106 साल की कैद,17 लाख जुर्माना,दो साल बेटी से किया था रेप,दो और को सख्त सजा का सबक

 

Kerala News: नाबालिग बेटी से किया बार-बार दुष्कर्म, पिता को 106 साल की सजा

अदालत ने अभियुक्त पर कुल 17 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। राज्य की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अजित थंकय्या ने कहा कि यह घटना 2017 में सामने आई जब लड़की गर्भवती हो गई। शुरुआत में, उसने अपनी मां और पुलिस के पूछने के बावजूद यह खुलासा नहीं किया था कि अपराधी कौन है।
तिरूवनंतपुरम: केरल की एक विशेष त्वरित अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग बेटी से बार-बार दुष्कर्म करने के आरोप में पोक्सो कानून में 106 साल कैद की सजा सुनाई है। आरोपित पिता 2015 से ही अपनी नाबालिग बेटी के साथ बार-बार बलात्कार कर रहा था और पीड़िता 2017 में गर्भवती भी हो गई थी। पिता को बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण कानून (पोक्सो) में दोषी करार दिया गया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उदयकुमार ने नाबालिग बच्ची से बार-बार बलात्कार करने, उसे गर्भवती करने, 12 साल से कम उम्र की बच्ची से बलात्कार और अभिभावक या रिश्तेदार द्वारा बलात्कार के अलग-अलग अपराधों के लिए 25-25 साल की जेल की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि सजा एक साथ चलेगी और दोषी 25 साल जेल की सजा काटेगा।

अदालत ने अभियुक्त पर कुल 17 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। राज्य की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अजित थंकय्या ने कहा कि यह घटना 2017 में सामने आई जब लड़की गर्भवती हो गई। शुरुआत में, उसने अपनी मां और पुलिस के पूछने के बावजूद यह खुलासा नहीं किया था कि अपराधी कौन है।

बाद में उसे काउंसलिंग के लिए बाल कल्याण केंद्र (सीडब्ल्यूसी) भेजा गया, तो उसने खुलासा किया कि उसका पिता ही पिछले दो वर्षों से उसका बलात्कार कर रहा था। पिता को 2017 में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि पीड़िता के बच्चे को सीडब्ल्यूसी के माध्यम से गोद लेने के लिए रखा गया।

 छह साल की मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले मौलवी को अंतिम सांस तक जेल

विशिष्ट न्यायाधीश दीपक दुबे ने समाज को भावुक करने वाली कविता भी फैसले के आदेश की काॅपी में लिखी। 43 साल के दरिंदे मौलवी अब्दुल रहीम को अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाने के साथ ही अभियुक्त पर कोर्ट ने 1 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

यह पेशे से उर्दू टीचर था, दरिंदा 4 बच्चों का पिता भी है
मदरसे में पढ़ने आई बच्ची के साथ की थी हैवानियत

राजस्थान के कोटा में मंगलवार को दुष्कर्मी मौलवी को कोर्ट ने अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त ने छह साल की मासूम बालिका को अपनी हवस शिकार बनाया था। कोर्ट ने उसे उसके कर्मों की सजा सुनाई, जो उसे मरते दम तक भुगतनी होगी। दरिंदे को यह सजा पांच महीने पहले 6 छह साल की मासूम बालिका से दरिंदगी करने पर पाॅक्सो कोर्ट-3 ने सुनाई। विशिष्ट न्यायाधीश दीपक दुबे ने समाज को भावुक करने वाली कविता भी फैसले के आदेश की काॅपी में लिखी। पीड़ित बच्ची को हौसले की उड़ान और नई जिंदगी खुशहाल होकर जीने के लिए प्रेरित करने वाली कविता लिखी। न्यायाधीश दीपक दुबे लिखते हैं,

43 साल की उम्र के दरिंदे मौलवी अब्दुल रहीम को अंतिम सांस तक की सजा सुनाने के साथ अभियुक्त पर कोर्ट ने 1 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अभियुक्त कोटा शहर के रामपुरा इलाके का रहने वाला हैं। यह पेशे से उर्दू टीचर था और बच्चों का पढ़ाता था। इसके पास टयूशन पढ़ने जाने वाली 6 साल की मासूम के साथ इसने दरिंदगी की थी। दरिंदा 4 बच्चों का पिता भी है। अभियुक्त पीड़िता के गांव गया था। मदरसे में अकेला रहता था। इसने 13 नवंबर को बच्ची के साथ हैवानियत की थी। विशिष्ट लोक अभियोजक ललित शर्मा के मुताबिक, 14 नवंबर 2021 को इसे पुलिस ने पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। 13 नवंबर को दोपहर के बाद बच्ची को परिजनों ने मदरसे में पढ़ने भेजा था, शाम को मासूम घर लौटी तो वह रो रही थी। उसने अपने साथ की गई हैवानियत  घर पर बताई। 14 नवंबर को परिजनों की रिपोर्ट पर उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 6 जनवरी को कोर्ट में चालान पेश किया और कोर्ट ने दरिंदे को अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई।

महिला दिवस के पहले दिन पॉक्सो कोर्ट का बड़ा फैसला, मासूम बच्ची से दरिंदगी करने वाले काे सुनाई सजा-ए-मौत

झालावाड़ की पॉक्सो अदालत ने सोमवार को एक मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के आरोपित को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है। दो साल पुराने इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने महिला दिवस के ठीक एक दिन पहले दिरिंदगी की यह सजा सुनाई है।
राजस्थान में मासूम लड़की के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदे को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। झालावाड़ पॉक्सो कोर्ट प्रथम (jhalawar POCSO Court) के न्यायाधीश प्रदीप कुमार वर्मा ने यह सजा सुनाई। आरोपी पर नाबालिग बालिका से दुष्कर्म और हत्या (rape and murder) करके शव कट्टे में बंद कर देने का आरोप था। कोर्ट ने आरोपित लालचंद बैरागी को दोषी करार देते हुए सजा-ए-मौत दी।

पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक राम हेतार गुर्जर के मुताबिक लड़की के पिता ने 12 मार्च 2020 को झालावाड़ के सदर थाने में रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें उसने बताया था कि 11 मार्च 4 बजे से उसकी 6 साल बेटी अचानक घर से गायब हो गई। घरवालों ने उसको सभी जगह तलाश किया। लेकिन वह नहीं मिली। जिसके बाद पुलिस भी बालिका की तलाश में लग गई थी। बालिका को तलाशने में सफलता नहीं मिली। ऐसे में बालिका के पिता और अन्य परिजनों को शक होने पर उन्होंने उनके पुराने मकान में रहने वाले लालचंद बैरागी नामक किराएदार के कमरे का ताला खोलकर देखा, तो बालिका का शव प्लास्टिक के कट्टे में मिला। जिसके गुप्तांग से खून बह रहा था।

इस मामले में पुलिस ने अनुसंधान करके आरोपित को गिरफ्तार किया। न्यायालय में पेश किया। जहां से मुलजिम को झालावाड़ जिला जेल में न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था। मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने 30 गवाह और 56 दस्तावेज पेश किए जिसके आधार पर न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित को धारा 376 एबी, 377, 302 और 201 में दोषी मानते हुए पॉक्सो एक्ट में भी दोषी करार दिया। आरोपित लालचंद बैरागी को मौत की सजा सुनाई।

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