मत: ट्रंप की मानसिक स्थिति भारत नहीं,अमेरिका को खतरा

विचार एवं विश्लेषण
दिन-रात ‘इंडिया’ और ‘मोदी’ जपने वाले डोनाल्ड ट्रंप क्या दिमागी संतुलन खो बैठे हैं?
डोनाल्ड ट्रंप नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती के कभी तराने गाते थे. पर भारत-पाक युद्ध के सीजफायर के बाद जैसे इस दोस्ती को नजर लग गई. ट्रंप जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वो केवल नोबल पीस प्राइज के लिए नॉमित करने के लिए नहीं हो सकता है. भारत और मोदी का जिस तरह वो नाम ले रहे हैं उससे साफ लगता है कि वो ब्रेकअप के बाद किस तरह अधीर हैं.
नई दिल्ली,
27 अगस्त 2025, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को फिर ऐसा बयान दिया जो बताता है कि भारत को लेकर वे कितने पजेसिव हैं. पिछले 76 घंटे में ट्रंप बार-बार भारत का नाम ले रहे हैं. ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन चला युद्ध रुकवाया था. ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दोनों देशों को धमकी दी थी कि अगर लड़ाई नहीं रुकी तो अमेरिका व्यापार समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि, मैंने प्रधानमंत्री  मोदी से कहा कि अगर पाकिस्तान से युद्ध नहीं रुका तो कोई व्यापार समझौता नहीं होगा. फिर मैंने पाकिस्तान से कहा कि अगर लड़ाई बंद नहीं हुई तो इतने ऊंचे टैरिफ लगाऊंगा कि उनका सिर घूम जाएगा. इसके बाद पांच घंटे में ही सब खत्म हो गया.

इस बयान के एक दिन पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर उन्होंने दोनों देशों का युद्ध रुकवाया था.. ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत-पाक युद्ध में 7 जेट मार गिराए गए थे. जाहिर है कि जिस तरह का व्यवहार अमेरिकी राष्ट्रपति भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिखा रहे हैं , कुछ वैसा ही जैसे ब्रेकअप के बाद पजेसिव गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड हरकतें करते हैं, उन्हें लगता है कि मोदी उन्हें अब भी फोन करके पुराने गिले शिकवे माफ कर देंगे. एक जर्मन अखबार की मानें तो ट्रंप चार बार नरेंद्र मोदी को फोन कर चुके हैं. पर मोदी हैं कि उनका दिल रखने को भी फोन नहीं उठाते. इसके चलते ट्रंप की बेकरारी और बढ़ जाती है. शायद ट्रंप तड़प कर रह जाते हैं और हर बार भारत के खिलाफ कुछ अपशब्द उनके मुंह से निकलता है.

सवाल यह है कि अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर और अमीर देश है. पूरी दुनिया में अमेरिका की तूती बोलती है. दूसरी तरफ भारत आज भी एक विकासशील देश है. भारत सरकार को उम्मीद है कि 2045 तक यानि 20 साल बाद हमारा देश विकसित राष्ट्र बन सकता है. इससे अधिक समय भी लग सकता है. मतलब यह है कि कहां राजा भोज कहां गंगू तेली .एक समय था, भारत के प्रधानमंत्रियों को अमेरिकी राष्ट्रपति अपने ऑफिस बुलवाकर घंटों इंतजार करवाते थे. एक समय ऐसा था कि अमेरिकी कार्पोरेट अपने उत्पाद भारत में बेचना भी पसंद नहीं करते थे क्योंकि उससे उनकी ब्रैंड वैल्यू खराब होती थी. एपल  संस्थापक स्टीव जॉब्स जब तक जिंदा रहे आईफोन भारत में लांच नहीं किया. पर अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं.

