिलक रोड, अतुल अग्रवाल (24वर्ष) पुत्र सुनील अग्रवाल निवासी कालीदास रोड और कामाक्षी (20 वर्ष) पुत्री तुषार सिंघल निवासी कांवली रोड देहरादून के रूप में हुई है। जबकि, सिद्धेश अग्रवाल (25 वर्ष) पुत्र विपिन कुमार अग्रवाल निवासी राजपुर रोड दुर्घटना में घायल हुआ है।
देहरादून ओएनजीसी चौक दुर्घटना
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ये सभी दोस्त एक कार में सवार थे। कार अतुल अग्रवाल चला रहा था। सोमवार रात करीब पौने दो बजे उनकी तेज रफ्तार कार बल्लूपुर चौक से कौलागढ़ की तरफ चल रही थी। इसी दौरान कार किशननगर चौक की ओर से आ रहे कंटेनर के पिछले हिस्से से टकरा गई।
देहरादून ओएनजीसी चौक दुर्घटना
हादसा इतना भयानक था कि दो के सिर तो धड़ से ही अलग हो गए। मौके पर पहुंची कैंट पुलिस ने तीन शवों को दून अस्पताल, एक को कोरोनशन और दो को श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद परिजनों को सूचित किया गया। मंगलवार को सभी शवों का कोरोनशन अस्पताल में पोस्टमार्टम करा परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
देहरादून ओएनजीसी चौक दुर्घटना
हादसे के बाद मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया। सभी दोस्त सोमवार रात में एक साथ थे। इनमें से पांच के शवों का मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया। जबकि, कुणाल के परिजन हिमाचल प्रदेश से देर शाम देहरादून पहुंचे। परिजन कुणाल के शव का हरिद्वार में अंतिम संस्कार करेंगे। घायल सिद्धेश का सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। हालांकि, उसके मुंह और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं।
देहरादून में सड़क दुघर्टना
मृतकों में शामिल तीन दोस्त शहर के निजी विश्वविद्यालय के छात्र थे। इनमें कुणाल बीबीए, कामाक्षी बीकॉम और गुनीत बीबीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे। जबकि, ऋषभ जैन ने राजपुर रोड स्थित एक विवि से अपनी पढ़ाई पूरी की थी और अपने परिवार के कारोबार में हाथ बंटा रहा था। अतुल अग्रवाल के पिता का सहारनपुर में पटाखों का कारोबार है। उनका परिवार कुछ समय पहले ही देहरादून शिफ्ट हुआ था
एडास ऑन रहा होता तो……,सन रूफ से बाहर तो नहीं थे जिनकी कपी गर्दनें?
Dehradun Accident Two friends came out of car sunroof, if Aidas was on then their lives could have been saved
Dehradun Accident: तो कार की सनरूफ से बाहर निकले थे एक युवक और एक युवती…एडास ऑन होता तो शायद बच जाती जान
रात में पार्टी, रफ्तार और रेस के कॉकटेल ने छह दोस्तों की जिंदगी का अंत कर दिया। हादसे के बाद जो कहानियां निकलकर सामने आईं उसमें एक लग्जरी कार का रोल भी सामने आ रहा था।
देहरादून ओएनजीसी चौक हादसे में छह दोस्तों की जान चली गई। हादसे के कई कारण सामने आ रहे हैं। हादसे का शिकार हुई कार उच्च गुणवत्ता वाले सुरक्षा फीचर्स से लैस है। यह कार टॉप मॉडल थी। इसमें एडवांस ड्राइवर असिस्ट सिस्टम यानी एडास भी था। यह एडास भी लेवल टू यानी पिछले मॉडल से एडवांस है।
यह फीचर इस तरह का काम करता है कि यदि सामने कोई वाहन या व्यक्ति या अन्य कोई गतिरोध होता है तो गाड़ी खुद ब खुद ब्रेक लगा देती है। इसके अलावा भी इस कार में उन्नत किस्म के सुरक्षा फीचर हैं। इनमें एलेक्ट्रोनिक ब्रेक असिस्ट, एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रोनिक इस्टेबिलिटी प्रोग्राम आदि शामिल हैं।
कंटेनर की टक्कर से एक युवक और एक युवती की गर्दन तक कट गई है। ऐसे में अंदाजा यह भी लगाया जा रहा है कि ये दोनों कार की सनरूफ से बाहर निकले हों।
कंटेनर पर लगे कार के मलबे को देखकर विशेषज्ञ भी इस बात का अंदाजा लगा रहे हैं कि कार की रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा से भी अधिक रही होगी।
इसका अंदाजा इसी बात से लग रहा है कि कंटेनर के पिछले हिस्से पर लगा मलबा कुछ इस तरह चिपका हुआ है कि मानो पिघलाकर चिपकाया हुआ हो।
कार की सनरूफ का कांच भी पूरा उसी मलबे में चिपका हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह हादसा एक सेकेंड से भी कम वक्त में हुआ होगा।