भारत और पाकिस्तान में सीजफायर होने के बाद जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भारत का नाम लेते रहते हैं वह भारत की महत्ता ही जाहिर करता है. 10 मई से 27 अगस्त के बीच में कम से कम हर दूसरे दिन में एक बार वो मोदी या भारत का जिक्र जरूर करते हैं. किसी भी देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के लिए यह एक हास्यास्पद स्थिति ही है कि वह लगातार किसी नेता या देश का नाम ले रहा है. कभी- कभी तो ऐसा लगता है कि ट्रंप आजकल सपने भी भारत का ही देखते हैं. जाहिर है कि इस तरह का व्यवहार संकेत देता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति आजकल मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं. उन्हें इलाज की जरूरत है.

आइये देखते हैं कि ऐसा क्यों लग रहा है कि ट्रंप की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है?

ऑपरेशन सिंदूर (7-10 मई 2025) के बाद, ट्रंप ने करीब 40 बार यह दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान में युद्धविराम करवाया है. India Today के अनुसार, ट्रंप ने 10 मई 2025 से लेकर 26 अगस्त 2025 तक 40 से अधिक बार दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान तनाव सुलझाया.

ट्रंप ने इन दावों को विभिन्न मंचों पर दोहराया, जैसे व्हाइट हाउस की प्रेस कॉन्फ्रेंस (10 मई, 18 जून, 27 अगस्त), ट्रुथ सोशल पोस्ट, और अन्य देशों में बयानों (जैसे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात में) में भी उन्होंने भारत राग नहीं छोड़ा. ट्रंप ने भारत पर टैरिफ (25% और बाद में 50%) लगाने की घोषणा करते समय और व्यापारिक नीतियों के संदर्भ में बार-बार भारत और मोदी का जिक्र किया. इसी तरह कम से कम 15 बार टैरिफ के बहाने ट्रंप भारत और मोदी का नाम ले चुके. यानि कि पिछले 100 दिनों में कम से 55 बार वो सार्वजनिक तौर पर भारत और नरेंद्र मोदी का नाम ले चुके हैं.

क्या ट्रंप का व्यवहार असामान्य है?

ट्रंप का बार-बार भारत और मोदी का नाम लेना, खासकर ऑपरेशन सिंदूर और टैरिफ के संदर्भ में, उनकी मानसिक स्थिति और व्यवहार पर सवाल उठाता है. वह इस समय ऐसी बातें कर रहे हैं जो या तो अतिशयोक्ति होती हैं या असंगत होती हैं. ट्रंप का सात जेट्स या पांच जेट्स मार गिराने का दावा परस्पर विरोधी ,असंगत और तथ्यहीन है। भारत और पाकिस्तान दोनों ने इसका खंडन किया.भारत को मृत अर्थव्यवस्था कहना भी उनकी मानसिक स्थिति खराब होने की ओर ही इशारा करता है.

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को 1500 साल पुराना (अप्रैल 2025) और सैकड़ों साल पुराना (27 अगस्त 2025) कह दिया. एक अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह की तथ्यात्मक ब्लंडर की उम्मीद नहीं होती है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर हो गया है. डाॅक्टर बांडी एक्स. ली, जिन्होंने The Dangerous Case of Donald Trump (2017) संपादित किया है, ने उनमें खतरनाक व्यवहार के लक्षण देखे. साइकॉलजी टुडे में छपी रिपोर्ट के अनुसार 27 विशेषज्ञों ने उनकी मानसिक स्थिति अमेरिका के लिए खतरा बताया है.

ट्रम्प को उनके ही देश में “अदभुत उपाधि” मिली,,!

प्रोफसर क्रिस्टीन फेअर (Carol Christine Fair) ने एक लाइव इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हिंदी की गाली दी “चूतिया” (chutiya) ।
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डोनाल्ड़ ट्रम्प को “शान्ति का नोबल पुरुस्कार” मिले, ना मिले,पर उनके ही देश की एक प्रख्यात महिला प्रोफेसर ने टेरिफ नीति के कारण जिस “उपाधि” से ट्रम्प को विभूषित किया है, अदभुत है . दुनिया के इतिहास में आज तक किसी भी राष्ट्रध्यक्ष को इस तरह की उपाधि से नहीं अलंकृत नहीं किया गया है,, ट्रम्प साहेब को कोटि कोटि बधाईयॉ,,।

प्रोफेसर क्रिस्टीन फेअर (Carol Christine Fair) ने एक लाइव इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हिंदी की गाली दी “चूतिया” (chutiya)  ।

• पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश पत्रकार मुईद पिरजादा से इंटरव्यू में, ट्रम्प की नीतियों और उनकी प्रशासनिक टीम की आलोचना करते हुए क्रिस्टीन फेअर ने इस शब्द का इस्तेमाल किया।

• उन्होंने कहा, “आशावादी सोचते हैं कि ब्यूरोक्रेसी सब संभाल लेगी। लेकिन निराशावादी लोग कहते है कि हमें चार साल इसी ‘चूतिया’ के साथ ही निकालने हैं।” इसके बाद उन्होंने साफ तौर पर दोहराया, “He is a chutiya!”।

( “चूतिया” शब्द हिंदी में एक गाली है, जिसे आम तौर पर “मूर्ख” या “बेवकूफ” के अर्थ में बोला जाता है।)

• इस बयान का वीडियो ,सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इस पर अब दुनियाभर में चर्चा होने लगी।
• पाकिस्तानी पत्रकार के हंसने के बावजूद फेअर ने इस शब्द का दोबारा इस्तेमाल किया ।
• यह पहली बार है जब किसी अमेरिका के किसी पॉलिटिकल एक्सपर्ट ने लाइव इंटरव्यू में इस तरह की गाली का प्रयोग अपने राष्ट्रपति के लिए किया, और इसे लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस चल पड़ी।American Political Scientist Christine Fair Calls Donald Trump ‘Ch****A’ In Pakistani Journalist Moeed Pirzada’s Show – VIDEO
Carol Christine Fair is an American political scientist and an associate professor in the Security Studies Program at the Edmund A. Walsh School of Foreign Service, Georgetown University.
Rahul M

Updated: Monday, August 25, 2025, 10:36 PM IST

American political scientist Carol Christine Fair, speaking during an interview on Pakistani-origin British journalist Moeed Pirzada’s show, reportedly referred to the US President as a “Ch****A”. A clip from the interview is going viral on social media.The clip begins with Pirzada asking Fair: “Do you think that the US administration, for the past 25 years, has now given up their view that India is needed for counterbalancing China? Do you think the US has moved beyond that? And if it has moved beyond that, then what has it moved into?”

Fair responded, saying: “No, I don’t think the US has moved beyond it, especially, I don’t think the bureaucracies have. I can’t speak for the patina of officials in the Trump administration. Unfortunately, many of the Trump officials are not terribly expert in their field. So it’s very tempting to take down as the singular force that matters. But one does have to remember that we have this complicated bureaucracy and this bureaucracy has been really working toward this relationship for these 25 years.”

She further said: “The optimist in me would like to believe the bureaucracy is going to hold it together, but the pessimist in me says this is six months and we have got four years of this Ch****A.”

The anchor can be seen giggling at her comment. He then shared that he keeps saying it in Urdu and that many of his viewers often object to his use of the cuss word. To this, Fair repeated the word and said, “He is a Ch****A.”

Who Is Christine Fair?

Carol Christine Fair is an American political scientist and an associate professor in the Security Studies Program at the Edmund A. Walsh School of Foreign Service, Georgetown University. Her academic work primarily centres on counter-terrorism and issues related to South Asia.

C. Christine Fair is a professor in the Security Studies Program at Georgetown University’s Edmund A. Walsh School of Foreign Service. She has previously held several high-profile positions, including senior political scientist at the RAND Corporation, political officer with the United Nations Assistance Mission in Afghanistan, senior research associate at the US Institute of Peace, and fellow at West Point’s Combating Terrorism Center and India’s Institute of Defense Studies and Analysis

विशेष: वैसे तो हमारे यहाँ भारत भी “C” भरे पड़े हैं। पर किसमें हिम्मत है कि अपने गधे को “C” कह दे। भले ही पार्टी मिट्टी के मिल जाये। पर मुँह से “C” न निकले।।

TOPICS:
रेसिप्रोकल टैरिफ
भारत-पाकिस्तान युद्ध

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